साझा संवाद, साझी विरासत, साझी धरोहर, साझा मंच आप जो मान लीजिये हिंदी ब्लॉग जगत की एक कैफियत यह भी है । विगत कड़ियों में आपने अवश्य ही महसूस किया होगा कि हम इस विश्लेषण के माध्यम से यही बातें पूरी दृढ़ता के साथ आपसे साझा करते आ रहे हैं , कुछ यादों, कुछ इबारतों और कुछ तस्वीरों के मार्फ़त ।
पिछले भाग में जो साहित्य सृजन की बात चली थी उसे आगे बढाते हुए मैं सबसे पहले जिक्र करना चाहूंगा एक ऐसे परिवार का जो पद-प्रतिष्ठा-प्रशंसा और प्रसिद्धि में काफी आगे होते हुए भी हिंदी ब्लोगिंग में सार्थक हस्तक्षेप रखता है । साहित्य को समर्पित व्यक्तिगत ब्लॉग के क्रम में एक महत्वपूर्ण नाम उभरकर सामने आया है वह शब्द सृजन की ओर , जिसके संचालक है इस परिवार के मुखिया के के यादव । ये जून -२००८ से सक्रिय ब्लोगिंग से जुड़े हैं । इनका एक और ब्लॉग है डाकिया डाक लाया । यह ब्लॉग विषय आधारित है तथा डाक विभाग के अनेकानेक सुखद संस्मरणों से जुडा है ।
आकांक्षा यादव इनकी धर्मपत्नी है और ये हिंदी के चार प्रमुख क्रमश: शब्द शिखर, उत्सव के रंग, सप्तरंगी प्रेम और बाल दुनिया ब्लॉग की संचालिका हैं और
इनकी एक नन्ही बिटिया है जिसे पूरा ब्लॉग जगत अक्षिता पाखी (ब्लॉग : पाखी की दुनिया ) के नाम से जानता है, इस वर्ष के श्रेष्ठ नन्हा ब्लोगर का अलंकरण पा चुकी है , चुलबुली और प्यारी सी इस ब्लोगर को कोटिश: शुभकामनाएं !
इनसे जुड़े हुए दो नाम और है एक राम शिवमूर्ति यादव और दूसरा नाम अमित कुमार यादव , जिन्होनें वर्ष -२०१० में अपनी सार्थक और सकारात्मक गतिविधियों से हिंदी ब्लॉगजगत का ध्यान खींचने में सफल रहे हैं । ये एक सामूहिक ब्लॉग भी संचालित करते हैं जिसका नाम है युवा जगत । यह ब्लॉग दिसंबर-२००८ में शुरू हुआ और इसके प्रमुख सदस्य हैं अमित कुमार यादव, कृष्ण कुमार यादव, आकांक्षा यादव, रश्मि प्रभा, रजनीश परिहार, राज यादव, शरद कुमार, निर्मेश, रत्नेश कुमार मौर्या, सियाराम भारती, राघवेन्द्र बाजपेयी आदि ।
जनबरी-२००८ से सक्रिय ब्लोगिंग में आये राम कुमार त्यागी इस वर्ष अचानक शीर्ष रचनात्मक फलक पर दिखाई दिए । उन्होंने अपने कतिपय आलेखों से हिंदी ब्लॉगजगत को आत्म केन्द्रित करवाने में सफलता पायी । इस वर्ष उन्हें लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान से भी नवाज़ा गया । इनका प्रंमुख ब्लॉग है कविता संग्रह । इनका कहना है कि "इस साल हिन्दी ब्लोगिंग में थोडा सक्रीय हुआ तो बहुत सारे दोस्त बने, कई पाठक भी मिले और कई पुरुष्कार भी ! हिन्दी ब्लॉग्गिंग के हिसाब से ये मेरे लिए काफी उपलब्धि वाला वर्ष रहा !एक छोटा सा लेख अपने पिता के महान और प्रेरणादायी कार्यक्रमों के बारे में भी लिखा और जिस हिसाब से मित्रों ने मुझे अपना स्नेह दिखाया उससे यह जरूर सिद्ध हुआ कि हिन्दी ब्लॉग्गिंग लेखन के साथ साथ एक परिवार का वातावरण भी प्रदान कराती है !" इनका मुख्य ब्लॉग है -मेरी आवाज़ ।
