आज चौपाल में काफी गहमागहमी है,वर्ल्ड कप के उत्तेजक क्रिकेट मैच की चर्चा जो हो रही है, दालान के बाहर पाकड़ के पेंड के निचवे दरी बिछाके बईठे हैं चौबे जी महाराज और कह रहे हैं कि बटेसर ! आजकल माहौल में इत्ती गर्मी और देशभक्ति की मात्रा इत्ती ज्यादा हो गयी है कि क्रिकेटमय हो गया है हमरा देश .... मैच देखने के चक्कर में हमरी लोकल पुलिस हफ्ता वसूली छोड़कर जेब कतरों के साथ टी वी पर अंखिया गराई दिए हैं , बस सारा फोकस हमरे धोनी भईया के ऊपर है, हार गए तो धोनी भईया जिम्मेदार और जीत गए तो कहेंगे अमा यार तक़दीर अच्छी थी उसकी ! जैसे हमरे देश में क्रिकेट क्रिकेट न शिला की जबानी हो गयी है, जिधर से गुजरो सारी टी वी कवरेज उसी पर फोकस हो जाती है और मुन्नी की तरह खामखा बदनाम हो जाता है बेचारा धोनी भईया !
एकदम सही कह रहे हैं चौबे जी आप, हम आपकी बात का समर्थन करते हैं, इतना कहकर बटेसर ने अपनी भड़ास निकालते हुए कहा, कि ... हमरे इंडिया के कई प्लेयर तो एकदम्मै सठिया गए है ससुर, खेलने से ज्यादा विज्ञापनी भौजी के बालों में लगा गजरा महकते रहते हैं आजकल ! अब कोई भी कायदे से नहीं खेल पा रहा है तो जिम्मेदारी किसकी ?
धोनी भैया की और किसकी ? तपाक से बोला राम भरोसे !
चुप कर, ई का कह रहे हो राम भरोसे ? अगर सारी जिम्मेदारी धोनी भईया की है तो ई बताओ कि अपने जो सोते टाईप इन्डियन प्लेयर हैं जिनकी फील्डिंग करते हुए कभी पैंट गीली हो जाती है तो कभी ढीली और राखी सावंत टाईप जो बॉलर हैं , फिल्ड में बेहूदा हरकतें करेंगे मगर बिकेट लेने के नाम पर पंचर हो जाती है इनकी टायर ...हवा निकल जाती है फुस्स से फुलौना की तरह, अब इसकी जिम्मेदारी किसको दोगे राम भरोसे ?
धोनी को और किसको ? तपाक से बोला राम भरोसे
इसबार रहा नहीं गया गुलटेनवा को, बोला कि ई बताओ राम भरोसे भईया, राजा ने करपसन का इत्ता बड़ा बाजा बजाया , किसी ने जिम्मेदारी ली , नहीं न ?......कलमाडी ने कॉमन वेल्थ की आग में भ्रष्टाचार की हांडी चढ़ाई , किसी को बदबू आई, नहीं न ? निरा राडिया की खटिया में बरहन- बरहन लोग अंडस गए, किसी ने अंडसने की जिम्मेदारी ली, नहीं न ? हमरे देश के नेताओं ने अमरीकी पाखण्ड को अपने बिस्तर पर सुलाकर खुबई रासलीला रचाई , सही-सही बताओ कितने लोगों को शरम आई ? लगातार मोनमोहनी मुस्कान छाई रही दूरदर्शन पर और सोनिया मैडम अंचरवा दांत में दबा के देहरी के भीतर से देखती रही विष कन्याओं के पतीत खेल .....और तुम सबको केवल धोनी ही सुझा है खेलने के लिए अटखेल ? हर तरफ लूटी जा रही है विश्वास और आस्था की अभिव्यक्ति, यहाँ क्यूँ नहीं दिखती तुम्हारी देशभक्ति ?
गुलटेनवा की बतकही से पूरा चौपाल रह गया स्तब्ध, चटख गयी उनकी देशभक्ति की भावनाएं और बोलती हो गयी बंद ....सबने महसूस किया कि यदि विपक्ष नदारत रहे तो सचमुच सत्ता निरंकुश हो जाती है , आजकल देश में चारो तरफ यही हाल है, जनता बेहाल है और नेता काट रहे हैं चांदी .. आम जनता क्रिकेट जैसे खेल में देशभक्ति तलाश रही है और देश के नेता सविश बैंक में भेज कर माल ,हो रहे मालामाल !
