भूटान की राजधानी थिंपु में सम्मानित हुये देश-विदेश के 30 ब्लॉगर्स और साहित्यकार।
रायपुर, छत्तीसगढ़ की अल्पना देशपांडे और अदिति देशपांडे की कलाकृतियों की प्रदर्शनी और लखनऊ की कुसुम वर्मा के अवधी लोकगीतों से खुशनुमा हुई थिंपु की एक शाम।
पाँच पुस्तकों तथा परिकल्पना समय मासिक पत्रिका के जनवरी अंक के साथ-साथ
परिकल्पना कोश वेबसाईट का लोकार्पण
ब्लॉग पर हाशिये का समाज विषय पर आधारित परिचर्चा में खुलकर बोले दक्षिण एशियाई ब्लॉगर्स
भूटान की सांस्कृतिक राजधानी पारो में काव्य संध्या के माध्यम से प्रवाहित हुई
सुर-सरस्वती और संस्कृति की त्रिवेणी।
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद निवासी ब्लॉगर और साहित्यकार कृष्ण कुमार यादव, हैदराबाद की सम्पत देवी मुरारका और रायपुर छतीसगढ़ के ललित शर्मा को विगत 15 से 18 जनवरी 2015 तक भूटान की राजधानी थिम्पू और सांस्कृतिक राजधानी पारो में आयोजित चतुर्थ ‘‘अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन‘‘ के दौरान सर्वोच्च परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान से नवाजा गया। इस सम्मान के अंतर्गत उन्हें पच्चीस हजार की धनराशि, स्मृति चिन्ह, सम्मान-पत्र और अंगवस्त्र प्रदान किए गए। साथ ही महाराष्ट्र के औरंगाबाद की अनुवादक सुनीता प्रेम यादव को परिकल्पना सार्क सम्मान प्रदान किया गया। इस सम्मान के अंतर्गत उन्हें पाँच हजार की धनराशि, स्मृति चिन्ह, सम्मान-पत्र और अंगवस्त्र प्रदान किए गए।
उत्तर प्रदेश के जनपदों मसलन सुल्तानपुर के डॉ राम बहादुर मिश्र को परिकल्पना साहित्य भूषण सम्मान, बाराबंकी के एडवोकेट रणधीर सिंह सुमन व डॉ विनय दास को क्रमशः परिकल्पना सोशल मीडिया सम्मान और परिकल्पना कथा सम्मान, लखनऊ की कुसुम वर्मा को परिकल्पना लोक-संस्कृति सम्मान, बहराइच के डॉ अशोक गुलशन को परिकल्पना हिन्दी गौरव सम्मान, रायबरेली से सूर्य प्रसाद शर्मा को परिकल्पना साहित्य सम्मान तथा हैदरगढ के ओम प्रकाश जयंत व विष्णु कुमार शर्मा को क्रमशः को परिकल्पना साहित्य श्री सम्मान व परिकल्पना सृजन श्री सम्मान तथा उन्नाव के विश्वंभरनाथ अवस्थी को परिकल्पना नागरिक सम्मान प्रदान किए गए। इसके अलावा इंदौर के प्रकाश हिन्दुस्तानी, रायपुर के गिरीश पंकज, गगन शर्मा, अल्पना देशपांडे, अदिति देशपांडे, दिल्ली की सर्जना शर्मा और निशा सिंह, मुंबई से आलोक भारद्वाज, सिल्चर की डॉ शुभदा पाण्डेय आदि के साथ-साथ देश-विदेश के लगभग तीस ब्लोगर्स को विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए परिकल्पना सम्मान से नवाजा गया।
यह सम्मान भूटान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के महासचिव श्री फूब शृंग के कर कमलों से दिये गए। इस अवसर पर भूटान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उप महासचिव श्री चन्द्र क्षेत्री, सार्क समिति के महिला विंग तथा इन्टरनेशनल स्कूल ऑफ भूटान की अध्यक्ष श्रीमती थिनले ल्हाम, असम विश्वविद्यालय सिल्चर के भाषा विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर नित्यानन्द पाण्डेय, इलाबाद परिक्षेत्र के डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव और हिन्दी के वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री गिरीश पंकज विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
इस अवसर पर पांच पुस्तकों क्रमशः संपत देवी मुरारका की यात्रा वृत्त तृतीय भाग, कुसुम वर्मा की ह्रदय कँवल, सूर्य प्रसाद शर्मा निशिहर की संघर्षों का खेल, विष्णु कुमार शर्मा की दोहावली, अशोक गुलशन की क्या कहूँ किससे कहूँ और परिकल्पना समय पत्रिका के जनवरी अंक के विमोचन के साथ-साथ परिकल्पना कोश वेबसाईट का लोकार्पण हुआ, वहीं रायपुर छत्तीसगढ़ की अल्पना देशपांडे और अदिति देशपांडे की कलाकृतियों की प्रदर्शनी का लोकार्पण संपन्न हुआ। इस अवसर पर कुसुम वर्मा के अवधी लोकगीतों की खुशबू में नहाई भूटान की एक शाम। डॉ राम बहादुर मिश्र के कुशल संचालन में सुर सरस्वती और संस्कृति की त्रिवेणी प्रवाहित करती काव्य संध्या और ब्लॉग पर हाशिए का समाज परिचर्चा में शामिल हुए भारत और भूटान के एक दर्जन से ज्यादा ब्लोगर्स।
सम्मेलन के दौरान वैश्विक परिप्रेक्ष्य विशेषकर सार्क देशों में हिन्दी के पठन-पाठ्न, हिन्दी साहित्य के प्रचार-प्रसार, न्यू मीडिया के रूप में ब्लॉगिंग के विभिन्न आयामों एवं बदलते दौर में सोशल मीडिया की भूमिका इत्यादि विषयों पर भी चर्चा हुई। सम्मेलन का मूल उद्देश्य दक्षिण एशिया में ब्लॉग के विकास हेतु पृष्ठभूमि तैयार करना, हिंदी-संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना, भाषायी सौहार्द्रता एवं सांस्कृतिक अध्ययन-पर्यटन का अवसर उपलब्ध कराना आदि था। दिल्ली, लखनऊ, काठमांडू में आयोजन के बाद इस बार 15-18 जनवरी 2015 के दौरान भूटान में चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन का आयोजन हुआ । यहाँ अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉग सम्मलेन आयोजित करने के पीछे उद्देश्य था हिंदी संस्कृति को भूटानी संस्कृति के करीब लाना और हिंदी भाषा को यहाँ के वैश्विक वातावरण में प्रतिष्ठापित करना। अभी कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपनी भूटान यात्रा के दौरान भारत-भूटान के मध्य ऐतिहासिक व सांस्कृतिक संबंधों की चर्चा करते हुए परस्पर सद्भाव व सहयोग की बात कही थी। भूटान में आयोजित यह सम्मेलन भी उसी कड़ी को आगे बढ़ाने का एक प्रयास था। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दी के मुख्य ब्लॉग विश्लेषक रवीन्द्र प्रभात ने तथा संचालन महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी श्रीमती सुनीता प्रेम यादव ने किया।
बहुत -बहुत बधाई है ।
जवाब देंहटाएंबहूत बढियाँ सफर् रहा कभी हम् भी सम्मलित होंगे
जवाब देंहटाएंअगली बार तो मैं भी अवश्य मिलूंगा
जवाब देंहटाएंरविन्द्र जी , बहुत बहुत बधाई ,
जवाब देंहटाएंइस बार तो आ नहीं सका , लेकिन अगली बार जरुर आ जाऊँगा .
आपका अपना
विजय
बधाईयाँ व अगले सम्मेलन के लिए अग्रिम शुभकामनाएँ,
जवाब देंहटाएंयादगार पल। सफल आयोजन के लिए साधुवाद प्रभात जी।
जवाब देंहटाएंचित्रमय सुन्दर रिपोर्ट -ऐसे ही देश विदेश में ब्लागिंग का झंडा बुलंद किये रहें!
जवाब देंहटाएंडॉ रमा द्विवेदी .....
जवाब देंहटाएंभूटान में चार दिवसीय चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मलेन सफलता पूर्वक सम्पन्न होने पर रविन्द्र जी एवं सभी प्रतिभागियों को ढेर सारी बधाइयाँ । सुन्दर चित्रो के साथ सुन्दर रिपोर्ट ! `परिकल्पना ' इसी तरह कीर्तिपताका फहराती रहे और हिंदी का प्रचार -प्रसार करती रहे ,इन्ही शुभकामनाओं के साथ ,,,,
सभी सम्मान प्राप्त करने वाले ब्लोग्गर्स को हार्दिक बधाई!
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई कार्यक्रम के सफलता पूर्वक आयोजन एवं समापन हेतू .... हिन्दी के प्रचार प्रसार मे आप लोगों के योगदान को आने वाला समय याद रखेगा ॥ परिकल्पना कोश वेबसाइट का क्या प्रयोजन है ? सभी पुरस्कार पाने वाले ब्लोगर्स को मेरी ओर से हार्दिक बधाई ।
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई !
जवाब देंहटाएंसुन्दर झलकियाँ … सम्मलेन की सफलता के लिए हार्दिक बधाईयाँ व शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंकार्यक्रम की बहुत बधाईयाँ। परिकल्पना का यह क्रम जारी रहे।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंभूटान में चार दिवसीय चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मलेन सफलता पूर्वक सम्पन्न होने पर रविन्द्र जी एवं सभी प्रतिभागियों को ढेर सारी बधाइयाँ ।
जवाब देंहटाएंबधाई और शुभकामनाएँ. :)
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