=================
प्यारे दोस्तों,
मैं आज भी संगीत जगत में एक शिष्य ही हूँ, अतः बड़े ही विनम्र भाव से, मैं मेरी एक गज़लनुमा गीत-रचना,मेरे ही स्वरांकन-संगीतबद्ध करके पेश कर रहा हूँ । गीतकार-स्वरांकन-संगीत-गायक-मार्कंड दवे ।
स्वरायोजन-प्रसुन चौधरी.
=================
मौत की आहट (गज़लनुमा गीत)
=================
मौत की आहट (गज़लनुमा गीत)
=================
हर साँस मे मौत की आहट सुनाई देती है ।
ज़िंदगी अब तो गिन-गिन के बदला लेती है ।
ज़िंदगी अब तो गिन-गिन के बदला लेती है ।
१.
ज़िंदगी जीने मे जो माहिर माने जाते थे ।
उनको अब जीने की रीत देखो सिखाई जाती है ।
हर साँस मे ...................
ज़िंदगी जीने मे जो माहिर माने जाते थे ।
उनको अब जीने की रीत देखो सिखाई जाती है ।
हर साँस मे ...................
२.
बेआबरु न हो कोई, मैं तो खामोश रहता था ।
कहानी मेरी ही अब मुझ को सुनाई जाती है ।
हर साँस मे ...................
बेआबरु न हो कोई, मैं तो खामोश रहता था ।
कहानी मेरी ही अब मुझ को सुनाई जाती है ।
हर साँस मे ...................
३.
मुआफ़ करना गुस्ताख़ी अगर हो कोई ।
आखरी ख़्वाहिश सभी से तो पूछी जाती है ।
हर साँस मे ...................
मार्कड दवे । मई -२३.२००९.
मुआफ़ करना गुस्ताख़ी अगर हो कोई ।
आखरी ख़्वाहिश सभी से तो पूछी जाती है ।
हर साँस मे ...................
मार्कड दवे । मई -२३.२००९.
Good bikes shops in london
जवाब देंहटाएंExcellent Working Dear Friend Nice Information Share all over the world.God Bless You.
used bicycles london
used cycles london uk
@आदरणीय श्री डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण),
जवाब देंहटाएंआपका धन्यवाद करते हुए आपके लिए मंगल कामना ।
मार्कण्ड दवे.
॰सुश्री Rajesh Kumari,
जवाब देंहटाएंआपका अनेकोनेक धन्यवाद ।
आपकी कुशलता वांच्छु -मार्कण्ड दवे ।
बहुत अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं