.....गतांक से आगे
वर्ष-२०१० में हिंदी ब्लॉगजगत को अचानक सदमें में ले गयी ब्लोगवाणी ! कई लोगों ने इसका कारण बताया ब्लोगवाणी का अव्यवसायिक होना तो कईयों  ने कहा कि ब्लोगवाणी कुछ लोगों के साथ पक्षपातपूर्ण रबैया अपना रही थी और जब विरोध हुआ तो उसने बोरिया-विस्तार समेट ली ! कारण कुछ भी रहा हो मगर ब्लोवाणी का बंद होना हिंदी ब्लॉगजगत के लिए एक दु:खद पहलू रहा !

वरिष्ठ ब्लोगर श्री रवि रतलामी का मानना है कि -"ब्लॉगवाणी और फिर चिट्ठाजगत की अकाल मृत्यु के पीछे इनका घोर अ-व्यवसायिक होना ही रहा है. मेरे विचार में यदि ये घोर व्यवसायिक होते, अपने सृजकों के लिए नावां कमाकर देने की कूवत रखते और परमानेंट वेब मास्टर रखने, नित नए सपोर्ट व इनफ्रास्ट्रक्चर जुटाने की कवायदें करते रहते तो इनमें सभी में व्यवसायिक रूप से पूर्ण सफल होने की पूरी संभावनाएँ थीं....!" वहीं एक और प्रमुख ब्लोगर श्री जाकिर अली रजनीश का मानना है कि -"वहाँ पर जान बूझकर एक खास प्रकार की नकारात्मक मानसिकता वाली पोस्टों को तो लगातार बढ़ावा दिया जा रहा था पर कम्यूनिष्ट तथा अन्‍य विचारधारा वाले लोगों के ब्लॉग तक नहीं रजिस्टर्ड किये जा रहे थे। जो लोग इसके शिकार बने, उनमें ‘नाइस’ मार्का सुमन जी का नाम सबसे ऊपर है। यहाँ तक तो जैसे-तैसे मामला चल रहा था, लेकिन जब ब्लॉगवाणी ने जानबूझकर पाबला जी को भी अपने लपेटे में ले लिया, तो पानी सिर के ऊपर निकलना ही था, और निकला भी। नतीजतन ब्लॉगवाणी वालों को लगा कि उनका अपमान किया जा रहा है और उन्होंने उसकी अपग्रेडेशन रोक दी।" वहीं डा.अरविन्द मिश्र जी जाकिर भाई के उक्त विचारों से सहमत नहीं थे, उनका कहना था कि -"मैथिली और सिरिल जी ने बिना आर्थिक प्रत्याशा केब्लोगवाणी के माध्यम से  हिन्दी ब्लागिंग में जो अवदान दिया उसकी सानी नहीं है ..!"

खैर बौद्धिक जगत में आरोप-प्रत्यारोप चलते रहते हैं, किन्तु कुछ हफ़्तों बाद अचानक चिट्ठाजगत का भी बंद हो जाना हिंदी ब्लॉगजगत की एक बड़ी घटना रही !
चिट्ठा-विश्व और नारद का पतन वर्ष-२०१० से पूर्व हो चुका है, किन्तु हिंदी ब्लोगिंग को प्रमोट करने की दिशा में अग्रणी ब्लॉग एग्रीगेटर ब्लोगवाणी की अकाल मृत्यु पूरे ब्लॉगजगत को चौंका गयी एकबारगी !हिंदी ब्लॉगजगत को सबसे बड़ा झटका लगा वर्ष के आखिरी माह में अनायास ही चिट्ठाजगत के अस्वस्थ हो जाने से, हलांकि अस्वस्थता से उबरकर कुछ ही दिनों में चिट्ठाजगत उठ खडा हुआ था, तब ब्लोगरों, खासकर नए ब्लोगरों में आशा की एक किरण तैर गयी थी ,किन्तु कुछ दिन ज़िंदा रहने के उपरांत चिट्ठाजगत की भी अकाल मृत्यु हो गयी !






