एक ऐसा प्रवासी भारतीय कवि जिनकी कविता तो आकर्षित करती ही है , आवाज़ भी कम आकर्षित नहीं करती ।
उस आवाज़ में यदि कविता रूपी महुए का स्वाद आपने एक बार चख लिया तो समझिये हमेशा के लिए आप उनकी आवाज़ में आबद्ध हो जायेंगे ।
जानते हैं कौन हैं वो ?
वो हैं श्री अनुराग शर्मा
जिन्हें ब्लोगोत्सव की टीम ने ब्लोगोत्सव पर प्रसारित उनकी कविता "गड़बड़झाला" को आधार बनाते हुए उन्हें वर्ष के श्रेष्ठ कवि (कविता पाठ ) का अलंकरण देते हुए लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया है ।
अनुराग जी को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंअनुराग जी को हार्दिक बधाई.
जवाब देंहटाएंअनुराग जी को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंअनुराग भाई को ढेर सारी शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंअनुराग जी को बहुत-बहुत बधाई के साथ शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंअनुराग जी को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंअनुराग जी को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंअनुराग जी को बहुत-बहुत बधाई के साथ शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई हो।
जवाब देंहटाएंअनुराग शर्मा जीको बहुत-बहुत बधाई!
जवाब देंहटाएंअनुराग भैया को बहुत बहुत बधाई.. उपयुक्त चयन.. आपका आभार..
जवाब देंहटाएंबधाई!
जवाब देंहटाएंअनुराग जी के लिए बधाई राग।
जवाब देंहटाएंअनुराग जी ko बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ..
जवाब देंहटाएंआप सभी का हार्दिक धन्यवाद। रवींद्र जी, सुमन जी और ब्लॉगोत्सव टीम का आभार।
जवाब देंहटाएंअनुराग जी को बहुत बहुत बधाई
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