क्यूं पहचानेगा  कोई मुझे अब मेरे शहर में क्यूं पहचानेगा कोई मुझे अब मेरे शहर में

क्यूं पहचानेगा कोई मुझे अब मेरे शहर में हो गया अनजाना अब अपने ही शहर में सोने चांदी से भर गयी झोलियाँ सबकी बन गए मकाँ बड...

और जानिएं »
11:46 pm

    तेरे हाथों में ये तेरा हाथ जिस दिन से,है आया मेरे हाथों में जुलम मुझ पर ,शुरू से ही,है ढाया तेरे हाथों ने तुम्हारे थे बड़े  लम्...

और जानिएं »
10:04 am

खूब बूढों डोकरो होजे-आशीर्वाद  या श्राप खूब बूढों डोकरो होजे-आशीर्वाद या श्राप

पौराणिक  कथाओं में पढ़ा था, जब कोई बड़ा या महात्मा, छोटे को आशीर्वाद देता था तो "चिरंजीव भव"या "आयुष्मान भव " य...

और जानिएं »
6:21 pm

मेरी नयी कहानी " आबार एशो [ फिर आना ] " मेरी नयी कहानी " आबार एशो [ फिर आना ] "

::::::आज ...अभी [कुछ पल पहले] .......!!! ::::::  कोने में रखे हुए ग्रामोफोन पर आशा भोंसले की आवाज में एक सुन्दर सा बंगाल...

और जानिएं »
10:03 am

सफर अंधा; मोड़ भी अंधे? BLIND TURNING? सफर अंधा; मोड़ भी अंधे? BLIND TURNING?

(Courtesy   Google images ) " सफर  अंधा, मोड़  अंधे,मजबूर   है  ज़िंदगी ।   जागते    रहना   यही,   मुकर्रर    है  बंदगी..!!&...

और जानिएं »
9:08 pm

हो गयी माँ डोकरी है हो गयी माँ डोकरी है

प्यार का सागर लबालब,अनुभव से वो भरी है हो गयी माँ डोकरी है  नौ दशक निज जिंद...

और जानिएं »
12:57 pm

धरोहर धरोहर

वो चार आने का सिक्का उसने सम्हाल कर रखा है जो माँ ने मरने से एक दिन पहले खर्चने के लिए दिया था बड़े उल्लास से सिक्का लेकर मे...

और जानिएं »
12:13 pm

न काशी, न काबा, बोलो जय बाबा......। न काशी, न काबा, बोलो जय बाबा......।

चौबे जी की   चौपाल  आज अपने    चौपाल   में   चौबे   जी   नंगे बदन लुंगी लपेटे बैठे हैं। प्लेट में चाय उड़ेल कर सुड़प रहे हैं । तोंद  ...

और जानिएं »
11:07 am
 
Top