जैसा कि आप सभी को विदित है कि इस बार परिकल्पना पर जारी है वसंतोत्सव . इस आयोजन को शुरू करते हुए मैंने घोषणा की थी कि अब प्रत्येक वर्ष इस प्रकार का आयोजन किया जाएगा, साथ ही प्राप्त रचनाओं के आधार पर किसी एक चिट्ठाकार को जो चिट्ठाकार के साथ-साथ रचनाकार भी होंगे उन्हें फगुनाहट सम्मान से नवाजा जाएगा .आपको यह बताते हुए मुझे बेहद हर्ष की अनुभूति हो रही है कि सम्मान राशि जो पूर्व में १०००/- तय की गयी थी उसे बढ़ाकर ५००१/- किया जा रहा है और इसके साथ लखनवी अंदाज़ की मिठाईयों का प्रतिष्ठान "छप्पन भोग " की मिठाईयां भी उन्हें प्रदान की जायेंगी, ताकि सम्मान के साथ रचनाकार को फगुनाहट की भी आनंदानुभूति हो सके .
इस सम्मान हेतु लगभग दो दर्जन रचनाएँ प्राप्त हुयी हैं, जिनमें से तीन श्रेष्ठ रचनाओं का चयन करते हुए उन्हें फगुनाहट सम्मान के लिए नामित कर सुरक्षित किया गया है .एक श्रृंगार से ओतप्रोत गीत है तो दूसरी प्रकृति का मानवीकरण करती हुयी कविता और तीसरी अतुकांत व्यंग्य कविता .रचनाकार हैं क्रमश: अभनपुर छत्तीसगढ़ से श्री ललित शर्मा, पिट्सवर्ग अमेरिका से श्री अनुराग शर्मा और मुम्बई महाराष्ट्र से श्री वसंत आर्य ..
अगले पोस्ट से इन तीनों रचनाकारों की कवितायें क्रमश: प्रकाशित की जायेगी . कविताओं के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त आपकी टिप्पणियों तथा ईमेल से प्राप्त सुझावों और S.M.S. पर प्राप्त राय के साथ-साथ कुछ महत्वपूर्ण चिट्ठाकारों से परस्पर संवाद स्थापित करने के पश्चात ही विजेता के नाम की घोषणा की जायेगी .
यहाँ यह भी स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि नामित सदस्यों में से केवल एक रचनाकार को ही यह सम्मान प्रदान किया जाएगा और विजेता को ही सम्मान राशि दी जायेंगी शेष दो सदस्यों को नहीं . पहले मेरे मन में यह विचार आया था कि सम्मान राशि को तीनों रचनाकारों में वितरित किया जाए , किन्तु कुछ शुभचिंतकों ने सुझाया कि ऐसा करने से फिर सम्मान की गरिमा अछुण नहीं रह पायेगी, इसलिए इस विचार को त्यागना पडा .
एक और बात--तीनों नामित रचनाकारों में कोई महिला रचनाकार शामिल नहीं है, ऐसा इसलिए कि किसी भी महिला रचनाकार की रचनाएँ हमें प्राप्त नहीं हुयी है. हालांकि सुश्री पारुल जी ने रचना भेजने की पेशकश की थी जरूर किन्तु उनकी रचनाएँ निर्धारित अंतिम तिथि १६ फरवरी तक प्राप्त नहीं हो सकी है .
बहरहाल, कल से हम तीनों रचनाकारों की कविता प्रस्तुत करने जा रहे हैं . आप से विनम्र अनुरोध है कि हमें अपने सुझाव ravindra.prabhat@gmail.com पर भेजें या मोबाईल न. +919415272608 पर S.M.S. करें, मगर शर्त है कि तीनों रचनाओं के प्रकाशन के २४ घंटे के भीतर, क्योंकि अंतिम निर्णय ले लेने के पश्चात किसी भी प्रकार के सुझावों पर विचार करना संभव नहीं होगा !
जारी है वसंतोत्सव , मिलते हैं एक छोटे से विराम के बाद ...!
Bahut sundar prayas.
जवाब देंहटाएंHaardik Badhayi Svikaren.
बहुत बढिया प्रयास .. तीनो विजेताओं को बधाई !!
जवाब देंहटाएंआपके प्रयास तो अच्छे है, पर व्यापक प्रचार-प्रसार की भी जरुरत है. किसी महिला रचनाकार का न जुड़ना स्वयं में एक सवाल खड़ा करता है. फ़िलहाल तीनों विजेताओं को हार्दिक बधाई !!
जवाब देंहटाएंआपका यह प्रयास अत्यन्त सराहनीय है!
जवाब देंहटाएंकिसी कारणवश मुझे इसी बीच शहर से बाहर जाना पड़ा…इसिलिये कह कर भी रचना नहीं भेज पायी । इसका दुख है मुझे
जवाब देंहटाएंबधाईयाँ सभी को
जवाब देंहटाएंसुझाव तो तीनों रचनाकारों को पढ़ने के बाद ही दी जानी है, वैसे यह प्रशंसनीय है..!
जवाब देंहटाएंbadhaai sabhi ko accha pryaas hai
जवाब देंहटाएंविजेताओं को बधाई
जवाब देंहटाएंsabhi ko badhaayee ....
जवाब देंहटाएंarsh
तीनों नामित रचनाकारों को बधाईयाँ !
जवाब देंहटाएंपूरी पारदर्शिता झलक रही है आपके प्रयास में,आपके इस महान कार्य को मेरा नमन !
जवाब देंहटाएंतीनो विजेताओं को बधाई अप्पका ये प्रयास बहुत सराहनीय है आपको भी बधाई ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रयास. आपको साधुवाद एवं विजेताओं को बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई जी।
जवाब देंहटाएंविजेताओं को बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंरामराम.
रविंद्र जी,
जवाब देंहटाएंशुक्रगुजार हुँ परिकल्पना फ़गुनाहट का,
जो मेरा गीत नामित हुआ। आभार
सराहनीय प्रयास
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार और शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंरवींद्र जी,
जवाब देंहटाएंअभिनव प्रयास के लिए साधुवाद...
तीनों रचनाकारों को बधाई...अनुराग जी और वसंत जी को कभी पढ़ा नहीं लेकिन ललित शर्मा भाई तो रोज़ ही हमें आनंदित करते रहते हैं...मेरे लिए तो ललित जी हर हाल में विजेता हैं...
जय हिंद...
नामांकित तीनो रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रयास ......
जीतने वाले को पहले से बधायी.....
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