प्रमुख भारतीय संस्था परिकल्पना के तत्वावधान में विगत 5 जनवरी से 12 जनवरी 2020 तक संयुक्त अरब अमीरात के दो प्रमुख शहर क्रमश: शारजाह, दुबई, भारतीय शहर कोच्चि होते हुये मालदीव की राजधानी माले तक आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव यात्रा में लखनऊ के वरिष्ठ साहित्यकार और हिन्दी के मुख्य ब्लॉग विश्लेषक डॉ. रवीन्द्र प्रभात के नेतृत्व में 25 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया।
शारजाह में आयोजित उदघाटन सत्र की अध्यक्षता शारजाह में हिन्दी पत्रिका अभिव्यक्ति और अनुभूति की संपादक डॉ पूर्णिमा वर्मन और माले में समापन सत्र की अध्यक्षता कोस्टा विक्टोरिया की भारतीय प्रतिनिधि सुश्री प्रतीक्षा भावद ने की तथा संचालन किया परिकल्पना समय के प्रधान संपादक लखनऊ निवासी डॉ रवीन्द्र प्रभात ने। 10 जनवरी 2020 को विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर मालदीव की राजधानी माले के एजाजुद्दीन जेट्टी बन्दरगाह से लगभग 55 किलोमीटर दूर क्रूज पर कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता आग्रा के सुप्रसिद्ध गीतकार श्री शिव सागर तथा संचालन मुंबई की कवियित्रि श्रीमती राजेश कुमारी "राज" ने किया। इस अवसर पर देश-विदेश के लगभग ढाई हजार श्रोताओं की उपस्थिति रही।
हिन्दी भाषा की विविधता, सौन्दर्य, डिजिटल और अंतराष्ट्रीय स्वरुप को विगत 14 वर्षों से वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठापित करती आ रही लखनऊ की संस्था परिकल्पना के द्वारा नयी दिल्ली, लखनऊ, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, थाईलैंड, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, इन्डोनेशिया, मॉरीशस, वियतनाम और कंबोडिया के बाद इस वर्ष 12 वां अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव का आयोजन 5 जनवरी से 12 जनवरी 2020 तक संयुक्त अरब अमीरात के दो प्रमुख शहर क्रमश: शारजाह, दुबई, भारतीय शहर कोच्चि होते हुये मालदीव की राजधानी माले में हुआ। पहले दिन का उदघाटन सत्र शारजाह में आयोजित किए गए। दूसरे दिन का कार्यक्रम दुबई के डेलमों पैलेस सभागार में। इसी प्रकार लघुकथा और हाइकू पर केन्द्रित कार्यक्रम भारतीय शहर कोची में तथा समापन मालदीव की राजधानी माले में हुआ। मालदीव में विश्व हिन्दी दिवस पर पृष्ठांकित कार्यक्रम की शुरुआत प्रसिद्ध संगीतकार सरोज सुमन द्वारा संगीतबद्ध तथा भारत के पश्चिम रेलवे द्वारा प्रस्तुत "हिन्दी संकल्प गीत" का वीडियो प्रसारित कर किया गया।
आठ दिनों तक चले इस उत्सव में लखनऊ से प्रकाशित परिकल्पना समय मासिक पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ. रवीन्द्र प्रभात का उद्वोधन, 8 हिन्दी पुस्तकों का विमोचन, लोकगायन व नृत्य की प्रस्तुति तथा विभिन्न देशों में हिन्दी पढ़ रहे छात्रों से विशेष संवाद भी किया गया।
