आदाब से अदब तक, यही है लखनऊ मेरी जान !
लोग कहते हैं कि जहाँ अदब करवट ले वही अवध है , यानी वही लखनऊ है ....सूरज में एक अलग प्रकार की लाली महसूस करता हुआ शहर.....फिजाओं में तहजीब क...
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आदाब से अदब तक, यही है लखनऊ मेरी जान !
लोग कहते हैं कि जहाँ अदब करवट ले वही अवध है , यानी वही लखनऊ है ....सूरज में एक अलग प्रकार की लाली महसूस करता हुआ शहर.....फिजाओं में तहजीब क...
पहले अस्पृश्य पुन: अछूत कालांतर में हरिजन और अब वह दलित हो गया है..... !
विगत दिनों मुझे लगभग एक साल बाद अपने गाँव जाने का सुयोग प्राप्त हुआ , मेरे घर से थोडी ही दूरी पर है डोमवा घरारी । उस गाँव में डोम जाति के लो...
हम फकीरों की गली में झांकिए , सच बयानी को बुरा मत मानिए !
चार हिन्दी की गज़लें - (एक ) शब्द-शब्द अनमोल परिंदे ! सुन्दर बोली बोल परिंदे !! जीवन -जीवन भूलभुलैया - दुनिया गोलम- गोल परिंदे !! छोटा म...
दीपावली, जुआ, संस्कार और सरोकार !
हमारे एक मित्र हैं रामाकांत पांडे , दिल्ली में रहते हैं , पेशे से पुरोहित हैं . धोती -कुर्ता और ललाट पर त्रिपुंड चंदन . बातें करेंगे तो विल...
फटी लंगोटी झोपड़पट्टी है लेकिन , जीवन का उल्लास हमारे पास मियाँ !
पिछले दिनों मियाँ मुसर्रफ के द्वारा पाकिस्तान में आपात स्थिति लगाने की खूब चर्चा रही . लोगों ने मियाँ मुसर्रफ के किसी भी हद तक जाने की बात क...
जब मैं मर गया उस दिन !
पिछले इतवार की शाम , मेरी जुवां सेयकायक निकला - हे राम ! दुनिया के ग़मों से गुरेज होकर , मेरा मन पूर्णत: निश्तेज़ होकर, मेरे अस्तित्व को शू...