चौबे जी ने भी गुलटेनवा की बातों से सहमति जताई और कहा कि हम फिजूल की बातों को हवा देकर गुड़गुड़ा रहे हैं हैं हुक्का और उधर नेतवन सब हमरी मुर्खता पर फूली के कुप्पा ! आज हम उस खेल के पीछे बेसुध हैं जो हमारी भावी पीढ़ी को कलम की जगह बल्ला थमाकर उन अंधेरी गलियों में ले जा रहा है जहां कोई कैरियर ही नहीं है ! हम उस खेल के पीछे दीवाने हैं जिसकी अंधी कमाई की एक चवन्नी इस देश के विकास पर खर्च नहीं होती ! हम उस खेल के लिए इज्जत दाव पर लगा देते हैं कायदे-क़ानून से भारत का नाम भी उपयोग में नहीं लाया जा सकता !
आपकी चिंता जायज है चौबे बाबा ! बहुत देर से खामोश गजोधर ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा .....!
ई का कहत हौ गजोधर, हमरे समझ से ई चिंता केवल चौबे जी की नहीं पूरे देश की है ...अब तुम्ही बताओ कि जिस देश की जनता के लिए रोटी-कपड़ा और मकान से बढ़कर रन, विकेट तथा छक्के हो जाएँ तो इसे किसका दुर्भाग्य कहा जाएगा, इस देश की जनता का या इस देश का ? इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा इस देश की मीडिया को, जनता को, सरकार को या फिर धोनी भईया को ?
कहते-कहते काफी उग्र हो गया बटेसर, बोला कि अंग्रेज चले गए ससुर और छोड़ गए दो चीज भारत में एक अंग्रेजी और दूसरी क्रिकेट !
एक दम सही कह रहे हो बटेसर, चौबे जी ने कहा एक से फ़ायदा तो दूसरी से कहीं ज्यादा नुकसान ....न रन, न बिकेट......इंडिया हिट विकेट ! मुझे तो उस वैद्य की विधा पर तरस आती है, भूखे-नंगों को जो सेहत की दवा देता है !
बाह...बाह...बाह, सुभान अल्लाह ! क्या बात है चौबे जी .....आपकी शायरी में वज़न है ! रमजानी मियाँ ने अपनी दाढ़ी को सहलाते हुए कहा ! लो मियाँ एक शायरी इस बूढ़े रमजानी की भी सुन लो , अर्ज किया है - " इस क्रिकेट भूत को किसने किया इजाद था, वह आदमी था या किसी शैतान का औलाद था ? "
बहुत बढ़िया शेर पटका रमजानी चाचा, क्या खूब कहा है ! गजोधर ने कहा
शुक्रिया, शुक्रिया, शुक्रिया !
रमजानी चाचा के इस शेर के साथ आज की चौपाल स्थगित हुयी इस संकल्प के साथ कि आज से हम निरर्थक बातों को हवा नहीं देंगे और बच्चों को क्रिकेट बुखार से दूर रखकर अच्छी तालीम देंगे ....ताकि हमारा राजा बेटा सचमुच राजा बेटा बनकर दिखाए !
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क्रिकेट के रंग में खूब रंगीं है चौबे जी की चौपाल ...... बहुत बढ़िया .....
जवाब देंहटाएंक्रिकेट का बुखार आमजन और मीडिया दोनों के ही सर चढ़ कर बोलता है ,ठेठ घरेलू महिलाओं की चौपाल भी इससे अछूती नहीं है .. इतना आसान नहीं है ,इसे दूर कर पाना ...
जवाब देंहटाएंशानदार व्यंग्य !
क्रिकेट का बुखार और चौपाल चौबे जी की...
जवाब देंहटाएंखूब जमी है चौपाल ! निपटा लीजिये सारे राष्ट्रीय अन्तराष्ट्रीय मुद्दे -कोई यह भी फरियायेगा कि राडिया खटिया में कैसी हैं ?
जवाब देंहटाएंarvind mishra
nice
जवाब देंहटाएंइस क्रिकेट भूत को किसने किया इजाद था, वह आदमी था या किसी शैतान का औलाद था ? "
जवाब देंहटाएंअब इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता .?
