दो- तिहाई विश्व की ललकार है हिंदी मेरी -
माँ की लोरी व पिता का प्यार है हिंदी मेरी ।
बाँधने को बाँध लेते लोग दरिया अन्य से -
पर भंवर का वेग वो विस्तार है हिंदी मेरी ।
सुर -तुलसी और मीरा के सगुन में रची हुई -
भारतेंदु-कबीर की फुंकार है हिंदी मेरी ।
फ्रेंच , इन्ग्लीश और जर्मन है भले परवान पर -
आमजन की नाव है, पतवार है हिंदी मेरी ।
चांद भी है , चांदनी भी , गोधुली- प्रभात भी -
हरतरफ बहती हुई जलधार है हिंदी मेरी ।
() रवीन्द्र प्रभात
बाँधने को बाँध लेते लोग दरिया अन्य से -
पर भंवर का वेग वो विस्तार है हिंदी मेरी ।
सुर -तुलसी और मीरा के सगुन में रची हुई -
भारतेंदु-कबीर की फुंकार है हिंदी मेरी ।
फ्रेंच , इन्ग्लीश और जर्मन है भले परवान पर -
आमजन की नाव है, पतवार है हिंदी मेरी ।
चांद भी है , चांदनी भी , गोधुली- प्रभात भी -
हरतरफ बहती हुई जलधार है हिंदी मेरी ।
() रवीन्द्र प्रभात
हिन्दी दिवस की शुभकामनाओं के साथ ...
जवाब देंहटाएंइसकी प्रगति पथ के लिये रचनाओं का जन्म होता रहे ...
आभार ।
हम सब हिन्दी भाषी हैं, इसलिए हमारे लिए प्रत्येक दिवस हिन्दी दिवस है। फिर भी, आज का दिन हिन्दी के उत्तरोत्तर प्रचार प्रसार का प्रण करने का दिन है। आज के दिन हमें यह प्रण लेना चाहिए कि हम नये लोगों को हिन्दी ब्लॉगिंग से जोड़ें, उन्हें ब्लॉग बनाना और हिन्दी में पोस्ट करना सिखाएं।
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है कृपया पधारें
जवाब देंहटाएंचर्चामंच-638, चर्चाकार-दिलबाग विर्क
हिन्दी दिवस की शुभकामनाओं के साथ ...
जवाब देंहटाएंहरतरफ बहती हुई जलधार है हिंदी मेरी ।
जवाब देंहटाएंयही सच है सर जी !
हिंदी दिवस की ढेरों शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंस्कैन की गयी कॉपी पढना नहीं हो पा रहा - क्या आप ओरिगिनल लेख का लिंक दे सकेंगे ?
जवाब देंहटाएंमैं नहीं समझ पा रहा हूँ कि आप किस आलेख की बात कर रही हैं क्योंकि इस पोस्ट में स्केन कॉपी तो है नहीं ?
जवाब देंहटाएंaapke shbdon me ghul kar ek chamatkar hai meri hindi
जवाब देंहटाएंbahut sunder
rachana
आज विदेशी-भाषा का सत्कार है-मेरी हिंदी ,
जवाब देंहटाएंअपनों की ही दुत्कार है -मेरी हिंदी,
फिर भी बहरे कानों के लिए हुँकार है-मेरी हिंदी !
सराहनीय प्रयास है !
कल 14/09/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
चांद भी है , चांदनी भी , गोधुली- प्रभात भी -
जवाब देंहटाएंहरतरफ बहती हुई जलधार है हिंदी मेरी ।
बेहद खुबसूरत रचना !
हिंदी दिवस की अनंत शुभकामनाएँ ...
चांद भी है , चांदनी भी , गोधुली- प्रभात भी -
जवाब देंहटाएंहरतरफ बहती हुई जलधार है हिंदी मेरी ।
बेहद खुबसूरत रचना !
हिंदी दिवस की अनंत शुभकामनाएँ ...