हिंदी ब्लॉगजगत के पास एक ऐसी उत्कृष्ट लेखिका हैं , जिनकी कथा-कहानियों में परिस्थितियों से उत्पन्न विविध प्रकार के भौन्जालों के बीच विवशताभरी छटपटाहट का खुला दस्तावेज सम सम्मुख आता है , साथ ही जन-समुदाय के शोषण, कलह, ईर्ष्या, वर्ण-व्यवस्था से ग्रस्त मन-मानस की कुंठाओं एवं संत्रासों का सहज उदघाटन हो जाता है ।
जानते हैं कौन है वो?
वो हैं निर्मला कपिला ....
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22 comments:

  1. बहुत बहुत बधाई सही है यह निर्मला जी की कहानियाँ दिल को छु लेती है

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  2. निर्मला जी को बहुत-बहुत बधाईयाँ।

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  3. Nirmala jee, ye samman aap ko aur bahut kuchh dene kee takat de. hamen aap se nirantar naye ka intjaar rahega.

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  4. रविन्द्र जी और परिकल्पना टीम का बहुत बहुत धन्यवाद।

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  5. निर्मला जी बहुत-बहुत बधाईयां

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  6. निर्मला जी को बहुत-बहुत बधाईयाँ।

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  7. निर्मला जी को बहुत-बहुत बधाईयाँ।

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  8. निर्मला जी को बहुत बहुत बधाईयाँ!

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  9. इस सम्मान हेतु निर्मला जी को हार्दिक बधाई।
    सामाजिक सरोकार वाली उनकी कहानियां भाव-प्रणव हैं।

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  10. बहुत बहुत बधाई ...
    इस सम्मान के लिये ...

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  11. निर्मला कपिला जी को बहुत बहुत बधाई.

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