(Google)



हमारे  वोट,  पेड़  पर   उगते   हैं   क्या ? (व्यंग गीत)






यूँ  लगा मानो  कि ग़लती  से  हमने, गधे  की  दुम  दबा  दी..!

हुआ    ऐसा, एक  नेताजी  को   पीछे से    आवाज़  लगा  दी..!

1.

चुनाव  सर  पर  था  और  प्र-खर  समाज  प्रचुर  जोश में  था..!

अतः वो दौड़े  चले आए  और  फिर  लं..बी  खर-तान  लगा  दी..!

यूँ  लगा मानो  कि ग़लती  से  हमने, गधे  की  दुम  दबा  दी..!

2.

"ज़रा   धीरे   नेताजी, आप  की   तरह, जनता   बहरी   है  क्या ?"

बोले, "चाहे   सो  कहो, दिलवा  दोगे  ना   फिर  वही  राजगद्दी ?"

यूँ  लगा मानो  कि ग़लती  से  हमने, गधे  की  दुम  दबा  दी..!

3.

हमने   कहा, " क्यों जी   हमारे   वोट,  पेड़  पर  उगते   हैं   क्या ?

अब  इतना समझ लो, हमने आपकी  किस्मत  उल्टी  धुमा  दी..!" 

यूँ  लगा  मानो  कि  ग़लती  से  हमने, गधे  की  दुम  दबा  दी..!

4.

बोले, "  हर  आँगन  में  हम, रुपयों  का  एक  पेड़  लगवा  देंगे..!"

हम  पर करें  वह  दूसरा  खर-प्रहार , हमने  पीठ  ही  धुमा  ली..!

यूँ  लगा  मानो  कि  ग़लती  से  हमने, गधे  की  दुम  दबा  दी..!


मार्कण्ड दवे । दिनांकः२४-०९-२०१२. 


-- 
MARKAND DAVE
http://mktvfilms.blogspot.com   (Hindi Articles)

2 comments:

  1. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल २५/९/१२ मंगलवार को चर्चाकारा राजेश कुमारी के द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका वहां स्वागत है

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  2. सोमवार, 24 सितम्बर 2012
    हमारे वोट, पेड़ पर उगते हैं क्या ? (व्यंग गीत)


    (Google)



    हमारे वोट, पेड़ पर उगते हैं क्या ? (व्यंग गीत)






    यूँ लगा मानो कि ग़लती से हमने, गधे की दुम दबा दी..!

    हुआ ऐसा, एक नेताजी को पीछे से आवाज़ लगा दी..!

    1.

    चुनाव सर पर था और प्र-खर समाज प्रचुर जोश में था..!

    अतः वो दौड़े चले आए और फिर लं..बी खर-तान लगा दी..!

    यूँ लगा मानो कि ग़लती से हमने, गधे की दुम दबा दी..!

    2.

    "ज़रा धीरे नेताजी, आप की तरह, जनता बहरी है क्या ?"

    बोले, "चाहे सो कहो, दिलवा दोगे ना फिर वही राजगद्दी ?"

    यूँ लगा मानो कि ग़लती से हमने, गधे की दुम दबा दी..!

    3.

    हमने कहा, " क्यों जी हमारे वोट, पेड़ पर उगते हैं क्या ?

    अब इतना समझ लो, हमने आपकी किस्मत उल्टी धुमा दी..!"

    यूँ लगा मानो कि ग़लती से हमने, गधे की दुम दबा दी..!

    4.

    बोले, " हर आँगन में हम, रुपयों का एक पेड़ लगवा देंगे..!"

    हम पर करें वह दूसरा खर-प्रहार , हमने पीठ ही धुमा ली..!

    यूँ लगा मानो कि ग़लती से हमने, गधे की दुम दबा दी..!


    मार्कण्ड दवे । दिनांकः२४-०९-२०१२.

    क्या बात है इस मर्तबा चर्चा मंच http://charchamanch.blogspot.com/2012/09/1013.html?showComment=1348534797662#c3679556226192705609

    TUESDAY, SEPTEMBER 25, 2012

    मंगलवारीय चर्चा मंच --( 1013)उमा की लाडली

    पूरी तरह छा चुका है .

    पेड़ों पे पैसे लगवा चुका है .

    चर्चा मंच के सेतु (लिंक )सब ,

    ज्यों नावक के तीर ,

    देखन में छोटे लगें ,

    घाव करें गंभीर .

    ram ram bhai
    मुखपृष्ठ

    मंगलवार, 25 सितम्बर 2012
    दी इनविजिबिल सायलेंट किलर

    http://veerubhai1947.blogspot.com/

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