* परिकल्पना सार्क सम्मान से सम्मानित हुईं न्यूजीलैंड की प्रवासी भारतीय ब्लॉगर सुमन कपूर और परिकल्पना शोध सम्मान से श्रीगंगानगर (राजस्थान) के सुरजीत सिंह बरवार।
* सुमन कपूर परिकल्पना वैश्विक ब्लॉग प्रसार समिति की अध्यक्ष मनोनीत
* अवध की बेटी ने अवधी भाषा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठापित करने का संकल्प लिया।
लखनऊ : "लखनऊ मेरी नानी का घर है। यहाँ की गलियों में मेरा बचपन बीता है। अवध की इस धरती से मैं उसी प्रकार जुड़ी हूँ, जिसप्रकार शिशु गर्भ में नाल के माध्यम से अपनी माँ से जुड़ा होता है। मैं अवध की हूँ। अवधी भाषा ही नहीँ मेरी सांस्कृतिक विरासत है। मैं अवधी की हूँ, अवधी मेरी है। मैं इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठापित करूंगी। यह मेरा संकल्प है।" विगत 17 फरवरी को लखनऊ स्थित यू पी प्रेस क्लब में परिकल्पना संस्था द्वारा आयोजित विचार संगोष्ठी और सम्मान कार्यक्रम के दौरान उक्त बातें न्यूजीलैंड की प्रवासी भारतीय ब्लॉगर सुमन कपूर ने कही।
अपने उद्वोधन के क्रम में उन्होने कहा कि मेरी इच्छा है कि इस वर्ष का अगला अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन न्यूजीलैंड में हो। उनकी इच्छा का सम्मान करते हुये परिकल्पना संस्था के महासचिव और परिकल्पना समय (हिन्दी मासिक) के प्रधान संपादक लखनऊ निवासी रवीन्द्र प्रभात ने सार्वजनिक रूप से यह घोषणा की कि अगला अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन 25 से 31 दिसंबर 2015 के बीच न्यूजीलैंड में होगा। इस अवसर उन्होने श्रीमती कपूर को परिकल्पना वैश्विक ब्लॉग प्रसार समित की अध्यक्ष मनोनीत करते हुये कहा कि इनके मार्गदर्शन में हम हिन्दी ब्लॉगिंग को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठापित करने में सफल होंगे।
उन्होने आगे कहा कि विगत 15 से 18 जनवरी 2015 को भूटान की राजधानी थिंपु में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में उन्हें परिकल्पना सार्क सम्मान से सम्मानित किया जाना था, किन्तु तकनीकी कारणों से वे वहाँ नहीँ पहुँच सकी थी, इसलिए उन्हें लखनऊ में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान "परिकल्पना सार्क सम्मान" से सम्मानित किया गया है। साथ ही अपरिहार्य कारणों से भूटान नही पहुँच पाये राजस्थान के श्री गंगानगर निवासी ब्लॉगर सुरजीत सिंह बरवार को भी इस अवसर पर "परिकल्पना शोध सम्मान" प्रदान किया जा रहा है।
विचार विमर्श में रणधीर सिंह सुमन, डॉ विनय दास, ओम प्रकाश जयंत, विश्वंभरनाथ अवस्थी, विष्णु शर्मा, डॉ अशोक गुलशन, बिनोद मिश्र सहित कतिपय ब्लॉगरों ने अपने विचार व्यक्त कराते हुये कहा कि ब्लॉगरों का दायित्व है कि वे दुनिया की बेहतरी के लिए काम करें। दिन-प्रतिदिन, पल-पल बदलते घटनाक्रम समय और समाज पर पैनी नज़र रखनी होगी तथा अपनी सकारात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से समाज को दिशाबोध कराना होगा।
इस अवसर पर अवध भारती संस्थान के अध्यक्ष डॉ राम बहादुर मिश्र ने कहा कि लेखन के नाम पर कुछ सतही ब्लॉगरों की उपस्थिती ने ब्लॉगरों की छवि को नुकसान पहुंचाया है। कुछ लोग अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के नाम पर अनाप-शनाप लिखकर अपने को साहित्यकार समझ बैठे हैं।
अपने अध्यक्षीय बक्तव्य में आकाशवाणी लखनऊ की कार्यकारी अधिकारी डॉ अनामिका श्रीवास्तव ने कहा कि आज प्रिंट मीडिया के समानान्तर इलेक्ट्रोनिक मीडिया अधिक प्रभावशाली होता जा रहा है। सोशल मीडिया के द्वारा एक नई पीढ़ी तैयार हो रही है जिसे प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ राम बहादुर मिश्र तथा आभार व्यक्त रणधीर सिंह सुमन ने किया।
(लखनऊ से राम बहादुर मिश्र की रपट)
अरे वाह ये तो बहुत ही अच्छी खबर है .
जवाब देंहटाएंसुमन जी को ढेर सारी शुभकामनाये .
रविन्द्र जी को कार्यक्रम के लिए अग्रिम बधाई जी .
प्रणाम
विजय
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 19-02-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1894 पर दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
सुमन जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसुमन जी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाऐं ।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंSuman Ji ko badhai
जवाब देंहटाएंसार्थक पहल।
जवाब देंहटाएंअवधी की बात ही निरालीहै।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसुमन जी को हार्दिक बधाई। हिंदी ब्लागिंग को नई ऊंचाइयां मिलें यही कामना है।
जवाब देंहटाएंgood
जवाब देंहटाएंसुमन जी के लिये हार्दिक बधाई एवं अभिनन्दन ! आगामी परिकल्पना सम्मान समारोह के लिये अशेष शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएं