इस बार भी बारिश में
पानी तो बरसेगा
पर बरखा की फुवारों में
भीगने का
मन नहीं करेगा
पेड़ों के पत्ते भी धुल कर
चमकने लगेंगे
पर मेरे चेहरे से
उदासी के बादल
नहीं छटेंगे
मिट्टी की सौंधी
खुशबू भी आयेगी
मेरे मन की उदासी
नहीं जायेगी
इस बार की बारिश में
वो मेरे साथ जो
नहीं होंगी
13-08-2012
660-20-08-12
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर"
भावपूर्ण रचना...
जवाब देंहटाएंइस बार की बारिश में
जवाब देंहटाएंवो मेरे साथ जो
नहीं होंगी।
आदरणीय श्रीराजेन्द्रजी, बढ़िया प्रस्तुति, आप को ढ़ेरों बधाईयाँ..!