उल्लेखनीय है कि चिट्ठाजगत से संदर्भित महत्वपूर्ण सन्दर्भ देते हुए पावला जी ने कहा  है कि -" चिट्ठाजगत के पीछे मूलत: 3 व्यक्ति हैं,आलोक कुमार, विपुल जैन, कुलप्रीत (सर्व जी) !आलोक कुमार हिन्दी जाल जगत के आदि पुरूष कहलाते हैं। ये वही हैं जिन्होंने हिन्दी का पहला चिट्ठा "नौ दो ग्यारह"  में लिखना शुरू किया और ब्लॉग को चिट्ठा कह कर पुकारा। वर्षों से ये अपनी वेबसाईट "देवनागरी॰नेट" द्वारा दुनिया को अन्तर्जाल पर हिन्दी पढ़ना व लिखना सिखाते आ रहे हैं। 2007 की शुरूआत में आलोक जी ने अपने चिट्ठाजगत की कल्पना को अपने मित्र विपुल जैन के समक्ष रखा और विपुल उनकी कल्पना से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने इसको वास्तविक रूप देने की ठान ली। विपुल का अपना एक जाल स्थल "हि॰मस्टडाउनलोड्स॰कॉम"  है जहाँ से आप अनेक उपयोगी सॉफ्टवेयरों के नवीनतम संस्करण डाउनलोड कर सकते हैं।इस कार्य में अहम मदद की कुलप्रीत सिंह ने। कुलप्रीत कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर में पीएचडी हैं और डबलिन, आयरलैंड में कार्यरत हैं। इन्होंने चिट्ठाजगत की संरचना को बनाने में विपुल की खास मदद की है। कुलप्रीत भारतीय बहुभाषीय जालस्थल "शून्य॰इन" के संस्थापक हैं। जहाँ विभिन्न भारतीय भाषाओं में तकनीकी विषयों पर बहस की जाती है।चिट्ठाजगत पर दिखने वाले विभिन्न ग्राफ़िक्स संजय बेंगाणी जी द्वारा प्रदत्त हैं !" यह वर्ष हलांकि एग्रीगेटर के आने और काल कलवित हो जाने के वर्ष के रूप में याद किया जाएगा, क्योंकि इस वर्ष दो अतिमहत्वपूर्ण ब्लॉग एग्रीगेटर की अकाल मौत हुई है और इसी शोक के बीच कई महत्वपूर्ण ब्लॉग एग्रीगेटर का आगमन भी हुआ है !

आठ माह पूर्व  इंडली आई  और उसने कई भारतीय भाषाओं में एक साथ ब्लॉग फीड की सुविधा प्रदान किया,इसकी सबसे बड़ी समस्या है ब्लॉग की फीड को ऑटोमैटिक न लेना।  ब्लोगवाणी की अकाल मौत के बाद हमारीवाणी अस्तित्व में आई,किन्तु कई प्रकार के अफवाहों के बीच यह अभी भी कायम है !हामारीवाणी की टीम के द्वारा प्रसारित वक्तव्य के आधार पर " हमारीवाणी की ALEXA रैंकिंग विश्व में 81,000 तक पहुंच चुकी है। इसमें हर दिन सुधार हो रहा है।हमारीवाणी का एक अभिनव प्रयास ये भी है कि एग्रीगेटर को निर्विवाद रूप से चलाने के लिए ब्लॉगजगत से ही मार्गदर्शक-मंडल बनाया जाए। प्रसिद्ध अधिवक्ता और सम्मानित वरिष्ठ ब्लॉगर श्री दिनेशराय द्विवेदी (अनवरत, तीसरा खंभा) ने मार्गदर्शक-मंडल का प्रमुख बनना स्वीकार कर लिया है।  लोकप्रिय ब्लॉगर श्री समीर लाल समीर  (उड़नतश्तरी), मार्गदर्शक-मंडल के उप-प्रमुख के तौर पर मार्गदर्शन देने के लिए तैयार हो गए हैं। पांच सदस्यीय मंडल के तीन अन्य सदस्य श्री सतीश सक्सेना  (मेरे गीत), श्री खुशदीप सहगल  (देशनामा), और श्री शाहनवाज़ (प्रेमरस)हैं। हमारीवाणी की पूरी कोशिश रहेगी कि जहां तक संभव हो सके, एग्रीगेटर से विवादों का साया दूर ही रहे। फिर भी कभी ऐसी स्थिति आती है तो मार्गदर्शक मंडल का बहुमत से लिया फैसला ही अमल में लाया जाएगा।"

