प्रसंगवश वरिष्ठ लेखिका ममता कालिया जी के उन वक्तव्यों का मैं उल्लेख कर रहा हूँ जो दिनांक २४.१०.२००९ को चोखेर बाली ब्लॉग पर एक साक्षात्कार के दौरान कही गई -"मैं विषय-सीमा नहीं मानती कि महिलाएं कुछ खास विषयों पर ही लिख सकती हैं। लेकिन बाजार का दबाव है कि महिलाओं से खास तरह के लेखन/साहित्य की आशा की जाती है। वे भी घर से निकलती हैं, नौकरी करती हैं और हर तरह का काम करती हैं। बल्कि उसे स्थितियां अपने अनुकल बनाने के लिए दोहरी मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन मेरा मानना है कि नैसर्गिक प्रतिभा के कारण स्त्री हमेशा बेहतर वर्कर होती है। महिलाओं ने अपनी चेतना से यह क्षमता विकसित की है कि हर काम को वे अपना पूरा समर्पण, निष्ठा देती हैं।"
ममता कालिया
ममता कालिया
इस चर्चा से जिस दूसरे ब्लॉग को मैं अलग कर रहा हूँ वह है सुप्रसिद्ध कवियित्री देवी नागरानी के ब्लॉग चराग़े-दिल। इनके ब्लॉग को भी समय सीमा में नही बाँधा जा सकता ऐसा मेरा मानना है । आप कहेंगे ऐसा क्यों ? तो इसका सीधा सा जबाब है आदरणीय देवी नागरानी जी वर्तमान में हिन्दी के सशक्त हस्ताक्षर हैं।अमेरिका के प्रवासी लेखकों में अपनी सशक्त उपस्थिति रखती हैं , इनकी कहानी नये और पुराने के जिन बदलते प्रतिमानों को प्रस्तुत करती है वह गंभीर सवाल खडे करती है। इनकी गज़लें समकालीनता का आईना होती है ।
यहाँ मैं यह भी स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि आज के इस विश्लेषण में महिलाओं के दो कम्युनिटी ब्लॉग शामिल नही किया गए है , क्योंकि कम्युनिटी ब्लॉग की रंकिंग अलग से जारी की जाईगी जिसके अंतर्गत वर्ष-२००९ के पांच श्रेष्ठ कम्युनिटी ब्लॉग का उल्लेख होगा ।
वर्ष-२००९ में हिन्दी ब्लोगिंग की नौ देवियाँ यानि वर्ष के नौ शीर्ष महिला चिट्ठाकारों के चयन में उन्ही गुणों व् विशेषताओं की परख की गई है जो इसके पूर्व के विश्लेषण में हुआ था । तमाम समानताओं-असमानताओं पर नज़र डालने के पश्चात् उनके पोस्ट , पोस्ट पर टिप्पणियां और ट्रैफिक विश्लेषण का अधर बनाया गया है । चिट्ठाजगत की रंकिंग के साथ-साथ टेक्नोरैटी और अलेक्सा की भी रैंकिंग निकाल कर देखी गई ।
निष्कर्ष के पश्चात् वर्ष के शीर्ष नौ देविओं की जो स्थिति बनी है वह इसप्रकार है -
() रंजना ( रंजू भाटिया )................कुछ मेरी कलम से
() निर्मला कपिला .........................वीर बहूटी
() संगीता पुरी ................................गत्यात्मक ज्योतिष
() ममता .......................................ममता टी वी
() mired mirage .........................घुघूती बासूती
() आशा जोगलेकर .........................स्वप्न रंजिता
() अल्पना वर्मा ...............................व्योम के पार
() प्रत्यक्षा .......................................प्रत्यक्षा
() कविता वाचकनवी ......................हिन्दी भारत
विश्लेषण के आधार पर हम जिन नतीजों पर पहुंचे है उसके अनुसार कविता में अग्रणी रहीं रंजना उर्फ़ रंजू भाटिया वहीँ कथा-कहानी में अग्रणी रहीं निर्मला कपिला , ज्योतिषीय परामर्श में अग्रणी रही संगीता पूरी वहीँ व्यावहारिक वार्तालाप में अग्रणी रही ममता । समकालीन सोच में घुघूती बासूती और गंभीर काव्य चिंतन में अग्रणी दिखी आशा जोगलेकर। सांस्कृतिक जागरूकता में अग्रणी दिखी अल्पना वर्मा वहीँ समकालीन सृजन में अग्रणी रही प्रत्यक्षा । इसीप्रकार कविता वाचकनवी सांस्कृतिक दर्शन में अग्रणी रही।
चर्चा अभी जारी है मिलते हैं एक छोटे से विराम के बाद .../
पहले नौरत्न और अब नौ देवियाँ .....क्या बात है .....आपका विश्लेषण सचमुच प्रशंसनीय है ......वर्ष के शीर्ष नौ देवियों को मेरी और से बधाईयाँ !
जवाब देंहटाएंसभी को बधाई...
जवाब देंहटाएंविश्लेषण पसंद आया. जारी रहें.
वर्ष के शीर्ष नौ देवियों को बधाईयाँ !
जवाब देंहटाएंबेहतर चयन । विश्लेषण तो सुन्दर होता ही है आपका । ये सभी नाम यहाँ देखकर प्रसन्नता हुई । आभार ।
जवाब देंहटाएंइतना मान दे दिया मुझे !!
जवाब देंहटाएंसुंदर विश्लेषण! आप से सहमत हूँ।
जवाब देंहटाएंवर्ष के शीर्ष नौ देवियों को मेरी ओर से भी बधाईयाँ और आप
जवाब देंहटाएंको भी बेहतर चयन के लिए ..!
