श्री समीर लाल 'समीर' हिंदी चिट्ठाजगत के सर्वाधिक समर्पित,लोकप्रिय और सक्रिय हस्ताक्षर हैं । साहित्य की हर विधाओं में लिखने वाले श्री समीर लाल जी का व्यंग्य जहां दिल की गहराईयों में जाकर गुदगुदाता है वहीं इनकी कविता अपनी संवेदनात्मक अभिव्यक्ति के कारण चिंतन के लिए विवश कर देती है । दिनांक १३ नवंबर को दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित , NATIONAL INSTITUE OF NATIONAL AFFAIRS ,प्रवासी टुडे के तत्वाधान में हिंदी संसार एवं नुक्कड ( सामूहिक ब्लॉग ) द्वारा आयोजित हिंदी ब्लॉग विमर्श में अपरिहार्य व्यस्तताओं के कारण न पहुँच पाने की मेरी विवशता रही, अविनाश जी ने कार्यक्रम की जानकारी दी थी , किन्तु मेरा न पहुँच पाना मेरे लिए काफी कष्टदायक रहा । मुझे याद है मैं पहली बार मिला था समीर जी से ११ अप्रैल २००८ को अपने ही शहर लखनऊ में किन्तु यह मुलाक़ात महज औपचारिकता बनकर रह गयी थी और जाते-जाते उन्होंने पुन: लखनऊ आने का वादा किया था । समीर लाल जी यानी "उडन तश्तरी " जब ढाई वर्ष पूर्व मिला था तो ठीक दोपहर के बारह बज रहे थे और ताण्डव कर रहा था ग्रीष्म , चंद लमहात समीर भाई के साथ गुजारते हुए अच्छा लगा था । हुआ यों कि अचानक सुबह नौ बजे के आस-पास मेरे मोबाइल की घंटी बजी और मैं हतप्रभ रह गया यह जानकर कि समीर भाई मेरे शहर में? थोड़ी देर के लिए कानों को यकीन ही नही हुआ मगर अगले ही क्षण दिल ने महसूस किया कि यह समीर भाई की ही आवाज़ है । मैंने झटपट अपने एक कवि मित्र राहुल सक्सेना को फोन किया और उसे अपने साथ लेकर पहुंचा समीर भाई के पास । एक संक्षिप्त मुलाक़ात समीर भाई के साथ इतना ऊर्जादायक था कि उसे वयान करते हुए मुझे शब्द कम पड़ रहे हैं । बस इतना ही कह सकता हूँ कि इस संक्षिप्त मुलाक़ात की तपीश में फीकी पड़ गयी ग्रीष्म की तपीश । मुझे ग्रीष्म में बसंत का एहसास होने लगा , मगर अगले ही क्षण जब समीर भाई से अलग हुआ महसूस करने लगा ग्रीष्म की तपीश ।
अब जब समीर लाल जी का भारत आगमन हो ही गया है और अविनाश जी एंड टीम के द्वारा दिल्ली में उनका भव्य स्वागत कर ही दिया गया है तो अब बारी है ब्लोगोत्सव की टीम की वर्ष के श्रेष्ठ ब्लोगर का अवध की नगरी में स्वागत करने की , इससे उनके ढाई वर्ष पूर्व के दिए वचन भी पूरा हो जायेंगे और पुन: एकबार मिलाने की उत्कंठा पूरी होगी । अब देखिये वह सुयोग कब बन रहा है .....मुझे यकीं है शायद शीघ्र !
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nice
जवाब देंहटाएंजल्दी बने संजोग .शुभकामनाये.
जवाब देंहटाएंदेखिये लखनऊ और बनारस -मिर्ज़ापुर का कब सुयोग बनता है
जवाब देंहटाएंलखनऊ में सुयोग बने तो बात बने, समीर जी से मिलाने की उत्सुकता है !
जवाब देंहटाएंअग्रिम शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंअग्रिम शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंShubhkamnayen.
जवाब देंहटाएंदेखिये कब सुयोग बनता है !
जवाब देंहटाएंagrim shubhkamanayen !
जवाब देंहटाएंहमें इंतजार रहेगा।
जवाब देंहटाएं---------
गायब होने का सूत्र।
क्या आप सच्चे देशभक्त हैं?
........................तो बनाइये ना प्लानिंग !
जवाब देंहटाएंहम भी समीर जी को छूकर देखना चाहते हैं !
आवाज तो वइसे *बहुते स्मार्ट* है !
हम भी चहते हैं ये सुअवसर जल्दी आये । शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंमै भी इंतजार मे ......... ।
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