परिकल्पना - कैकेयी परिकल्पना - कैकेयी

कैकेयी का प्रेम राम के प्रति अपार था ... पर कुछ देर कथा से परे एक माँ को देखिये . सभी राममय थे - और राम , लक्ष्मण , भरत , शत्रुघ्न ....

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10:00 am

परिकल्पना - चाहने का अर्थ जानो परिकल्पना - चाहने का अर्थ जानो

चाह लो  और वही आसानी से मिल जाये  तो सीखोगे क्या ? प्रयास क्या करोगे ? अनुभव क्या संजोवोगे ? चाह लेना बड़ी आसान बात है  पान...

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11:15 am

परिकल्पना - सुदामा कभी अकेला नहीं होता परिकल्पना - सुदामा कभी अकेला नहीं होता

ढूँढो - तो कृष्ण मिलेंगे  सुदामा कभी अकेला नहीं होता   …। रश्मि प्रभा  नमस्ते जी नमस्ते जी सुनते ही सोहन रुक ग...

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10:00 am

परिकल्पना - धूप सेंकतीं औरतें परिकल्पना - धूप सेंकतीं औरतें

गुनगुनाती धूप  और औरतें  किरणों से बातें करती हैं  गर्मी को आत्मसात करती हैं  नहीं देखतीं अपनी दुनिया से परे  व्यर्थ की बात...

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11:24 am

परिकल्पना - कुछ नए चेहरे नए सवाल परिकल्पना - कुछ नए चेहरे नए सवाल

हर दिन कुछ नया होता है  नए ख्याल  नए विकल्प  नए संकल्प  नए चेहरे  ....  सोचने को सोचते कई लोग हैं  पर समय पर कह देना बड़ी ...

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11:20 am

परिकल्पना - अनुभवी भट्ठी परिकल्पना - अनुभवी भट्ठी

कुछ साँसें इकट्ठी करके  अनुभवों की भट्ठी सुलगाई  जो आज भी प्रज्ज्वलित है  भावनाओं की चिंगारियों से अछूते रह पाना संभव नहीं !!! ...

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11:21 am
 
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