क्या आपने हिंदी ब्लॉगिंग में कुछ विशेष कार्य किये हैं ?
क्या आपको पता है कि हिंदी ब्लॉगिंग में आपकी स्थिति क्या है ?
आ गयी है एक ऐसी किताब जिसमें वर्ष-2010 तक अस्तित्व में आये 3000 से ज्यादा ब्लॉग्स की चर्चा है
सारे ब्लॉगरों की ख़ास विशेषताओं और उनके योगदान की चर्चा है
देखना नहीं चाहेंगे आप ?
पुस्तक का नाम है : " हिंदी ब्लॉगिंग का इतिहास " जिसकी बेसब्री से प्रतीक्षा थी, प्रकाशित हो गयी है, जिसका लोकार्पण 11सितंबर 2011 को लखनऊ स्थित जय शंकर प्रसाद सभागार में होना सुनिश्चित हुआ है ...अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति की सफलता की कहानी कहती
दो ऐसी किताबें जिसने हिंदी ब्लॉगिंग के साथ-साथ आंदोलित कर दिया हिंदी साहित्य संसार को भी
पहली किताब थी "हिंदी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति"जिसका लोकार्पण विगत 30 अप्रैल 2011 को दिल्ली के हिंदी भवन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक, सुप्रसिद्ध हास्य-व्यंग्यकार श्री अशोक चक्रधर, वरिष्ठ साहित्यकार डा. राम दरस मिश्र.प्रभाकर श्रीत्रिय आदि की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न
और-
दूसरी पुस्तक है" हिंदी ब्लॉगिंग का इतिहास "
यह पुस्तक अविनाश वाचस्पति और रवीन्द्र प्रभात के द्वारा संपादित है
मूल्य : 495/- ( डाक खर्च अलग से )
प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701
(२) पुस्तक का नाम : हिंदी ब्लॉगिंग का इतिहास
लेखक का नाम : रवीन्द्र प्रभात
मूल्य : 250 /-( डाक खर्च अलग से)
प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701
विशेष ऑफर : 15 सितंबर 2011 तक बुकिंग करवाने वाले ब्लॉगरों को दोनों पुस्तक के लिए ७४५/- रुपये के स्थान पर केवल ४५०/- ही भुगतान करने पड़ेंगे, अलग से डाक खर्च भी वहन नहीं करना होगा .....
रुपये 450/- केवल भेजने के लिए आप अपनी सुविधानुसार निम्नलिखित तीन विकल्पों में किसी एक का चयन कर सकते हैं
1. आप मनीआर्डर से सीधे हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701 के पते पर राशि भेज सकते हैं परंतु मनीआर्डर के पीछे संदेश में अपना पूरा पता, फोन नंबर ई मेल आई डी के साथ अवश्य लिखें।
2. तकनीक का लाभ उठाते हुए आप बैंक ऑफ बड़ौदा, बिजनौर के नाम हिन्दी साहित्य निकेतन के खाता संख्या 27090100001455 में नकद जमा करवा सकते हैं। इस सुविधा का लाभ उठाने के बाद जमा पर्ची का स्कैन चित्र मेल पर अपनी पूरी जानकारी के साथ अवश्य भिजवायें।
3. आप यह राशि हिन्दी साहित्य निकेतन के नाम ड्राफ्ट के द्वारा भी डाक अथवा कूरियर के जरिए भेज सकते हैं। चैक सिर्फ सी बी एस शाखाओं के ही स्वीकार्य होंगे।
आप जिस भी विकल्प का चयन करें, उसका उपयोग करने के बाद इन ई मेल पर सूचना भी अवश्य भेजने का कष्ट कीजिएगा
giriraj3100@gmail.com, ravindra.prabhat@gmail.com & nukkadh@gmail.com पर जरूर भेजिएगा।
ज्ञातव्य हो कि उपरोक्त दोनों पुस्तकों का सम्मिलित मूल्य है रुपये. 745/- किन्तु लोकार्पण से पूर्व यानी दिनांक 15.09.2011 तक संयुक्त रूप से दोनों पुस्तकों की खरीद पर डाक खर्च सहित रू. 450/- ही देने होंगे !
ऑर्डर सीधे प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701 के नाम भेजना है !