एक और नया हिंदी ब्लॉग एग्रीगेटर -अपना ब्लॉग हाल ही में चालू हुआ है जो ब्लोगवाणी और चिट्ठाजगत की तरह  बेहतरीन, ढेर सारी सुविधाओं वाला, तेज ब्लॉग एग्रीगेटर महसूस हो रहा है !इसके अलावा एक स्वचालित ब्लॉग संकलक यहाँ पर है जिसमें आप रीयल टाइम गूगल सर्च के जरिए संग्रहित ताज़ा 500 हिंदी  ब्लॉग पोस्टों  को देख सकते हैं. पर चूंकि यह स्वचालित है, और कुछ कुंजीशब्द के जरिए संग्रह करता है, अतः सारे के सारे नवीन ब्लॉग पोस्टें नहीं आ पातीं, फिर भी कुछ पढ़ने लायक लिंक के संग्रह तो मिलते ही हैं !


इस वर्ष   एक और ब्लॉग एग्रीगेटर लालित्य पर मेरी नज़र पडी ,यह एग्रीगेटर ललित कुमार का व्यक्तिगत एग्रीगेटर है ,जिसमें उनके द्वारा कुछ उत्कृष्ट ब्लॉग को जोड़ा गया है !ललित कुमार का कहना है कि -" हिन्दी ब्लॉगिंग के बारे में कहा जाता है कि यह अभी तक भी शैशव अवस्था में है। मैं नहीं जानता कि यह कितना सच है लेकिन लालित्य हिन्दी ब्लॉग्स का एक ऐसा एग्रीगेटर है जिसमें केवल अच्छे और उन्नत हो चुके ब्लॉग्स ही संकलित किए जाते हैं। यह ब्लॉग्स केवल तब तक संकलित रहते हैं जब तक उन पर उपलब्ध सामग्री की गुणवत्ता बनी रहती है। इस तरह लालित्य के ज़रिये आपको सीधे, सरल तरीके से उम्दा हिन्दी ब्लॉग्स तक पँहुचने में आसानी होती है !"

कुछ और साईट है जो ब्लॉग को प्रमोट करने की दिशा में कार्य करती है, या फिर जहां आप अपने पसंदीदा ब्लॉग को ढूंढ सकते हैं,जिसमें प्रमुख है ब्लॉग अड्डा ,Woman Who Blog In Hindi , ब्लोग्कुट, इंडी ब्लोगर, रफ़्तार , ब्लॉग प्रहरीक्लिप्द इन , हिंदी चिट्ठा निर्देशिका, गूगल लॉग , वर्ड प्रेस की ब्लोग्स ऑफ द डे , वेब  दुनिया की हिंदी सेवा, जागरण जंक्सन ,बीबीसी के ब्लॉग प्लेटफार्म  आदि !साथ  ही  हिंदी मे ब्लॉग लिखती नारी की अद्भुत रचना यहाँ पढे जा सकते हैं ! इसके अतिरिक्त यदि आपको उन ब्लोग्स के बारे में जानने की इच्छा है  जिसे समाचार पत्र में समय-समय पर स्थान दिया गया हो तो आप ब्लोग्स इन मीडिया पर क्लिक कर सकते हैं !

इस वर्ष कुछ ब्लोगरों ने फीड क्लस्टर.कॉम के सहयोग से भी ब्लॉग एग्रीगेटर बनाकर अपने साथियों को परस्पर जोड़ने का महत्वपूर्ण काम किया है, जिसमें प्रमुख है आज के हस्ताक्षर, परिकल्पना समूह, महिलावाणी ,  हिन्दीब्लॉग जगत, हिन्दी - चिट्ठे एवं पॉडकास्ट, ब्लॉग परिवार, चिट्ठा संकलक, लक्ष्य, हमर छत्तीसगढ़, हिन्दी ब्लॉग लिंक आदि ।


Blog Bukharऔर  चलते-चलते  मैं आपको एक ऐसे ब्लॉग पर ले चलता हूँ जो ब्लॉगजगत के वेहद कर्मठ और हर दिल अजीज ब्लॉग संरक्षक  श्री बी एस पावला  का ब्लॉग है ब्लॉग बुखार,जिसपर आप ब्लॉग से संवंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हैं ! यह ब्लॉग अपने-आप में अनूठा है !