इस क्रम के अगले ब्लोगर हैं सितंबर-२००९ से सक्रिय मनोज कुमार , जो कोलकाता स्थित रक्षा मंत्रालय में कार्यरत हैं ।वेहद प्रखर चिट्ठा चर्चा कार , यशस्वी ब्लोगर और हिंदी के अनुरागी मनोज कुमार का प्रमुख ब्लॉग है - मनोज , इस ब्लॉग पर वर्ष-२०१० में फुर्सत में...बूट पोलिश काफी चर्चित रहा । ये एक सामूहिक ब्लॉग से भी जुड़े हैं जिसका नाम है राज भाषा , इसके प्रमुख सदस्यों में मनोज कुमार, संगीता स्वरूप, रेखा श्रीवास्तव, अरुण चन्द्र राय, संतोष गुप्ता, परशुराम राय, करण समस्ती पुरी, हरीश प्रकाश गुप्तआदि हैं ।
दिसंबर-२००८ से सक्रिय त्रिपुरारी कुमार शर्मा ने भी इस वर्ष हिंदी ब्लोगिंग में पाठकों को आकर्षित किया । इस वर्ष के प्रारंभ में यानी १६ जनवरी को एक प्रखर ब्लोगर और कवियित्री का आगमन हुआ , नाम है सुमन कपूर यानी सुमन मीत । ये पूरे वर्ष भर अपनी सुन्दर और भावपूर्ण रचनाओं से हिंदी ब्लॉगजगत को अभिसिंचित करती रही । मई-२०१० से इन्होनें दूसरा ब्लॉग भी शुरू किया जिसका नाम है अर्पित सुमन । इसी वर्ष मार्च महीने में एक और ब्लोगर ने अपनी सार्थक उपस्थिति दर्ज कराई जिसका नाम है शेखर कुमावत ।
मई-२००७ से सक्रिय ब्लोगिंग में कार्यरत वन्दना भी इस वर्ष काफी लोकप्रिय रही , इनके तीन ब्लॉग क्रमश: ज़िन्दगी एक खामोश सफ़र , एक प्रयास और ज़ख्म जो फूलों ने दिए हैं । इस वर्ष की अपनी गतिविधियों के बारे में इनका कहना है कि "सिर्फ इतनी कि आज काफी ब्लोगर्स जानने लगे हैं कि वन्दना नाम की ब्लोगर भी इस जाल जगत के महासागर की छोटी सी बूँद है ...........इस साल गूगल प्रतियोगिता "है बातों में दम " में भाग लिया था और एक आलेख "राष्ट्रमंडल खेलों का असर ?" पर पुरस्कार स्वरुप टी-शर्ट प्राप्त हुई थी गूगल की तरफ से .............बाकी सप्तरंगी प्रेम , वटवृक्ष,काव्यलोक जैसे ब्लोग्स पर मेरी रचनायें प्रकाशित होती रहती हैं और अभी इ-पत्रिका गर्भनाल पर कुछ रचनायें भेजी हैं जो अगले महीने के अंक में प्रकाशित होंगी ।"
इस क्रम में एक और प्रमुख नाम है विजय कुमार सपत्ति , जो वर्ष-२००८ से सक्रिय ब्लोगिंग में हैं । इनका प्रमुख ब्लॉग है ख़्वाबों के दामन में , कविताओं के मन से ,आर्ट बाई विजय कुमार सपत्ति , भारतीय कॉमिक्स , अंतर्यात्रा , हृदयम आदि है ।
अप्रैल -२००९ से सक्रिय शीखा वार्ष्णेय ने भी इस वर्ष अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रही है । वर्ष-२०१० में इन्हें दो प्रमुख सम्मान क्रमश: लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान-२०१० तथा वैशाखनंदन कांस्य सम्मान-२०१० से नवाज़ा गया ।
