चलते चलते
ध्यान रखते रखते भी
पैर में चुभ गया
छोटा सा काँटा
चलना रुका नहीं
पर दर्द से हाल बेहाल
करने लगा
छोटा सा काँटा
बैठ गया पेड़ तले
किसी तरह निकल जाए
छोटा सा काँटा
पैर लहुलुहान हो गया
निकलने का नाम ना लिया
जिद पर अड़ गया
छोटा सा काँटा
थक हार कर लंगडाते हुए
फिर चल पडा सफ़र पर
समझ गया ध्यान
कितना भी रख लो
चुभ सकता है
ज़िन्दगी के सफ़र में
छोटा सा काँटा
रुला सकता है
बिगाड़ सकता है
ज़िन्दगी की चाल
करता सकता हैरान
छोटा सा काँटा
कब चुभेगा
पता नहीं चलता
ध्यान रखते रखते भी
पैर में चुभ गया
छोटा सा काँटा
चलना रुका नहीं
पर दर्द से हाल बेहाल
करने लगा
छोटा सा काँटा
बैठ गया पेड़ तले
किसी तरह निकल जाए
छोटा सा काँटा
पैर लहुलुहान हो गया
निकलने का नाम ना लिया
जिद पर अड़ गया
छोटा सा काँटा
थक हार कर लंगडाते हुए
फिर चल पडा सफ़र पर
समझ गया ध्यान
कितना भी रख लो
चुभ सकता है
ज़िन्दगी के सफ़र में
छोटा सा काँटा
रुला सकता है
बिगाड़ सकता है
ज़िन्दगी की चाल
करता सकता हैरान
छोटा सा काँटा
कब चुभेगा
पता नहीं चलता
कर देगा जीना दूभर
छोटा सा काँटा
ज़िन्दगी का सफ़र
बड़ा अजीब होता है
बता गया
ज़िन्दगी का सफ़र
बड़ा अजीब होता है
बता गया
छोटा सा काँटा
755-51-27-09-2012
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर"
कब चुभेगा
जवाब देंहटाएंपता नहीं चलता
कर देगा जीना दूभर
छोटा सा काँटा
ज़िन्दगी का सफ़र
बड़ा अजीब होता है
बता गया
छोटा सा काँटा
बढ़िया रचना
बहुत सुन्दर.....पूरा जीवन दर्शन समझा गया ...एक छोटा सा काँटा !
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