मैं समय हूँ 
निरंतर घूमता रहता हूँ . 
 परिकल्पना ब्लॉगोत्सव  प्रथम का मैं साक्षी रहा हूँ..... मुझे थामकर रवीन्द्र प्रभात जी यहाँ लाए थे , न भी लाए होते तो मैं होता . उस उत्सव में क्या नहीं था और मुझे - साक्षी बनना था .,मैंने देखा प्रणय की कथा रचनेवाली अमृता प्रीतम के प्रेमपथ के सहयात्री इमरोज भी पधारे थे ब्लॉगोत्सव प्रथम में. दुष्यंत के बाद चर्चित गज़लकार अदम साहब ने भी बढाई थी शोभा उस उत्सव की, पन्त की मानस पुत्री श्रीमती सरस्वती प्रसाद ने भी दिए थे नए आयाम उस उत्सव को, कृष्ण बिहारी मिश्र, प्रेम जनमेजय, दिविक रमेश आदि शख्शियतों के साथ शामिल हुए हर क्षेत्र - हर वर्ग के सृजन शिल्पी और चहूँ ओर मैंने सुनी थी उस बक्त बस परिकल्पना,परिकल्पना,परिकल्पना की अद्भुत गूँज ...निर्बाध रूप से दो महीने तक ! 

सरस्वती के आशीष से परिपूर्ण दिग्गजों की टोली थी, अरे मैं हतप्रभ था तो मैं समझ सकता हूँ कि मेरी नायाब पकड़ रवीन्द्र जी को कितनी परेशानी हुई होगी !

पर साहित्य की इस महायज्ञ में शामिल होना ही गौरवपूर्ण था, है और रहेगा तो तर्क कैसा? शिकायत कैसी ?
मैं समय हूँ, मुझे कोई शिकायत नहीं.

मैंने सतयुग देखा, द्वापरयुग देखा, रामायण के रचयिता से मिला, महाभारत का संजय बना, और हर काल में मेरी आलोचना हुई है.

इन आलोचनाओं का सबसे बड़ा शिकार तोह मैं ही रहा न.. कोई भी अनहोनी हो, मुझे कोसते हैं सब.. फिर भी मैं निरंतर चलता हूँ..

यदि मैं रुक गया तब तो न कोई युग होगा न उत्सव न ख़ुशी न दुःख...

एक चक्रव्यूह बनाया था दिग्गजों ने.
अभिमन्यु मारा गया, अर्जुन ने मैदान जीता पर अभीमन्यु को नहीं लौटा सका...

एक कुरुक्षेत्र का मैदान होता है अपने ही अन्दर जहाँ १८ दिन का महायुद्ध नहीं होता, पूरी ज़िन्दगी का हिसाब किताब होता है.
मन खुद चक्रव्यूह बनता है खुद के लिए, खुद से युद्ध होता है.

एक अभिमन्यु की कौन कहे, जाने कितने अभिमन्यु मारे जाते हैं और कृष्ण भी स्तब्ध होते हैं...

तो इस व्यूह से निकलो..
काल को समझो निर्वाण का अर्थ जानो.........



आज मैं फिर उपस्थित हूँ, परिकल्पना ब्लोगोत्सव के द्वितीय संस्करण में - रश्मि प्रभा की वाणी में , नए उत्साह और नए जज्बे के साथ...

एक खिलखिलाती हँसी मेरे पास रुकी है
एक गुनगुनाती नदी मेरे पास गा रही है
सूरज नए विचार नया तेज नयी दृढ़ता
किरण कवच में लेकर आया है
बड़ों का आशीर्वाद, बच्चों की मासूमियत हवाओं में झूम रही है
आओ हम इन्हें मिलके बाँट लें और एक नयी शुरुआत करें
मंच से एक कर्णप्रिय ध्वनि प्रसारित हो रही है
शायद उत्सव का शुभारम्भ होने जा रहा है
चलिए चलते हैं मंच के समीप और देखते हैं क्या हो रहा है वहाँ...  



गणपति वन्दना




वाणी वन्दना



.....आप कार्यक्रम का आनंद लें , मिलते  हैं एक अल्प विराम के बाद

41 comments:

  1. इसी आगाज़ का तो इंतज़ार था…………बेहद सुन्दर्…………जब आगाज़ इतना सुन्दर है तो अन्ज़ाम भी कयामत से कम क्या होगा।

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  2. शुभकामनाएं और बधाई ... आप सफल हौं की कामना के साथ...

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  3. वाह .. स्‍वागत है, परिकल्‍पना के इस उत्‍सव का जहां रश्मिप्रभा जी की वाणी अपने साथ सभी को मंच की ओर लेकर आगे बढ़ रही हैं... बहुत-बहुत शुभकामनाएं इस शुभारम्‍भ् की ... ।

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  4. ब्लोगोत्सव अद्वितीय का स्वागत है, सफ़लता की कामना करते हैं।

    आभार

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  5. इसके प्रारम्भ का इंतज़ार था ..बहुत सुन्दर ..समय कभी नहीं रुकता ...इस उत्सव के लिए बधाई और शुभकामनायें

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  6. रश्मिजी ...आज की प्रभात...समय आपके स्वर में बहुत अच्छा संदेश दे गया..उत्सव की सफलता के लिए शुभकामनाएँ

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  7. शानदार शुरुआत का शानदार अंजाम हो इसके लिए मेरी और से भी शुभकामनायें व बधाई....