"... मन के भावों को कैसे सब तक पहुँचाऊँ कुछ लिखूं या फिर कुछ गाऊँ । चिंतन हो जब किसी बात पर और मन में मंथन चलता हो उन भावों को लिख कर मैं शब्दों में तिरोहित कर जाऊं । सोच - विचारों की शक्ति जब कुछ उथल -पुथल सा करती हो उन भावों को गढ़ कर मैं अपनी बात सुना जाऊँ जो दिखता है आस - पास मन उससे उद्वेलित होता है उन भावों को साक्ष्य रूप दे मैं कविता सी कह जाऊं....!" ऐसे कोमल शब्दों के साथ हिंदी ब्लॉगजगत की सतत सेवा करने वाली संगीता स्वरुप गीत भी इस वर्ष काफी चर्चा में रही । उन्हें इस वर्ष श्रेष्ठ टिप्पणीकार का ब्लोगोत्सव-२०१० के अंतर्गत लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान -२०१० से और शारदा साहित्य मंच खटीमा (उद्धम सिंह नगर ) का साहित्य श्री सम्मान से नवाज़ा गया । इस वर्ष इनका पोस्ट सच बताना गांधारी काफी चर्चित रहा ।
वर्ष-२००७ से सक्रिय परमजीत वाली भी इस वर्ष कुछ महत्वपूर्ण और सार्थक पोस्टों के कारण चर्चा में रहे । २१ सितंबर २००८ से सक्रिय रेखा श्रीवास्तव इस वर्ष के सर्वाधिक सक्रिय ब्लोगरों में से एक रही हैं । इस वर्ष उनका पोस्ट किसी की आंख के आंसू , अदम्य इच्छाएं सीधी है अपराध की , दाम्पत्य जीवन में दरार और ग्रंथियां , जाऊं तो जाऊं कहाँ और संस्कारों का ढोंग काफी चर्चित रहा ।
सर्वाधिक चर्चित ब्लोगरों की श्रेणी में एक और नाम इस वर्ष प्रमुखता के साथ आया लोकसंघर्ष सुमन , जो १५ मार्च-२००९ से हिंदी ब्लोगिंग में सक्रिय हैं , किन्तु ब्लोगोत्सव-२०१० के साथ ये अचानक चर्चा में आये । ये पूरे वर्ष भर चिट्ठाजगत की सक्रियता सूची में चौथे- पांचवें स्थान पर बने रहे । इस वर्ष इनका पोस्ट गिरगिट भी शरमा जाता है काफी लोकप्रिय रहा ।
२३ सितंबर २००९ से हिंदी ब्लोगिंग में सक्रिय चन्द्र कुमार सोनी की भी पोस्ट की इस वर्ष काफी चर्चा हुई । अगस्त-२००८ से हिंदी ब्लोगिंग में सक्रिय पवन कुमार अरविन्द भी इस वर्ष चर्चा में रहे । इस वर्ष इनका पोस्ट अयोध्या फैसले के निहितार्थ काफी चर्चा में रहा । इस वर्ष अपनी दृढ़ता और साफगोई से रचनात्मक फलक पर प्रमुखता के साथ स्थान बनाने वाली महिला ब्लोगरों में एक नाम डा दिव्या श्रीवास्तव (ZEAL) का आता है , जिनका आगमन वर्ष -२०१० के उत्तरार्द्ध में हुआ है , किन्तु लगभग ९० के आसपास पोस्ट के माध्यम से हिंदी ब्लोगिंग में इन्होने धमाकेदार उपस्थिति दर्ज कराई है ।
चिट्ठाचर्चा पर चर्चा करने वाली ब्लॉग जगत की प्रमुख महिला चर्चाकारों में सुश्री नीलिमा, सुजाता, डा0 कविता वाचकनवी और संगीता स्वरुप गीत हैं जिनके द्वारा निरंतरता के साथ विगत २-३-४ वर्षों से पूरी तन्मयता के साथ चिट्ठा चर्चा की जा रही है । इसके अलावा एक और महिला चर्चाकार हैं वन्दना जिनके द्वारा चर्चा मंच पर लगातार अच्छे -अच्छे चिट्ठों से परिचय कराया गया ।