नौ देवियों का निष्पक्ष चयन करता सटीक विश्लेषण ...इन सभी को बहुत बधाई...!!
जवाब देंहटाएंसभी को बधाई...!!
जवाब देंहटाएंसहमत हूँ।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंनौरत्न और देवियाँ वाह श्रेष्ठ चयन सटीक विश्लेषण
जवाब देंहटाएंआपके इस अकथ और अथक प्रयास के लिए ब्रिगेड का आदर स्वीकारिये
मेहनत तो खूब की आपने पर बरस भर ये समीक्षा भी हो सकती है
ही आपने न्याय सबके साथ किया की नहीं इसके लिए भी तैयार रहिये
हर कार्य की दो प्रतिक्रियाएं होती है और हर प्रतिक्रया के दो पहलू होते हैं -सकारात्मक और नकारात्मक ....मित्र धैर्य रखिय अभी चर्चा जारी है ....
जवाब देंहटाएंशीर्ष नौ देवियों को बधाईयाँ !
जवाब देंहटाएं"लावण्या जी के इस ब्लॉग को समय सीमा में नहीं बंधा जा सकता" बिलकुल सही कहा आपने. लावण्या जी और इन नवरत्नों को बधाई और आपको धन्यवाद!
जवाब देंहटाएं......वर्ष के शीर्ष नौ देवियों को मेरी और से बधाईयाँ !
जवाब देंहटाएंसभी देवियों को सादर नमन।
जवाब देंहटाएं------------------
अदभुत है मानव शरीर।
गोमुख नहीं रहेगा, तो गंगा कहाँ बचेगी ?
आप ब्लाग जगत के नौ रत्न या अन्य किसी श्रेणी में अपने को भले ही नहीं रखते हों लेकिन इतना जरूर है कि आप ब्लाग जगत के इतिहास के रामचंद्र शुक्ल जरूर हैं जिन्होंने इतनी गंभीरता से अध्ययन कर इसे समेटा है ताकि भीड़ के बीच श्रेष्ठ सामग्री खोजने में हमें आसानी हो। दूसरे यहां यह भी कहना प्रासंगिक है कि लगभग 80 फीसदी लोग ऐसे हैं जो डिसर्विंग कैन्डीडेट हैं और केवल भीड़ बटोरने के लिए नहीं लिखते। ऐसे समय में जब बिकाऊ साफ्टवेयर ट्रैफिक के आधार पर नंबरिंग तय कर रहे हैं सहज मानवीय बुद्धि और विश्लेषण के आधार पर ऐसा कार्य सराहनीय है।
जवाब देंहटाएंसदाशयता के लिए आभारी हूँ|
जवाब देंहटाएंनो देवियों को बधाई ....... सबको अपने अपने फन में महारत हाँसिल है ......... आपका भी शुक्रिया इतना विस्त्रात विश्लेषण और मेहनत के लिए .........
जवाब देंहटाएंनारी शक्ति के बिना ब्लाग को पूर्ण कहा जाना कठिन होगा, आपका यह लेख बहुत अच्छा लगा। बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंदेरी से आने के लिए माफ़ी चाहती हूँ मैंने आज पढ़ा इसको .. इतना मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ..आप की मेहनत को सलाम शुक्रिया
जवाब देंहटाएंऊपर शुभी जी ने सब कह दिया है रविन्द्र जी....
जवाब देंहटाएंलावण्या दी के बारे में आपने सच लिखा।
सम्मान देने के लिए आभारी हूँ। आप इस काम को इतना समय दे रहे हैं वह सराहनीय है। मैं इसे आपकी पसन्द कहूँगी अन्यथा हर व्यक्ति, हर ब्लॉगर में कुछ न कुछ विशेष है जो उसे सबसे अलग पहचान दिलाता है।
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
देर से यह पोस्ट देखी.इसके लिये क्षमा चाह्ती हूं.
जवाब देंहटाएंइस मान के लिये आप की अभारी हूं.
बहुत मेहनत से किया गया विश्लेशन है.
आभार.
पता नहीं क्यों ये ब्लाग कुछ दिन पहले ही मेरी नज़र मे आया था तब से पढ रही हूँ आज इसकी पुरानी पोस्टें पढ कर देखी तो हैरान रह गयी। खुद पर विश्वास नहीं हुया कि मैं भी पहली नौ देवियों मे शामिल हूँ। खुद को इतना काबिल भी नहीं समझती मगर आपकी इस पोस्ट ने जो मेरा उतसाह बढाया है उस के लिये सदा आभारी रहूँगी धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबधाई हो बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब , बधाई हो सभी को ।
जवाब देंहटाएंachcha prayas hai,dusre blog bhi dekhna chahiye.
जवाब देंहटाएंसभी देवियों को मेरी तरफ से हार्दिक बधाई...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा प्रयास है |सभी ब्लागर्स को प्रेरित करने के लिए....
आपकी यह् ब्लॉग प्रविष्टी आज ही , बहुत समय के बाद देख रही हूँ -- मेरे ब्लॉग के बारे में आपकी राय पढ़कर , सोच रही हूँ , मेरे मन से निकली सहज बातों को आपने इतना सम्मान दिया उसके योग्य रहते हुए मैं अपना रचनाकर्म करती रहूँ तब ये ईश्वर कृपा सद्रश होगा
जवाब देंहटाएंसाभार, स - स्नेह,
--लावण्या शाह
पुनश्च : सभी महिला ब्लॉगकारों को मेरी हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएं--लावण्या शाह
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