फिर ना कहना हमें बुलाया नहीं .... परिकल्पना में भेजिए अपनी रचनाएँ - लघुकथा,कहानी,व्यंग्य,संस्मरण,यात्रा वृतांत,सामाजिक हलचल ..... पूरी धरती,पूरा आकाश लेकर भेजिए rasprabha@gmail.com पर समय रहते अपनी रचनाएँ भेजिए
ज़रूर ...:)
जवाब देंहटाएंदीदी अभी भेज रहा हूँ . आपको . अपनी कविताएं और कहानिया .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद.
thik hai rashmi ji aapne bulaya bhej dete hai laghukathayen aur kavitayen aur sansmaran
जवाब देंहटाएं:) क्या बात है ... कोई कमी न रह जाये इस उत्सव में
जवाब देंहटाएंतभी तो हर विधा को इतनी सहजता से आप साथ लेकर चल रही हैं ...
एक बार फिर से आपके इस श्रम को सादर नमन