
किसी शायर ने ठीक ही कहा है- " क्यों जिन्दगी में अपने जीने के अंदाज़ छोड़ दें, क्या है हमारे पास इस अंदाज़ के सिवा।" दरअसल जिन्दगी ...
🔽विश्व ब्लॉगकोश से जुड़ें और दर्ज कराएं अंतर्जाल पर अपनी सार्थक उपस्थिति
|
किसी शायर ने ठीक ही कहा है- " क्यों जिन्दगी में अपने जीने के अंदाज़ छोड़ दें, क्या है हमारे पास इस अंदाज़ के सिवा।" दरअसल जिन्दगी ...
बीच वहस में. . . .. परसों इतवार का दिन था, सोचा कि कोई मित्र मिल जाये तो सिनेमा देखने चलें, पर शाम तक कोई मित्र ऐसा नही मिला जिसके साथ जाया ...
गज़ल - एक कतरा जिन्दगी जो रह गयी है , घोल दे सब गंदगी जो रह गयी है। भीख देगा कौन तुझको, ये बताना- तुझमें ये आवारगी जो रह गयी है ? आंख से आँस...
एक और कविता गाँव को समर्पित -- आदमी कुत्ता हो सकता है घोडा भी, गदहा भी और बैल भी लेकिन बैल- नही हो सकता आदमी कभी भी। इतिहासकारों ने लिखा ...
गुप्ता जी और उनकी धर्मपत्नी पूरे नौ दिनों तक उपवास रखकर माता दूर्गा की याचना करते और हवं के पश्चात् कन्या कुमारियों को जिमाकर हीं अन्न ग्रहण...
बच्चों के लिए ककहरा नौजवानों के लिए भूख और रोटी के बीच का संघर्ष , बूढों- बुजुर्गों के लिए - पिछले अनुभवों का सार और, नपुन्सकों के लिए शक्ति...
ज़िंदगी के श्वेत पन्नों को न काला कीजिये आस्तिनों में संभलकर सांप पाला कीजिये। चंद शोहरत के लिए ईमान अपना बेचकर - हादसों के साथ खुदको मत उछा...
सचमुच आतंक का कोई मजहब नही होता , न वह हिंदू होता है न मुसलमान , वह होता है तो बस इन्सान की शक्ल में हैवान । रमजान जैसे पाक माह में पवित्र द...
आज ईद का त्यौहार है, जब कभी भी ईद आता है याद आ जाते हैं बरबस हमारे रमजानी चाचा जो इस दुनिया में नहीं रहे। बरसों पहले उनका इंतकाल हो गया । वै...
आजकल हर तरफ धूम है नवरात्रि की । अन्य हिंदू परिवारों की तरह मेरे भी परिवार में नवरात्रि में उपवास रखकर व्रत करने की परम्परा है। उपवास की इस ...
हमारे एक मित्र हैं हरिश्चन्द्र शर्मा जी , कोई उन्हें गांधी, कवीर, विनोवा कहकर सम्मान देता है तो कोई नटवर लाल ,चार्ल्स शोभ राज की संज्ञा से न...
विश्व अहिंसा दिवस पर विशेष - मसलों से ग्रस्त है जब आदमी इस देश में , किस बात की चर्चा करें आज के परिवेश में ? कल तक जो पोषक थे, आज शोषक बन ...