प्याज प्यार
आज मेरे यार
कितने ही रसोईघरों में, जीवन का
कर रहा है राज है सच्चा सार
कितनी ही परतों में, दिल की गहराइयों में
छुपा हुआ रहता है बसा हुआ रहता है
बाहर सूखा दिखता पर, उम्र बीत जाने पर भी,
अन्दर ताज़ा रहता है सदा जवान रहता है
अगर काटतें है तो, विरह की रातों में,
आंसू भी लाता है आंसू बन बहता है
लेकिन वो खाने का, जीवन के जीने का,
स्वाद भी बढाता है स्वाद भी बढाता है
दबाये ना दबती, छुपाये ना छुपती,
पर इसकी गंध है पर इसकी सुगंध है
पर सेहत के लिये, प्यार हो जीवन में,
फायदेबंद है आता आनंद है
प्याज का आकार
दिल के आकार से,
कितना मिलता जुलता है
प्याज हो या प्यार,
दोनों में सचमुच में,
कितनी समानता है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
दिव्य साम्यता दिख रही, सब्ज-बाग़ सद-प्यार ।
जवाब देंहटाएंसूक्ष्म-दर्श कर लीजिये, परतें-परत उतार ।
परतें-परत उतार, चलो क्यारी में बो लें ।
धरा जरा उर्वरा, गाँठ बण्डल का खोलें ।
प्रेम-नीर से सींच, प्याज फिर बड़ा उगेगा ।
दूर करो पतवार, बहुत ही नीक लगेगा ।।
प्याज का आकार
जवाब देंहटाएंदिल के आकार से,
कितना मिलता जुलता है
प्याज हो या प्यार,
दोनों में सचमुच में,
कितनी समानता है
beautiful post with deep emotions and nice feelings
dhanywad-aapko rachna achchhi lagi
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