एक गीत है,
किसी के घर तू रिमझिम बरसे 
कोई बूँद पानी को तरसे 
बारिश के अलग अलग मायने  … 
रश्मि प्रभा 


बारिश का मतलब
डा0हेमन्त कुमार
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बारिश का मतलब
नहीं होता सिर्फ़
गरम गरम पकौड़ी और चाय
हंसी ठहाका और तफ़रीह
या फ़िर लार्ज या स्माल पेग और मुर्गा
साथ में राजनीति
सास बहू या कहानी घर घर की पर
चर्चा और लफ़्फ़ाजी।
बारिश का मतलब होता है
झोपड़ी के कोने में
पूरे कुनबे का गुड़मुड़िया कर
एक ही बंसेहठी पर बैठना
चारों ओर से फ़टी पालीथिन की छत से
टपकते पानी को एकटक निहारना
झोपड़ी में भर गये पानी में
तैरते हुये खाली बरतनों को देखना
और अररा कर बरस रहे मेघ को
भयभीत नजरों से निहारना।
चिन्ता इस बात की करना कि
पूरा कुनबा
इस झर झर बारिश में
कहां सोयेगा
झोपड़ी के किस कोने में परबतिया
जलायेगी चूल्हा
कहां पकायेगी रोटी
कि भर सके पूरे कुनबे का पेट।
बारिश का मतलब होता है
इस बात की चिन्ता भी कि अगर
हवा और तेज हुयी
फ़िर भरभरा कर गिर जायेगी
कच्ची माटी की भीत तो
पूरा कुनबा शहर के किस कोने में
शरण लेगा
किसी खाली बस स्टैन्ड के शेड के नीचे
नगर निगम के ह्यूम पाइप में
या फ़िर किसी निर्माणाधीन इमारत के बराम्दे में।
बारिश का मतलब होता है
हरखू की चिन्ता
इस बात की कि कल
जब सबके खेतों में चलेगा हल
तो कैसे जोतेगा वह खेत
बिना बैलों के
कहां से आयेगा बीज बोने के लिये।
लेकिन हमें क्या मतलब है
हरखू या परबतिया की चिन्ता से
हमारे लिये तो बारिश का मतलब ही है
बालकनी में बैठकर
चाय या व्हिस्की की चुस्कियां
मुर्गे की टांग या पकौड़ी
और झमाझम बौछार का आनन्द उठाना।

3 comments:

  1. हार्दिक आभार रश्मि जी,आपने मेरी कविता को यह सम्मान दिया यह मेरा सौभाग्य है।हार्दिक शुभकामनाएं,
    हेमन्त कुमार

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  2. बारिश के मौसम में डॉ. हेमन्त कुमार जी सुन्दर रचना प्रस्तुति हेतु आभार!

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