किसी प्रकार की शंका होने पर ई मेल भेजने अथवा फोन से बात करने पर हिचकिचाएं मत।
नोट: जिन १५० व्यक्तियों ने पूर्व में इन पुस्तकों की बुकिंग करा रखी है उन्हें "हिंदी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति भेजी जा चुकी है और दूसरी पुस्तक" हिंदी ब्लॉगिंग का इतिहास " ११ सितंबर के बाद भेजी जायेगी ....!
इस सूचना को ब्लॉगहित में सबके साथ साझा कीजिए।
रवीन्द्र जी हार्दिक बधाई और शुभकामनायें…………सब जगह साझा कर देंगे।
जवाब देंहटाएंनुक्कड पर तो लगा भी दी है सब तक पहुंच जायेगी।
जवाब देंहटाएंकार्यक्रम एवं पुस्तक हेतु हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएं------
ब्लॉग समीक्षा की 32वीं कड़ी..
पैसे बरसाने वाला भूत...
शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंहम तो पहले ही 450 रुपये 30 अप्रैल को दिल्ली में जमा कर चुके हैं!
शास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंआप तो विमोचन में आ रहे हैं, आपको वहीं प्राप्त हो जायेगी !
mujhe to s.b.i ki draft bana kar bhejni hogi .....putak k liye aabhar .....
जवाब देंहटाएंHmane bhi 30 ko jama karvaye the.. Post se bhijava denge...
जवाब देंहटाएंAbhar
इस सराहनीय प्रयास के लिए हार्दिक बधाई ...
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें! हमारी बुकिंग तो हो चुकी है ।
जवाब देंहटाएंwaah... badhaiyaan... jee jaroor... mai direct money transact karna chahungi, par aapko soochit kaise karungee... ???
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाइयाँ आप सभीको ! आभार !
जवाब देंहटाएंहमने तो पहले ही बुकिंग करवा दी थी...
जवाब देंहटाएंरवीन्द्र जी हार्दिक बधाई और शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंआभार
jai ho !
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen !
शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंहम तो पहले ही 450 रुपये 30 अप्रैल को दिल्ली में जमा कर चुके हैं!कृपया पुस्तक भिजवाने का कष्ट करें।
बहुत बहुत शुभकामनाये.हमारे भी पैसे ४५० पहुँच चुके हैं पहले ही.पुस्तक का इंतज़ार रहेगा.
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंरविन्द्र जी पहली पुस्तक तो खरीद चुके हैं। केवल नई पुस्तक खरीदने का क्या विकल्प है?
जवाब देंहटाएंhardik shubhkamnayen!
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई और शुभकामनायें…
जवाब देंहटाएंपूजा जी,
जवाब देंहटाएंआप जिस भी विकल्प का चयन करें, उसका उपयोग करने के बाद इन ई मेल पर सूचना भी अवश्य भेजने का कष्ट कीजिएगा
giriraj3100@gmail.com, ravindra.prabhat@gmail.com & nukkadh@gmail.com पर जरूर भेजिएगा।
द्विवेदी जी,
जवाब देंहटाएंयह ऑफर दोनों पुस्तकों की एक साथ खरीद पर है, केवल एक पुस्तक की खरीद पर पूरी धनराशी देय है ...अर्थात पुस्तक का मूल्य २५०/- (डाक खर्च सहित) ही भेजना होगा !
भाई रविन्द्र प्रभात जी,
जवाब देंहटाएंवन्दे !
आज आपकी आज्ञानुसार यहां आया !
बडा़ जबरदस्त काम है भई आपका तो !
मंत्रमुग्ध हूं ! जय हो आपकी !
बहुत ही सराहनीय एवम रेखंकनीय काम है !
श्लाघनीय---वन्दनीय----नमनीय !
साधुवाद एवम भरपूर शुभकामनाएं !
========ओम पुरोहित"कागद"==========
www.omkagad.blogspot.com
www.kavikagad.blogspot.com
मैं तो उन १५० खुशनसीबों में से एक हूँ जिसने इन दोनों किताबों की बुकिंग एक माह पूर्व ही करा ली है,बधाईयाँ और शुभकामनाएं ...!
जवाब देंहटाएंमैंने ४५०/- रुपये कल अकाउंट में डलवा दूंगा, कृपया मुझे भी दोनों पुस्तकों की एक-एक प्रतियां चाहिए !
जवाब देंहटाएंमैं ४५०/- मणिऑर्डर से भेज रहा हूँ मुझे भी पुस्तकें भेजवायें, आपका आभार !
