एक ऐसा उदीयमान लेखक और व्यंग्यकार जब सृजन के लिए कलम उठाता है तो जग के कंटीले करील-कुंजों को प्रयाग की पावनता प्रदान कर देता है ....!
"वसुधैव कुटुंबकम" तक जाकर क्षितिज को भी अपनी बांहों के घेरे में भर लेने की प्रचेष्टा जिसकी रचनाओं में पूरी तरह प्रतिविंबित होती है और जो साहित्य की विभिन्न विधाओं से जन कल्याण के साथ ही साथ जग कल्याण करता है ...!
जानते हैं कौन है वो?
वो है बहुचर्चित युवा लेखक व् व्यंग्यकार श्री दीपक मशाल
"वसुधैव कुटुंबकम" तक जाकर क्षितिज को भी अपनी बांहों के घेरे में भर लेने की प्रचेष्टा जिसकी रचनाओं में पूरी तरह प्रतिविंबित होती है और जो साहित्य की विभिन्न विधाओं से जन कल्याण के साथ ही साथ जग कल्याण करता है ...!
जानते हैं कौन है वो?
वो है बहुचर्चित युवा लेखक व् व्यंग्यकार श्री दीपक मशाल
जिन्हें ब्लोगोत्सव-२०१० की टीम ने इस बार वर्ष के श्रेष्ठ परिचर्चा लेखक का खिताब देते हुए लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया है !
बधाई हो।
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा निर्णय ..
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई दीपक.
are waah...........aashirwaad
जवाब देंहटाएंbadhaee!
जवाब देंहटाएंमशाल को जब सम्मान दिया जाए तो मेरी संस्तुति है कि शाल भी ओढ़ाई जाए, तभी दीपक मशाल नाम सार्थक होगा।
जवाब देंहटाएंआपकी संस्तुति पर मेरी सहमति है अविनाश जी !
जवाब देंहटाएंदीपक भाई, हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएं………….
ये ब्लॉगर हैं वीर साहसी, इनको मेरा प्रणाम
बहुत उम्दा निर्णय ..
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई दीपक...!
aapko bahut badhai deepak ji...!
जवाब देंहटाएंदीपक जी को बधाई .. आपको धन्यवाद !!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ..दीपक भाई को
जवाब देंहटाएंशाल के साथ श्री फल?
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंRavindr jee, Avinaash jee ke saath Sameer jee ke sujhav par amal hona chahiye.
जवाब देंहटाएंDeepak ko meree bahut-bahut shubhkaamanaayen.
दीपक को अनेकों बधाइयाँ
जवाब देंहटाएंबंधाई स्वीकारें ..
जवाब देंहटाएंBadhai..........Deepak jee!!
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