.......जारी है विश्लेषण, मिलते हैं एक विराम के बाद

32 comments:

  1. रवीन्द्र प्रभात जी!
    एग्रीगेटरों को लेकर आपने बहुत ही उपयोगी आलेख लिखा है!
    आपके श्रम के आगे नतमस्तक हूँ!

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  2. मैं भी सोच रही थी कि चिट्ठाजगत मेरे ब्लॉग पर क्यों काम नहीं करता, अब पता चल गया.

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  3. शानदार विश्लेषण.....लेकिन ब्लोगवाणी का बंद होना पूरे ब्लॉग जगत के लिए दुखदायी रहा.....

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  4. मुझे पूरी उम्मीद है बहुत जल्द ही कोई ना कोई पुख्ता विकल्प होगा हमारे लिए !

    आपका आभार !

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  5. ब्लॉग जगत पर आप द्वारा की गयी शोध की दूसरी कोई मिसाल नहीं मिलती...एक असाध्य से लगने वाले कार्य को अंजाम दिया है आपने...प्रशंशा के शब्द आपकी इस मेहनत के समक्ष छोटे पड़ रहे हैं...

    नीरज

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  6. नारद के बन्द होने पर बहुत बड़ा सदमा लगा था, जिन लोगों ने एक ब्लॉग को नारद से हटा देने पर विरोध किया और आगे जा कर नारद को ताला लगा देना पड़ा, उन लोगों ने ब्लॉगवाणी पर क्या कहा, सुनने में नहीं आया. ब्लॉगवाणी और फिर ब्लॉगजगत का बन्द होना दुखद घटना रही...

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  7. संकलकों के मुद्दे को अच्छा लिया है आपने इस अंक में !

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  8. आपका हर पोस्ट अपने आप में एक दस्तावेज होता है और हर शब्द सम्मोहित करता है, आपका आभार !

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  9. कुछ पढ़ने लायक लिंक के संग्रह और एग्रीगेटर के बारे में इतना जानकर हम जैसे नए ब्लोगरों को कितना फ़ायदा होगा, यह सोचकर मन रोमांचित हो रहा है, आपका बहुत-बहुत आभार सर !

    एक आप हैं जो ब्लॉगजगत के समस्त सकारात्मक पहलूँ को एक जगह समेत रहे हैं और कुछ ओछे लोग टंगड़ी-पकरौअल खेल रहे हैं, उन्हें उसी में मजा आ रहा है !

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  10. प्रशंशा के शब्द आपकी इस मेहनत के समक्ष छोटे पड़ रहे हैं...

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  11. ब्लॉग जगत का शानदार विश्लेषण

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  12. पाबला जी का यह ब्लॉग वाकई में अनूठा है लेकिन अफसोस कि ब्लॉगर्स इसमे दी गई जानकारी का सम्पूर्ण लाभ नहीं ले पाते ।

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  13. ब्लागवाणी और चिट्ठाजगत ये दोनों ब्लाग एग्रीगेटर मेरे मतानुसार भी अव्यवसायिक होने के कारण ही बंद हुए लगते हैं । एग्रीगेटर्स पर तो वैसे यदि प्रयास किया जावे तो विज्ञापन मिलने और विज्ञापनों की जगह निर्दिष्ट किये जा सकने की कवायद की जा सकती है, जिससे कि प्रारम्भ में ये No Profit No Loss और बाद में मुनाफे में चलने लगें जिससे इस किस्म की अकाल मृत्यु के खतरों से हिन्दी ब्लाग जगत को भविष्य में बचाया जा सके ।

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  14. * रवीन्द्र भाई, निश्चित रूप से आपके द्वारा किए जा रहे इस ब्लॉग विष्लेषण को हिन्दी ब्लॉगिंग के इतिहास में स्रोत सामग्री के रूप में इस्तेमाल और याद किया जाएगा। इस काम का तात्कालिक / समकालीन महत्व हो है ही मैं तो इसे भविष्य के इस महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप देख रहा हूँ। बभाई और आभार।