आईये उन ब्लोगरों के बारे में जानें जिन्होनें वर्ष-२०१० में अपनी गतिविधियों से हिंदी ब्लोगिंग को प्राण वायु देने का कार्य किया, इसमें शामिल हैं नए और पुराने, किन्तु सार्थक हस्तक्षेप रखने वाले ब्लोगर -
इस श्रेणी में आईये सबसे पहले मिलते हैं अशोक चक्रधर से । ये हिंदी के मंचीय कवियों में से एक हैं। हास्य की विधा के लिये इनकी लेखनी जानी जाती है। कवि सम्मेलनों की वाचिक परंपरा को घर घर में पहुँचाने का श्रेय गोपालदास नीरज, शैल चतुर्वेदी, सुरेंद्र शर्मा, ओमप्रकाश आदित्य, कुमार विश्वास आदि के साथ-साथ इन्हें भी जाता है। ब्लोगिंग में वर्ष-२००६ से सक्रीय....इनका प्रमुख ब्लॉग है चक्रधर का चक्कलस ।
और अब समीर लाल समीर से , जिनका जन्म २९ जुलाई, १९६३ को रतलाम म.प्र. में हुआ। विश्व विद्यालय तक की शिक्षा जबलपुर म.प्र से प्राप्त कर आप ४ साल बम्बई में रहे और चार्टड एकाउन्टेन्ट बन कर पुनः जबलपुर में १९९९ तक प्रेक्टिस की. सन १९९९ में आप कनाडा आ गये और अब वहीं टोरंटो नामक शहर में निवास... इस वर्ष ब्लोगोत्सव-२०१० में इन्हें वर्ष का श्रेष्ठ ब्लोगर घोषित किया गया ......हिंदी ब्लोगिंग में वर्ष-२००६ से सक्रीय ....इनका मुख्य ब्लॉग है -उड़न तश्तरी ।
आईये आपको मिलवाते है अब वाराणसी निवासी डा अरविन्द मिश्र से , जो वर्ष-२००७ से हिंदी ब्लोगिंग में सक्रिय हैं और तर्क युक्तियों के साथ अभिव्यक्ति में पारंगत भी । इनके पोस्ट तथा इनकी टिप्पणियाँ बरबस ही पाठकों को आकर्षित करती है । विज्ञान विषयक लेखन में इन्हें एकाधिकार प्राप्त है हिंदी ब्लॉगजगत में । इन्हें ब्लोगोत्सव-२०१० में वर्ष का श्रेष्ठ विज्ञान लेखक का अलंकरण प्रदान किया गया है । इन्हें विज्ञान में उच्च कोटि के लेखन के लिए संवाद सम्मान से नवाज़ा गया है । इनका प्रमुख ब्लॉग है -साई ब्लॉग , जबकि इनका सर्वाधिक चर्चित ब्लॉग है क्वचिदन्यतोअपि..... , ये साईंस ब्लोगर असोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं ।
आईये अब मिलते हैं रविशंकर श्रीवास्तव उर्फ़ रवि रतलामी से । ये नामचीन हिन्दी चिट्ठाकार, तकनीकी सलाहकार व तकनीकी अनुवादक हैं। ये मध्य प्रदेश शासन में टेक्नोक्रेट रह चुके हैं। इन्होनें लिनक्स तंत्रांशों के हिन्दी अनुवादों के लिए भागीरथी प्रयास किए हैं। गनोम, केडीई, एक्सएफसीई, डेबियन इंस्टालर, ओपन ऑफ़िस मदद इत्यादि सैकड़ों प्रकल्पों का हिन्दी अनुवाद स्वयंसेवी आधार पर किया है। वर्ष २००७ -०९ के लिए ये माइक्रोसॉफ़्ट मोस्ट वेल्यूएबल प्रोफ़ेशनल से पुरस्कृत हैं तथा केडीई हिन्दी टोली के रूप में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फॉस.