बन जाता है
पानी
मर्यादाएं
हो जाती हैं
ध्वस्त
संतान
निकम्मी हो
जाती
प्रताड़ित
करती माँ बाप
को
रोती है धरती
रोता है आकाश
रोते हैं माँ
बाप
कोसते हैं
किस्मत को
क्यों जन्म
दिया
ऐसी संतान को
निसंतान होने
का दुःख
इतना भीषण तो
नहीं होता
खुद का खून जहर
बन कर
पल पल जान तो
नहीं लेता
14-05-2012
521-41-05-12
521-41-05-12
बहुत दुर्भाग्यशाली होते हैं वे लोग जो इस रिश्ते की कद्र नहीं जानते ......
जवाब देंहटाएंBAHUT MARMIK KAVITA !
जवाब देंहटाएंदु:ख तो होता ही है। नशिब के आगे कीशी का बसचलता ही नही। मैतसे बतर जिँदगी है।
जवाब देंहटाएंसंजय कुंभार