कविताएँ लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
कविताएँ लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

गौर करो,सुनो-समझो,फिर कहो गौर करो,सुनो-समझो,फिर कहो

जो मिलते ही बड़ी बड़ी बातें करते हैं कुछ कर गुजरने की  वे रेत की दीवारों की तरह गिर जाते हैं  उनके होने के निशाँ भी नहीं मिलते   …  ...

और जानिएं »
5:59 pm

ब्लोगोत्सव-२०१० : आज उपस्थित है अपनी कविताओं के साथ संगीता सेठी, संगीता स्वरुप और कुलवंत हैप्पी ब्लोगोत्सव-२०१० : आज उपस्थित है अपनी कविताओं के साथ संगीता सेठी, संगीता स्वरुप और कुलवंत हैप्पी

आज की कविता के सन्दर्भ में एक आलोचक का कहना है कि आज की कविता अपने पाठक खो रही है, क्योंकि उसमें बौद्धिक एकाकीपन बहु...

और जानिएं »
3:02 pm
 
Top