इन २००८ से पुरस्कृत हैं। सराय द्वारा FLOSS फेलोशिप के तहत केडीई के छत्तीसगढ़ी स्थानीयकरण के महती कार्य के लिये, जिसके अंतर्गत उन्होंने १ लाख से भी अधिक वाक्यांशों का छत्तीसगढ़ी में अनुवाद किया, रवि को २००९ के प्रतिष्ठित मंथन पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया।इन्हें ब्लोगोत्सव-२०१० में वर्ष के श्रेष्ठ लेखक का अलंकरण प्रदान किया गया । छीटें और बौछारें तथा रचनाकार इनके प्रमुख ब्लॉग हैं।
अब आईये मिलते हैं हर दिल अजीज ब्लोगर अविनाश वाचस्पति से , जिन्हें सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने हिन्दी साहित्य सम्मान से सम्मानित किया है। उनको यह सम्मान राजभाषा पुरस्कार वितरण समारोह में माननीय सचिव ने विगत दिनों प्रदान किया । अंतर्जाल पर हिन्दी के लिए किया गया उनका कार्य किसी परिचय का मोहताज नहीं है। अविनाश जी साहित्य शिल्पी से भी लम्बे समय से जुडे हुए हैं इसके अलावा सामूहिक वेबसाइट नुक्कड़ के मॉडरेटर हैं, जिससे विश्वभर के एक सौ प्रतिष्ठित हिन्दी लेखक जुड़े हुए हैं। इसके अतिरिक्त उनके ब्लॉग पिताजी, बगीची, झकाझक टाइम्स, तेताला अंतर्जाल जगत में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। उन्हें इस वर्ष ब्लोगोत्सव-२०१० में वर्ष के श्रेष्ठ व्यंग्यकार से तथा वर्ष-२००९ के संवाद सम्मान से अलंकृत किया गया है ।
आईये अब मिलते हैं गिरीश पंकज से जो एक बहुआयामी रचनाकार है । ये एक साथ व्यंग्यकार, उपन्यासकार, ग़ज़लकार एवं प्रख्यात पत्रकार हैं । सद्भावना दर्पण नामक वैश्विक स्तर पर चर्चित अनुवाद पत्रिका के संपादक हैं । देश एवं विदेश में सम्मानित । युवाओं के प्रेरणास्त्रोत । सद्भावना, राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सद्भाव के लिए एक विशिष्ट स्थान रखने वाले गिरीश पंकज को पढ़ना अपने आप में एक विशिष्ट अनुभव से गुजरना है । - सृजन-सम्मान ...ब्लोगोत्सव-२०१० में इन्हें वर्ष का श्रेष्ठ ब्लॉग विचारक का अलंकरण प्रदान किया गया .....ब्लोगिंग में वर्ष-२००७ से सक्रीय ....इनका मुख्य ब्लॉग है गिरीश पंकज
अब आईये मिलते हैं एक और चर्चित ब्लोगर जाकिर अली रजनीश से , ये देश के जाने-माने बाल साहित्यकार और सक्रिय ब्लोगर हैं । ये मूलत: विज्ञान विषयक गतिविधियों को प्राणवायु देने की दिशा में लगातार सक्रिय हैं । इन्हें वर्ष-२०१० के श्रेष्ठ बाल साहित्यकार का अलंकरण प्राप्त है । इनके प्रमुख ब्लॉग है मेरी दुनिया मेरे सपने, हमराही और सर्प संसार । ये गैर राजनीतिक संस्था TASLIMके महामंत्री और साईंस ब्लोगर असोसिएसन के सचिव है । इनका बच्चों पर आधारित प्रमुख ब्लॉग है बाल मन ।
