एक ऐसी लेखिका जिसकी साधना के स्वर पाठकों के मन के सुदूर घाटियों में अन्तर्निहित स्वर को ध्वनित- प्रतिध्वनित करने में पूरी तरह सक्षम है ...!
एक ऐसी लेखिका जिसकी साधना जब सरस्वती की अग्निविना पर सुर साधती है तो साहित्य की अग्नि धाराएं प्रवाहित होने लगती है ...! इन अग्निधाराओं में कहीं अग्नि की आंच धाह मारती है तो कहीं कलुषित परिवेश की कालिमा जलाकर उसके बदले एक खुशहाली से भरे विहान की ललक दिखा जाती है....!
जानते हैं कौन है वो?
वो हैं सूरत (गुजरात) निवासी प्रीती महेता
जिन्हें ब्लोगोत्सव-२०१० की टीम ने वर्ष की श्रेष्ठ परिचर्चा लेखिका का खिताब देते हुए लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया है !
विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ किलिक करें

17 comments:

  1. प्रीति जी, इस उपलब्धि पर बहुत-बहुत बधाई ।

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  3. प्रीति जी को हार्दिक बधाई।

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  4. प्रीति जी और उनकी कला - दोनों को बधाई।

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  5. अरे वाह ...बहुत बहुत बधाई प्रीति

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  6. आप् सभी का तहे दिल से शुक्रिया ..!

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  7. बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ..

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  8. बहुत बहुत बधाई हो सभी को
    और रवीन्द्र जी आपको साधुवाद इस सब मेहनत के लिए !!

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  9. प्रीती जी को दिल से बधाई, शुभकानाएं और आपको साधुवाद..

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