जवाब देंहटाएंबधाइयां और शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंरवीन्द्र जी हार्दिक बधाई और शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंआभार!!
दिनेश भाई 250 में तो आप लखनऊ हो आएंगे। आप तो सीधे लोकार्पण समारोह में पहुंच जाइये और एक प्रति तो ले ही आइये। स्वस्थ रहा तो अवश्य पहुंच रहा हूं मैं भी। प्रयास जारी हैं।
जवाब देंहटाएंचलिए! हिंदी ब्लागिंग भी ऐतिहासिक होती जा रही है:) बधाई स्वीकारें॥
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई और शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाइयाँ आप सभीको ! आभार !
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई और शुभकामनायें…
जवाब देंहटाएंकोसीर... ग्रामीण मित्र !
आखिर,इंतजार की घडियां खत्म हुई-ऒर ’हिंदी ब्लागिंग का इतिहास’आपके अथक प्रयास से आ ही गयी.शायद विमोचन पर तो नहीं पहुंच पाउंगा.दोनों पुस्तकों का अग्रिम भुगतान कर चुका हूं.अब तो 11 सितंबर के बाद डाकिया बाबू का इंतजार करना पडेगा.
जवाब देंहटाएंसभी मित्रों को इस उपलब्धि पर हार्दिक शुभकामनायें.
शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंMhodaya
जवाब देंहटाएंkripya lucknow ke samaaroh ka sthan aur address bhi batane ka kaast kare.
रविन्द्र जी कल NEFT से बैंक ऑफ़ बरोदा के बताये खाते में ४५० रुपये प्रेषित कर रहा हूँ और आपको मेल भी कर रहा हूँ. कृपया पुस्तक मिलना सुनिश्चित करे . धन्यवाद
जवाब देंहटाएंरवीन्द्र जी की मेहनत प्रशंसनीय है, शुभकामनायें एवं बधाई।
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई और ढेरों शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंरवीन्द्र जी हार्दिक बधाई और शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं.....
जवाब देंहटाएंपहली पुस्तक समय पर मिल गई थी इसके लिए शुक्रिया।
दूसरे का इंतजार है बेसब्री से...........
एक बार फिर
शुभकामनाएं 11 सितम्बर के लिए......
अशोक शुक्ला जी,
जवाब देंहटाएंलोकार्पण ११ सितंबर को लखनऊ के कैसरबाग स्थित जय शंकर प्रसाद सभागार में आयोजित है और आप सादर आमंत्रित हैं !
समय है अपराह्न २.३० बजे
जवाब देंहटाएंबधाई और शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंइस सराहनीय प्रयास के लिए हार्दिक बधाई ...
जवाब देंहटाएंहम तो पहले ही दोनों पुस्तकों की बुकिंग करवा चुके हैं जिसमें से पहली वाली पुस्तक प्राप्त भी हो चुकी है।
जवाब देंहटाएंमैं भी दोनों पुस्तकों के लिए पहले ही 500/00 रुपए का मनीआर्डर कर चुकी हूं । लेकिन अभी पुस्तकें नहीं मिली हैं .....
जवाब देंहटाएंशशि जी,
जवाब देंहटाएंसंभव हो तो मणिऑर्डर की रसीद सकें करके आप मुझे मेल करें, मैं प्रकाशक से बात करके भिजवाता हूँ !
क्षमा कीजिएगा, सकें को स्केन पढ़ें
जवाब देंहटाएंबधाई और शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंहिन्दी ब्लाग का दयारा बहुत बढ़ता जा रहा है.. इसका इतिहास लेखन बहुत ही महत्पूर्ण का है/रहा होगा.. एक अथक परिश्रम के बाद पुस्तक आना निश्चित रूप से बड़ा कदम है और इसके पीछे लगे सभी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष जन, बधाई के पात्र है..
जवाब देंहटाएंआज ही इस पोस्ट के द्वारा इस पुस्तक की सूचना प्राप्त हुई, यदि आफर की समयावधि कुछ बढ़ी हो अथवा अभी ऑफर अभी उपलब्ध हो तो सूचित करने का कष्ट करे ताकि.. कल ही शुल्क भेज कर पुस्तक प्राप्ति को सुनिश्चित कर सकूँ।
पुन:श्च बधाई,