एक ऐसी लेखिका जो पौराणिक साहित्यिक जमीन पर नयी साहित्यिक मूल्यों का निर्माण करती है , परंपरा और आधुनिकता के बीच से अपने आचरण को तय करने वाले सरोकारों का चुनाव करती हैं .....उनका मानना है कि परिस्थितियाँ अजीव तौर पर बिदंबनापूर्ण परिदृश्य सामने ला रही है साहित्य के क्षेत्र में इसलिए हमें नए सकारात्मक वातावरण का निर्माण करना है .....जानते हैं कौन हैं वो ?
वो हैं कविवर पन्त की मानसपुत्री श्रीमती सरस्वती प्रसाद
ब्लोगोत्सव की टीम ने इन्हें वर्ष की श्रेष्ठ लेखिका (संस्मरण ) का खिताब देते हुए इन्हें सम्मानित करने का निर्णय लिया है ....!
विस्तृत जानकारी हेतु यहाँ किलिक करें
विस्तृत जानकारी हेतु यहाँ किलिक करें
सरस्वती जी को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंसरस्वती जी को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंसरस्वती जी को बहुत-बहुत बधाई!
जवाब देंहटाएंसरस्वती जी को बहुत-बहुत बधाई!
जवाब देंहटाएंसरस्वती जी को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंमुझे गर्व है.......चरण स्पर्श
जवाब देंहटाएंसरस्वती जी को बहुत-बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंमेरी तरफ से हार्दिक बधाइयाँ !
जवाब देंहटाएंसरस्वती जी बधाई एवं ढेर सारी शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंProud Of U Ammaa...Pranaam, Love U Lot...!
जवाब देंहटाएंकविवर पन्त की मानसपुत्री श्रीमती सरस्वती प्रसाद को ब्लोगोत्सव श्रेष्ठ लेखिका (संस्मरण ) ke खिताब की हार्दिक बधाइयाँ ......!!
जवाब देंहटाएंमाँ जी को हार्दिक बधाई...
जवाब देंहटाएंसरस्वती जी को बहुत बहुत बधाई ..
जवाब देंहटाएंसरस्वती जी को बहुत बहुत बधाई ...!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई श्रीमती सरस्वती प्रसाद जी को!
जवाब देंहटाएंbahut bahut badhai Saraswatijee ko. Saraswati to shreshth lekhikaa hongee hee.
जवाब देंहटाएंachchee lekhikaaye sadaiv sammaanit honee chahiye badhai|
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंकाव्य विश्रुत सरस्वती स्वरूपा सरस्वती जी को बधाई !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई श्रीमती सरस्वती प्रसाद जी को
जवाब देंहटाएं