ये हैं निर्मला कपिला :वर्त्तमान समय में श्रीमती निर्मला कपिला जी को हिंदी चिट्ठाकारी में वही स्थान प्राप्त है जो कभी हिंदी साहित्य के छायावादोत्तर काल में महादेवी वर्मा जी को प्राप्त था । निर्मला जी एक समर्पित ब्लोगर ही नहीं कुशल कहानीकार और गज़लकार भी हैं , जो सर्वथा निष्पक्ष भाव से ब्लॉग जगत की सेवा में रत रहती हैं। निर्मला जी कहती हैं कि "अपने लिये कहने को कुछ नहीं मेरे पास । पंजाब मे एक छोटे से खूबसूरत शहर नंगल मे होश सम्भाला तब से यहीं हूँ। बी.बी.एम.बी अस्पताल से चीफ फार्मासिस्ट रिटायर हूँ । अब लेखन को समर्पित हूँ।"ब्लोगोत्सव-२०१० में इन्हें वर्ष की श्रेष्ठ लेखिका (कथा-कहानी) के अलंकरण से नवाज़ा गया , साथ ही वर्ष-२००९ का संवाद सम्मान और इस वर्ष का वैशाखनंदन सम्मान इन्हें प्रदान किया गया.....हिंदी ब्लोगिंग में २५ नवम्बर २००८ से सक्रीय......इनका प्रमुख ब्लॉग है -वीर बहुटी
रश्मि रविजा :पढने का शौक तो बचपन से ही था। कॉलेज तक का सफ़र तय करते करते लिखने का शौक भी हो गया. 'धर्मयुग',' साप्ताहिक हिन्दुस्तान', 'मनोरमा ' वगैरह में रचनाएँ छपने भी लगीं .पर जल्द ही घर गृहस्थी में उलझ गयी और लिखना,पेंटिंग करना सब 'स्वान्तः सुखाय' ही रह गया . जिम्मेवारियों से थोडी राहत मिली तो फिर से लेखन की दुनिया में लौटने की इनकी ख्वाहिश जगी.मुंबई आकाशवाणी से इनकी कहानियां और वार्ताएं प्रसारित होती हैं..ब्लोगिंग में वर्ष-२००९ से सक्रीय ,संवाद सम्मान और वैशाखनंदन सम्मान से सम्मानित ......इनका मुख्य ब्लॉग है मन का पाखी
सुशीला पुरी : लखनऊ निवासी सुशीला पुरी एक समर्पित रचनाकार और ब्लोगर हैं , इनका कहना है कि ''लिख सकूँ तो - प्यार लिखना चाहती हूँ ठीक आदमजात - सी बेखौफ दिखना चाहती हूँ".....ब्लोगिंग में वर्ष-२००९ से सक्रीय .....इनका मुख्य ब्लॉग है - सुशीला पुरी
.......अभी जारी है विश्लेषण ....मिलते हैं एक विराम के बाद
रवीन्द्र जी आपके इस विस्शलेशण मे कई नये ब्लाग्स का संकल्न मिला है जिसके लिये बहुत बहुत धन्यवाद। हैरान हूँ आप इतनी बडी जानकारी कैसे इकठ्टी करते हैं। बहुत बहुत शुभकामनायें व धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंBehad Shramsadhy
जवाब देंहटाएंThanks
nice
जवाब देंहटाएंब्लागिंग के प्रति आपकी अटूट निष्ठां और अनुराग ही आपको इतना परिश्रम करने को प्रेरित कर रही है -आप हिन्दी ब्लॉग जगत के इतिहासकार हो गए हैं !
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह उपयोगी, सार्थक और विशेष.......चिल-पों से दूर शांत चित्त के साथ निरंतर मंजिल की और अग्रसर साधक को मेरा कोटिश: नमन !