क्या गजब का रंग छाया है ..हर तरफ क्रिकेट का रंग आया है ..और आपने तो खूब रंग जमाया है .....सार्थक पोस्ट आपका आभार
वर्तमान हालातों पर बढ़िया , करारा व्यंग ।
जवाब देंहटाएंलेकिन क्रिकेट तो क्रिकेट है , सब डूबे हैं इसके रंग में । हम भी ।
वाह चौबे जी ने क्या दिया है- दे घुमा के...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
सही कह रहे हैं कि जब हार जाओ तो कप्तान धोनी को दोष दो लेकिन देश में भ्रष्टाचार हो रहा है तो प्रधानमंत्री कहते हैं कि मुझे कुछ मालूम ही नहीं। कप्तान हो तो धोनी की तरह स्वीकार भी करो। नहीं तो तैयार हो जाओ सुषमा जी आ रही हैं।
जवाब देंहटाएंअरे हम जो किरकेट नहीं देखते हैं जियादा , हमहूँ शामिल हैं इस चौपाल में .... ताली भी बजाते हैं और जीत के फ़ोन भी घुमाते हैं ... बिना सिकायत कपवा ले आना है ताकि इस बार के गाने की लाज रहे ये हिंद हमारा जश्न मनाये
जवाब देंहटाएंराजा ने करपसन का इत्ता बड़ा बाजा बजाया , किसी ने जिम्मेदारी ली , नहीं न ?......कलमाडी ने कॉमन वेल्थ की आग में भ्रष्टाचार की हांडी चढ़ाई , किसी को बदबू आई, नहीं न ? निरा राडिया की खटिया में बरहन- बरहन लोग अंडस गए, किसी ने अंडसने की जिम्मेदारी ली, नहीं न ? हमरे देश के नेताओं ने अमरीकी पाखण्ड को अपने बिस्तर पर सुलाकर खुबई रासलीला रचाई , सही-सही बताओ कितने लोगों को शरम आई ? लगातार मोनमोहनी मुस्कान छाई रही दूरदर्शन पर और सोनिया मैडम अंचरवा दांत में दबा के देहरी के भीतर से देखती रही विष कन्याओं के पतीत खेल .....और तुम सबको केवल धोनी ही सुझा है खेलने के लिए अटखेल ? हर तरफ लूटी जा रही है विश्वास और आस्था की अभिव्यक्ति, यहाँ क्यूँ नहीं दिखती तुम्हारी देशभक्ति ?
जवाब देंहटाएंशानदार व्यंग्य !
हमरे समझ से ई चिंता केवल चौबे जी की नहीं पूरे देश की है ...अब तुम्ही बताओ कि जिस देश की जनता के लिए रोटी-कपड़ा और मकान से बढ़कर रन, विकेट तथा छक्के हो जाएँ तो इसे किसका दुर्भाग्य कहा जाएगा, इस देश की जनता का या इस देश का ? इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा इस देश की मीडिया को, जनता को, सरकार को या फिर धोनी भईया को ?
जवाब देंहटाएंक्या बात है , चौबे जी की चौपाल तो देश की संसद हो गयी है, बधाईयाँ प्रभात जी !
आज हम उस खेल के पीछे बेसुध हैं जो हमारी भावी पीढ़ी को कलम की जगह बल्ला थमाकर उन अंधेरी गलियों में ले जा रहा है जहां कोई कैरियर ही नहीं है ! हम उस खेल के पीछे दीवाने हैं जिसकी अंधी कमाई की एक चवन्नी इस देश के विकास पर खर्च नहीं होती ! हम उस खेल के लिए इज्जत दाव पर लगा देते हैं कायदे-क़ानून से भारत का नाम भी उपयोग में नहीं लाया जा सकता !
जवाब देंहटाएंइसे केवल व्यंग्य समझकर हवा में नहीं उड़ाया जा सकता, यह तो इस देश की सचाई है जिसे चौपाल के माध्यम से सामने लाया जा रहा है !
हँसते हँसते पेट दुःख गया
जवाब देंहटाएंक्या आपने अपने ब्लॉग में "LinkWithin" विजेट लगाया ?
बहुत अच्छे से लपेट कर लिखा है।
जवाब देंहटाएंपर एक बात की ओर ध्यान दिलाना चाहता हूँ। टाइप का नियम यह है कि पूर्णविराम, संबोधन, अर्धविराम व अल्पविराम तथा अंतिम शब्द के बीच स्पेस न छोड़ी जाए। इस से पंक्ति पूरी होने पर शब्द ऊपर की पंक्ति में रह जाता है तथा विराम चिन्ह नीचे की पंक्ति में चला जाता है। जैसे यहाँ मालामाल ! के बाद लगा यह संबोधन चिन्ह नीचे की पंक्ति में चला गया है।
hansaane ke sath-sath sochne ko majboor karti post.
