खेल खेल सा खेल खिलाड़ी, सबसे रख तू मेल खिलाड़ी ! नियम बने हैं बाती- भाँति, खेल है दीपक, तेल खिलाड़ी ! बन्दर के हांथों में मत दे, मीठे-...
ग़ज़ल: अब न हो शकुनी सफल हर दाव में ...!
भर दे जो रसधार दिल के घाव में , फ़िर वही घूँघरू बंधे इस पाँव में ! द्रौपदी बेवस खड़ी कहती है ये - अब न हो शकुनी सफल हर दाव में ! बर्तनों की बा...
ग़ज़ल: घर को ही कश्मीर बना !
कैनवस पर अब चीड़ बना , घर को ही कश्मीर बना । सत्ता के दरवाजे पर ना - बगुले की तसवीर बना । झूठ-सांच में रक्खा क्या - मेहनत कर तकदीर बना । रो...
एक मुलाक़ात , उडन तश्तरी के साथ ....!
कल मेरे शहर में थे समीर भाई , जी हाँ वही समीर लाल जी जिनकी "उडन तश्तरी " के दीदार के लिए वेचैन रहते हैं हिन्दी के कतिपय ब्लोगर । ...
स्वयं की पहचान, स्वयं का सम्मान, कर्म- योग का ध्यान है गीता का ज्ञान !
कल एक समाचार चैनल पर यह बार-बार प्रदर्शित किया जा रहा था, कि ईराक में तैनात ब्रिटिश सैनिकों को गीता का पाठ पढाया जा रहा है , उन्हें जीवन और ...
कुछ मतलब की बातें शराब के बहाने, ग़ज़ल के माध्यम से ...!
कहते हैं शराब, लोग या तो ग़म को भूलने या फिर ख़ुशी मनाने के लिए पीते हैं।वैसे सच तो यह है कि पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए। शराब के सन्द...
तंग चादर है जिसकी वही , सो रहा तानकर रात में ....!
फोटो : दैनिक भाष्कर से साभार हादसे दर -ब - दर रात में , आप हैं बेखबर रात में । दिन में रिश्वत निगल जो गया - बन गया नामवर रात में । ...