इसके अलावा 20 साहित्यकारों, पत्रकारों, संस्कृतिकर्मियों तथा नाट्यकर्मियों क्रमश: लखनऊ के श्री राजीव प्रकाश, आभा प्रकाश, अभिषेक कुमार मिश्रा, लखीमपुर खीरी की डॉ सुशीला सिंह, सुल्तानपुर के डॉ ओंकारनाथ द्विवेदी, राए बरेली के डॉ चम्पा श्रीवास्तव, डॉ राजेंद्र बहादुर श्रीवास्तव और श्री रमाकांत तिवारी "रामिल", आगरा से श्री शिव सागर एवं डॉ प्रभा गुप्ता, गाजियाबाद से डॉ मीनक्षी सक्सेना, डॉ सुभासिनी शर्मा और डॉ अरुण शास्त्री "आवोध बालक", मधेपुरा के डॉ अमोल रॉय और उज्जैन के डॉ क्षमा सीसोदिया आदि को परिकल्पना सम्मान प्रदान किए गए। वहीं उत्तर प्रदेश की संस्था अवध भारती संस्थान की ओर से रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में दो साहित्यकारों क्रमश: डॉ पूर्णिमा वर्मन और उज्जैन की डॉ क्षमा सीसोदिया का सम्मान किया गया। साथ ही कई शहरों में परिचर्चा सत्र और कवि सम्मेलन भी आयोजित हुये।
इसके अलावा 20 साहित्यकारों, पत्रकारों, संस्कृतिकर्मियों तथा नाट्यकर्मियों क्रमश: लखनऊ के श्री राजीव प्रकाश, आभा प्रकाश, अभिषेक कुमार मिश्रा, लखीमपुर खीरी की डॉ सुशीला सिंह, सुल्तानपुर के डॉ ओंकारनाथ द्विवेदी, राए बरेली के डॉ चम्पा श्रीवास्तव, डॉ राजेंद्र बहादुर श्रीवास्तव और श्री रमाकांत तिवारी "रामिल", आगरा से श्री शिव सागर एवं डॉ प्रभा गुप्ता, गाजियाबाद से डॉ मीनक्षी सक्सेना, डॉ सुभासिनी शर्मा और डॉ अरुण शास्त्री "आवोध बालक", मधेपुरा के डॉ अमोल रॉय और उज्जैन के डॉ क्षमा सीसोदिया आदि को परिकल्पना सम्मान प्रदान किए गए। वहीं उत्तर प्रदेश की संस्था अवध भारती संस्थान की ओर से रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में दो साहित्यकारों क्रमश: डॉ पूर्णिमा वर्मन और उज्जैन की डॉ क्षमा सीसोदिया का सम्मान किया गया। साथ ही कई शहरों में परिचर्चा सत्र और कवि सम्मेलन भी आयोजित हुये।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ पूर्णिमा वर्मन ने कहा कि "हमारी आने वाली पीढ़ी इस सुगन्धित वातावरण से गुलज़ार रहेगी।" वहीं परिकल्पना समय के प्रधान संपादक डॉ रवीन्द्र प्रभात ने कहा कि "हमारी आने वाली पीढ़ी इस सुगन्धित वातावरण से गुलज़ार रहेगी। विश्व के सभी देशों में चाहे वह अमेरिका हो या अफ्रीका, क्षेत्रीय लोकभाषाओं की मृत्यु के भयानक आँकड़े मिलते हैं। इन्हीं सब घटनाओं ने मुझे हिन्दी उत्सव के आयोजन को एक मूर्त रूप देने की सार्थक दिशा दी। यह बारहवाँ हिन्दी उत्सव हिन्दी भाषा को और समृद्ध करने की रचनात्मक पहल है। हम चाहते हैं कि हिन्दी भाषी समाज के साथ-साथ ही आप भारतीय भाषाओं के साथ भी जुड़ें और भाषायी विकास को रोशन करें।" लंदन, पेरिस और स्वीटजरलैंड में 1 जून से 10 जून तक आगामी हिन्दी उत्सव की उद्घोषणा के साथ मालदीव में अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव सम्पन्न हुआ।
बधाई। शुभकामनाएं लन्दन के लिये।
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जवाब देंहटाएंiPhone 6 Not Turning On
सफल आयोजन के लिए बधाई. शुभकामनाएँ.
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