जवाब देंहटाएंhaa haa haa hee
जवाब देंहटाएंचौपाल पर किक्रेट जमा दी रविंद्र भाई ...बहुत खूब जी बहुत खूब
जवाब देंहटाएंजब आजकल हर जगह ... हर किसी पर क्रिकेट ही छाया है तो भला चौबे जी की चौपाल कैसे बच पाती इस क्रिकेट के बुखार से !
जवाब देंहटाएं"इस क्रिकेट भूत को किसने किया इजाद था, वह आदमी था या किसी शैतान का औलाद था" मौजू सवाल है इसे जोर—शोर से उठाया जाना चाहिए। बहुत अच्छा लगा पूरा व्यंग्य।
जवाब देंहटाएंप्रमोद ताम्बट
भोपाल
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बटेसर खा-म-खा बैर ले रहा है।
जवाब देंहटाएंई किरकिट के बुखार में देह तपता नहीं सनसनिया जाता है।
बटेसर भाई अंग्रेज़ी तक त ठीक है, किर्केट के साथ पंगा नहीं लेने का ... जब तक जीत रहे हैं ...
बाक़ी के लिए धोनी त हइये है।
खूब जमी है चोबे जी की चौपाल.हंसी ठठे में गंभीर मुद्दे समेट लिए आपने.
जवाब देंहटाएंजुलाहों में लट्ठमलट्ठा :)
जवाब देंहटाएंजिस खेल का आधार चोरी,बेईमानी,गद्दारी और इस देश के धनपशुओं के हाथ में हो उसमे देशभक्ति तलाशी जा रही है ,इस देश को अब क्रिकेट के सट्टेवाज और उसके दलाल चला रहे हैं.......शरद पवार जैसा व्यक्ति जिसे लाल किले पे फांसी पे लटकाया जाना चाहिए था वो इस देश के क्रिकेट का बादशाह है और इस देश के मंत्री जैसे संवेधानिक पद पर बैठा है ये इस क्रिकेट जैसे बेईमानी के खेल के पीछे के खेल का ही नतीजा है.....
जवाब देंहटाएंबहुते ही बढ़िया रहा आपका ई चौपाल।
जवाब देंहटाएंहा हा हा... बढ़िया!
जवाब देंहटाएंचौपाल पर क्रिकेट से लेकर राजनीति तक के चावल पक जाते हैं और व्यंग्य के करारे पापड़ भी मजाक की चाशनी में भिगो पर परोसे भी जाते हैं.
जवाब देंहटाएंव्यंग्य बहुत बढ़िया है.
kya jaandaar cricket ka rang diya diya..:)
जवाब देंहटाएंkya jaandaar cricket ka rang diya diya..:)
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया व्यंग लिखलअ भैया रविन्द्र जी, चौबे जी के चौपाल में ऐले के बाद मजा आ गईल. खूब हंसली, हंसत हंसत पेट फुली गईल. इही हो रहल बा सगरों, का किहल जाई.
जवाब देंहटाएंवाह ....बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंहा हा मजा आ गया बहुत खूब। बधाई।
जवाब देंहटाएंde gumake........kirkit ke bahane...
जवाब देंहटाएंapne apne choupal pe........achhi khabar li hai.........
mast...
pranam.
खूब जमी है चौपाल ...आजकल हर जगह क्रिकेट ही छाया है ...
जवाब देंहटाएंविजयी विश्व तिरंगा प्यारा
जवाब देंहटाएंझंडा ऊँचा रहे हमारा ..
आप सभी मिलकर यह स्तुत्य व्रत ले की भारत का नाम पूरे विश्व में मिलकर ऊँचा करेंगे. जब ११ खिलाडी मिलकर देश का गौरव बढ़ा सकते है तो हम करोडो क्यों नहीं. आखिर हम लोग भी तो अपने-अपने क्षेत्र के खिलाडी ही है. भारत माता की जय....
"भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" आप सभी के साथ मिलकर इस खुशियों को बांटता है. आप सभी को बहुत बहुत बधाई.
आजकल देश में चारो तरफ यही हाल है, जनता बेहाल है और नेता काट रहे हैं चांदी .. आम जनता क्रिकेट जैसे खेल में देशभक्ति तलाश रही है और देश के नेता सविश बैंक में भेज कर माल ,हो रहे मालामाल !
जवाब देंहटाएंbahut sateek. jaise koi neen-teer dil me atak gayee ho.
very nice(h) :))
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