जवाब देंहटाएंशुक्रिया रवीन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंबहुत ही श्रमसाध्य कार्य को अंजाम दिया है ,आपने
एक संग्रहणीय पोस्ट
आभार इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए। एक बहुत ही श्रम साध्य और महान कार्य कर रहे हैं आप। आपकी निष्ठा, परिश्रम और लगन अनुकरणीय और प्रेरक है।
जवाब देंहटाएंकुछ दिनों से नेट ख़राब था..आज बनाऔर अभी आपके समर्पित विश्लेषण को देखा. हमेशा की तरह मुंह से यही निकलता है, कि नमन...आपके परिश्रम को. विश्वास के साथ फिर दुहराता हूँ, कि कोई दूसरा इस काम को इतने ईमानदार तरीके से नहीं कर सकता.
जवाब देंहटाएंसुन्दर और सार्थक विश्लेषण, अच्छा लगा !
जवाब देंहटाएंsachmuch hamen yaad karegaa jamaanaa hamaare jaane ke baad ......mil kaa patthar hai yah charchaa .
जवाब देंहटाएंmehanat se bharaa ek saarthak vishleshan ....
जवाब देंहटाएंरविन्द्र जी ,
जवाब देंहटाएंब्लॉग जगत सागर के समान है ..और आप उसमें से चुन कर हमारे लिए मोती ले आये हैं .... बहुत से ब्लोग्स की जानकारी मिली ..इस श्रमसाध्य कार्य के लिए बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें ...आभार
अच्छा परिश्रम कर रहे हैं...
जवाब देंहटाएंआपके श्रम से हमें सहेजने लायक एक आलेख मिल गया है .
जवाब देंहटाएंआभार आपका.
एक ज़बरदस्त विश्लेषण. जो सिर्फ रवीन्द्र जी के बस की बात है.
जवाब देंहटाएंएक शब्द!!
जवाब देंहटाएं’गज़ब’
charchaa to sirf aapki honi chahiye ...
जवाब देंहटाएं... saarthak charchaa !!!
जवाब देंहटाएंatulneey..
जवाब देंहटाएंमेरा भी यही ख्याल है कि इतने सारे ब्लागर अच्छा काम कर रहे हैं.
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पोस्ट लेखन के लिए बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है - पधारें - कृपया ध्यान देंवे : अति विशेष सूचना - आलेख प्रतियोगिता और आप - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा
sir ,
जवाब देंहटाएंhats off to you.
aapne itni mehnat ki hai ki koi bhi shabd tareef ke liye kam hai ..
aapne mujhe bhi sammalit kiya aapka bahut bahut aabhar.
dhanywad.
vijay
अद्भुत श्रम, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
रवीन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंआपका प्रयास और परिश्रम सराहनीय है ………………इतनी मेहनत और लगन से कार्य को अन्ज़ाम देना कोई आपसे सीखे……………आपकी कटिबद्धता को नमन है।
यह तो संग्रहणीय अंक हो गया। इतनी सारी जानकारी एक ही स्थान पर? बहुतों के बारे में विस्तृत जानकारी मिली। आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत परिश्रम से तैयार की गयी रिपोर्ट ... अध्बुध .
जवाब देंहटाएंरवीन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंद्वारा प्रस्तुत ब्लॉगों के विश्लेषण से कम से कम हमें भी ब्लागर होने का अहसास हुआ है और लगता है कि हम भी कुछ ठीक-ठाक सा कर रहे हैं. अन्यथा हम तो अपने को इस क्षेत्र में घुसपैठिया ही मानते थे. खैर इसी बहाने सुदूर अंडमान-निकोबार की चर्चा भी ब्लागिंग में हो रही है, जो काफी उपेक्षित माना जाता है. एक बार पुन: रवीन्द्र प्रभात जी को लगातार दूसरे वर्ष इस अनुपम ब्लॉग-विश्लेषण के लिए बधाइयाँ और साधुवाद !!
आपके विश्लेषण पर एक पोस्ट 'शब्द सृजन की ओर' पर भी लिखी है. अवलोकन कीजियेगा..
जवाब देंहटाएंवाकई खूबसूरत और अद्भुत विश्लेषण. आपके इस कार्य की जितनी भी सराहना की जय, कम ही होगी. हमारे ब्लॉगों को विश्लेषण में शामिल करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएं'शब्द सृजन की ओर' और 'शब्द-शिखर' ब्लॉग के माध्यम से आपके इस विश्लेषण की जानकारी मिली. यहाँ तो बैठे-बैठे तमाम अच्छे ब्लॉगों के लिंक मिल गये..अब आता रहूँगा.
जवाब देंहटाएं'शब्द सृजन की ओर' और 'शब्द-शिखर' ब्लॉग के माध्यम से आपके इस विश्लेषण की जानकारी मिली. यहाँ तो बैठे-बैठे तमाम अच्छे ब्लॉगों के लिंक मिल गये..अब आता रहूँगा.
जवाब देंहटाएंआपके परिश्रम ने हमें अपने ब्लॉग परिवार के सदस्यों से परिचय करवा दिया है और इसको संग्रहणीय अंक मान कर रखना ही पड़ेगा.
जवाब देंहटाएंरवीन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंअब तक पाँच भाग पढने के बाद लगता है की इस विश्लेषण के पीचे वाकई बहुत मेहनत की गयी. आप निश्चय ही बधाई के पात्र है.......वास्तव में बहुत ही सुंदर विश्लेषण किया जा रहा है.......एक सराहनीय प्रयास
इतिहास बना रहे हैं वे जो इतिहास बता रहे हैं ..सिर्फ़ दस वर्षों के बाद ही इसका मह्त्व सबको दिखने लगेगा ..आपके श्रम को नमन रविंद्र भाई । आप अपने आप में एक अकादमी एक संस्था का रूप ले चुके हैं । शुभकामनाएं , कभी मुलाकात हो सकी तो आपसे तो कृतज्ञ पाऊंगा खुद को ..
जवाब देंहटाएंprabhat ji bahut hi sundar prayas hai aapka .mere blog ''vikhyat ''[shikhakaushik666.blogspot.com ]ko bhi charcha me shamil karne ki kripa kare .aabhar .
जवाब देंहटाएंsarthak charcha.............
जवाब देंहटाएंbhut hi achi sarthak charcha.....
जवाब देंहटाएंके.के.यादव जी की सूचना से आपका यह अथक प्रयास देखा और महसूस किया कि,काफी म्हणत से आप[ने इतना सब संजोया है.आपकी इस बात का पूर्ण समर्थन करता हूँ कि ,कोई वरिष्ठता क्रम नहीं निर्धारित किया जा सकता है.सभी ओनी -अपनी तरफ से अच्छा ही करते होंगें.जिन्होंने दूसरों पर आछेप किये हों -वह ज़रूर गलत होगा.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद और आभार तमाम जानकारियाँ दिलाने के लिए.
सच्चे मन से सराहना हेतु आप सभी का कोटिश: आभार !
जवाब देंहटाएंअजय जी,
जवाब देंहटाएंसुयोग बना तो अवश्य मुलाक़ात होगी, आप सभी की शुभकामनाएं ही मुझे कुछ विशेष करने को प्रेरित करती रहती है ....आप सभी का पुन: आभार !
बहुत कुछ जानने को मिल रहा है, अपने ब्लॉगर साथियों के बारे में।
जवाब देंहटाएंअद्भुत परिश्रम किया है भाई । आपको बधाई ।
जवाब देंहटाएंरश्मि दी, की बातों से पूर्णत: सहमत हूं की चर्चा तो सिर्फ आपकी होनी चाहिये ...।
जवाब देंहटाएं