कहा जाता है कि यदि चाहत सबल हो तो लक्ष्य मुश्किल नहीं होता । जब मैंने परिकल्पना ब्लॉग उत्सव की उद्घोषणा की थी तब शायद मुझे भी यकीन नहीं था ...
परिकल्पना ब्लॉग उत्सव को प्रायोजक मिला
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कहा जाता है कि यदि चाहत सबल हो तो लक्ष्य मुश्किल नहीं होता । जब मैंने परिकल्पना ब्लॉग उत्सव की उद्घोषणा की थी तब शायद मुझे भी यकीन नहीं था ...
जैसा कि पिछले पोस्ट में मैंने ब्लॉग उत्सव की परिकल्पना करते हुए आपके सुझाव और रचनात्मक सहयोग की अपेक्षा की थी । अपेक्षा से कहीं ज्यादा आपक...
हमारे लिए प्रत्येक दिन किसी-न-किसी रूप में उत्सव का दिन होता है । उत्सव का यह रंग हमारी परंपराओं और रीति-रिवाजों को कायम रखने, आपस में लोगों...
ग़ज़ल हो गयी नंगी व्यवस्था , सादगी तलाश करो ! पत्थरों के शहर में एक आदमी तलाश करो !! पर्यावरण के नाम पर कर दिए लाखों खरच- खो गयी है गा...
बहुत दिनों के बाद मेरे जेहन की कोख से फूटी है एक ग़ज़ल, पढ़ना चाहेंगे आप ? ग़ज़ल बिन पिए शराब यूं मदमस्त कैसे हो गए ? आप ऐसे थे नहीं बेवक...
अभी पिछले दिनों मैंने परिकल्पना पर बसंतोत्सव का आयोजन किया । एक महीने तक कालजयी रचनाकारों के साथ-साथ आप सभी ने आज के कवियों की फागुनी रचनाएँ...