    ** इस समय हिन्दी ब्लॉगिंग से जुड़े समूहों में एग्रीगेटर्स की उपस्थिति / अनुपस्थिति को लेकर कुछ कहा - सुना - देखा जा रहा लेकिन मुझे तो आपके विष्लेषण से ही ढेर सारे ठिकानों की राह मिल जाती है। जिस तरह किताबों/ पत्रिकाओ की समीक्षा होती है और पाठक को एक राह मिलती है विसा ही कुछ यहाँ है; न केवल है बलिकि अच्छी तरह से और अच्छा है।

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  15. पाबला जी ने हिन्दी ब्लागीरी के लिए बहुत कुछ किया है, और कर रहे हैं।
    ब्लागवाणी बंद नहीं है। आप आज भी उस एग्रीगेटर पर लॉगिन कर सकते हैं। उस ने नयी पोस्टें उठाना बंद कर दिया है। वह कभी भी आरंभ हो सकता है।
    मुझे नहीं लगता कि चंद एग्रीगेटरों के बंद हो जाने से अब हिन्दी ब्लागीरी पर कोई संकट आ जाएगा। हिन्दी ब्लागीरी को यदि एग्रीगेटरों की आवश्यकता होगी तो नए बन जाएंगे, जो बन ही रहे हैं। किसी एग्रीगेटर के संचालक को यह भ्रम नहीं होना चाहिए की हिन्दी ब्लागीरी उस के दम पर चल रही है। जिन्हें मंजिल पर जाना ही होता है वे अपने रास्ते तलाश लेते हैं।

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  16. यहाँ से बहुत से नए ब्लोग्स का पता मिला ।
    आभार।

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  17. 'अपना ब्लॉग' को अपनी इस श्रंखला में शामिल करने के लिए शुक्रिया|

    परन्तु अभी तक आपने अपना चिटठा इसमें शामिल नहीं किया है, यह शुभ कार्य जल्दी करें जिससे हमें बल मिले - धन्यवाद

    अपना ब्लॉग

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  18. एग्रीगेटरों का अच्छा विश्लेषण ...... एग्रीगेटर सारी पोस्ट को एक जगह पकड़ लेने की सुविधा तो देता है. एक अच्छे ब्लॉग एग्रीगेटर की कमी तो खल ही रही है.

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  19. इस पोस्ट के माध्यम से बहुत से नये ब्लाग्स और एग्रिगेटर्स का पता चला । धन्यवाद।

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  20. जानकारी का खजाना है यह विश्‍लेषण ...बधाई के साथ आभार ..।

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  21. यह पोस्ट तो बुक मार्क कर रख लिया है। बहुत से अग्रीगेटर का पता चला है। सब जगह जाकर पंजीकृत करना होगा।

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  22. रवींद्र जी,
    ब्लॉग एग्रीगेटर के बारे में सारी जानकारी देकर आपने बहुत प्रशंसनीय कार्य किया है और आपके द्वारा किये गए परिश्रम के लिए हम आपके आभारी हैं.

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  23. http://womanwhobloginhindi.blogspot.com/
    this link is there since 2008

    and
    http://hindibloggerwoman.blogspot.com/

    and this is there since 2011

    you can include them as well as they are promoting woman bloggers on the net who write in hindi

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  24. आदरणीया रचना जी,

    आपके द्वारा दिए गए लिंक को जोड़ा जा रहा है ,सुझाव हेतु आभार !

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  25. आप सभी का आभार, आशा है इसीप्रकार आप मेरा सदैव मार्गदर्शन करते रहेंगे !

    आपके निरंतर सहयोग-संपर्क के आकांक्षी हैं हम !

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  27. The Miracle Foundation: Lighting Up Lives with Love and Hope
    In the vast tapestry of humanity, few stories are as poignant and heartrending as those of orphaned children left to navigate life’s treacherous waters alone. In the midst of this darkness, The Miracle Foundation, a beacon of hope, shines brightly in India. This wonderful non-governmental organization (NGO) has dedicated itself to changing the lives of orphaned children, offering them love, care, and a chance to reclaim their stolen childhoods. In a world where despair often dominates, The Miracle Foundation reminds us that miracles do exist, and every child deserves the chance to flourish.

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