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  8. रविन्द्र और रश्मी
    निरंतर रोशनी फैला रहे
    मनों में छाये अन्धकार को
    कल्पना और लेखन से
    मिटा रहे
    हिंदी की सेवा में
    तन,मन,धन से जुटे
    सम्मानों से ज्यादा कर रहे
    प्रभु इनकी रोशनी बढाए
    ये कामना है

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  9. हमारी ओर से भी बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

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  10. खूबसूरत शुरुआत ....
    शुभकामनायें !

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  11. जब प्रारम्भ ही इतना मीठा, शुभ और आत्मिक हो तो क्या कहने ... आशा है ये उत्सव पिछले उत्सव से चार कदम आगे रहेगा ...
    बहुत बहुत शुभ-कामनाएं ...

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  12. खूबसूरत शुरुआत ....
    अद्वितीय है ब्लोगोत्सव,
    हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

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  13. आप सफल हौं की कामना के साथ...

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  14. अच्छा संदेश दे गया...बधाइयाँ !

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  15. बहुत बढ़िया आग़ाज़ है ब्लोगोत्सव द्वितीय का.बधाई और शुभकामनायें.

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  16. बहुत बहुत बढ़िया रश्मि जी की आवाज़ और यह आगाज वाकई मनमोहक है ..बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं

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  17. शुभकामनाएं और बधाई ........खूबसूरत शुरुआत ....
    अद्वितीय है ब्लोगोत्सव

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  18. itna shandaar agaaaj bata raha hai ki ...ek baar fir safalta ki uchaiyon ko chhuyega hamara blogutsav..:)
    best wishes!!

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  19. इंतजार था .. बेहद खूबसूरत शुरूआत हुई है .. चलती रहूंगी इसके साथ .. सफलता के लिए शुभ्‍कामनाएं !!

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  20. बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई...आपकी आवाज में सुनकर तो बहुत अच्छा लगा....
    निरंतर प्रगति की कामना है....

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  21. बहुत ही प्रभावशाली शैली में रश्मि आंटी के आवाज में इस महाउत्सव का आगाज हुआ.....इंतजार की घड़ियाँ थम गयी.....स्वागतम।

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  22. ब्लोगोत्सव की बधाई!

    साहित्य सृजन का यह उत्सव हिन्दी के समस्त ब्लॉगरों को सहज, सुन्दर एवं सशक्त रचनाओं की सृजनशक्ति प्रदान करे!

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  23. शानदार आगाज़.ढेरों शुभकामनाएं.

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  24. हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं

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  25. सुस्वागतम...ब्लॉग परिकल्पना एक ऐसा भागीरथी प्रयास है जिसकी जितनी तारीफ़ की जाए कम है...ये काम जितना दीखता लगता है उतना आसान नहीं...बहुत दुष्कर है...इतने सारे ब्लोग्स को पढना और गुनना श्रम साध्य है...आपके इस कार्य की हम भूरी भूरी प्रशंशा करते हुए आपको शुभकामनाएं और बधाई देते हैं...

    नीरज

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  26. कालचक्र यूँ ही चलता रहता है और हमारी गतिविधियाँ ही उसको सार्थक और निरर्थक की संज्ञा से विभूषित करते हैं.
    इसको पहचान कर और इसको अपनी रूचि के अनुसार मोड कर या फिर खुद उसमें ढल कर ही इसके साथ चलने का नाम है. समय के साथ ये सफर यूँ ही आगे चलता रहे. मेरी हार्दिकशुभकामनाएं.

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  27. परिकल्पना की यह शानदार कल्पना पुन: द्वितीय संस्करण में भी उन्नत आकाश प्राप्त करे .. शुभकामना

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  28. आपकी वाणी में परिकल्पना को जानना अद्भुत अनुभव है, दी.....
    सादर बधाईयाँ, और अशेष शुभकामनाएं.....

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  29. परिकल्पना ब्लॉगोत्सव के गरिमामय आगाज़ के लिए अनेक बधाइयाँ और शुभकामनाएँ।


    प्रमोद ताम्बट
    भोपाल
    http://vyangya.blog.co.in/
    http://www.vyangyalok.blogspot.com/
    http://www.facebook.com/profile.php?id=1102162444

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  30. samay ko lekar jis tarah se use khangaala hai aapne veh apne aap me adhbhut hai "prikalpnaa" men aapki kalpnaa hee bandhe rakhti hai yhee iski shreshthta hai. badhai

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  31. आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (25.06.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
    चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

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  32. ब्लोगोत्सव द्वितीय का स्वागत, बधाई और शुभकामनायें.

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  33. हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं ....

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  34. ब्लॉग महोत्सव की सफलता हेतु शुभकामनाएं !

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आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.

 
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