आज की प्रस्तुति के क्रम में मुझे हिंदी फिल्म का एक पुराना गाना स्मरण हो आया अचानक -"बच्चे मन के सच्चे, सारे जग के आँख के तारे.....!"

हम ऐसे ही तीन नन्हे सितारों की बात करने जा रहे हैं जिनकी उपस्थिति मात्र से गरिमामय हो गया था ब्लोगोत्सव का समापन समारोह !
जिन्होंने अपने नन्हे मन में छिपी बड़ी इच्छाशक्ति के बल पर ब्लोगोत्सव को दिया एक बड़ा आकाश और संगीत की एक ऐसी जमीन जिसपर टिककर आज पूरा हिंदी चिट्ठाजगत सर उठाकर देखने को आतुर है आकाश के झिलमिल सितारों को ....!

संगीत के प्रति इन तीनों की श्रद्धामयी भावना और साँसों-साँसों में बसी अदम्य आकांक्षा की खुशबू .....अपराजेय ख्वाहिशों के साथ पवित्रता की हद तक ईश को समर्पित है ....
खुशबू /अपराजिता और ईशिता

यही तीनों स्वर साधिकाएँ हैं जिन्हें हम अपनी ब्लोगोत्सव -२०१० की टीम की सहमति से वर्ष के श्रेष्ठ आकर्षण के अंतर्गत वर्ष की श्रेष्ठ उदीयमान गायिका से अलंकृत करने जा रहे हैं !

विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ किलिक करें

15 comments:

  1. खुशबू, अपराजिता और ईशिता को ढेर सारी बधाईयाँ आप सभी को संगीत की वह ऊँचाई मिले जिसकी ख्वाहिशें हर किसी कि होती है !

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  2. तीनों स्वर साधिकाएँ क्रमश:खुशबू, अपराजिता और ईशिता को बधाईयाँ !

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  3. खुसबू और इशिता को ढेर साडी बधाइयाँ और शुभकामनाये.

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  4. हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ.

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  5. आप तीनों को बधाई और शुभकामनाएं..

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  6. आप तीनों को बधाई और शुभकामनाएं..

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