उन्होंने लगभग सभी साहित्यिक विधाओं में लेखन किया है परंतु व्यंग्य, कविता एवं फ़िल्म पत्रकारिता में प्रमुख उपलब्धियाँ हैं। उनकी रचनाएँ भारत तथा विदेश से प्रकाशित लगभग सभी प्रमुख हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं तथा उनकी कविताएँ चर्चित काव्य संकलनों में संकलित की गई हैं। वे हरियाणवी फ़ीचर फ़िल्मों 'गुलाबो', 'छोटी साली' और 'ज़र, जोरू और ज़मीन' में प्रचार और जन-संपर्क तथा नेत्रदान पर बनी हिंदी टेली फ़िल्म 'ज्योति संकल्प' में सहायक निर्देशक रहे हैं। वे राष्ट्रभाषा नव-साहित्यकार परिषद और हरियाणवी फ़िल्म विकास परिषद के संस्थापकों में भी हैं। सामयिक साहित्यकार संगठन, दिल्ली तथा साहित्य कला भारती, दिल्ली में उपाध्यक्ष और केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद के शाखा मंत्री पद पर भी कार्य कर चुके अविनाश संप्रति इसके आजीवन सदस्य हैं।
हिन्दी चिट्ठाकारी में श्री अविनाश के अवदान को दृष्टिगत रखते हुए और उनके धारदार व्यंग्य को आत्मसात कराने के बाद परिकल्पना के विश्लेषण में उन्हें वर्ष के आदर्श चिट्ठाकारों में शुमार किया है । हम उनके उज्जवल भविष्य कि कमाना करते हैं ।
कहा गया है, कि लोकगीत भारतीय संस्कृति की आत्मा है , जिससे मिली है हमारे देश को वैश्विक सांस्कृतिक पहचान । लोकगीत की बात हो और ठुमरी की बात न हो तो शायद बेमानी हो , इसलिए इस क्रम में जिस तीसरे ब्लोगर को स्थान दिया गया है , वे हैं श्री विमल वर्मा जो अपने ब्लॉग के मध्यम से पूरे वर्ष तक लगातार अपनी महान विरासत को बचाते-संभालते रहे । यह ब्लॉग लोकगीत की एक ऐसी छोटी सी दुनिया से हमें परिचय कराता रहा, जिसे जानने-परखने के बाद यकीं मानिए मेरे होठों से फूट पड़े ये शब्द, कि " वाह! क्या ब्लॉग है .......!"
इस चिट्ठाकार के द्वारा जो कुछ भी प्रस्तुत किया गया , वह हमारी लोक संस्कृति को आयामित करने के लिए काफी है । लोकगीत और लोकरंग को जीवंत रखते हुए अपनी सार्थक उपस्थिति दर्ज कराने वाले चिट्ठों की श्रेणी में वर्ष-२००९ में शीर्ष पर रहा है- ठुमरी , जिसपर आने के बाद महसूस होता है की हमारे पास सचमुच एक विशाल सांस्कृतिक पहचान है और वह है गीतों की परम्परा । इसी परम्परा को जीवंत करता हुआ दिखाई देता है यह ब्लॉग। अपने आप में अद्वितीय और अनूठा ।
वर्ष-२००९ के आदर्श चिट्ठाकारों की श्रेणी में अगला नाम है श्री प्रवीण त्रिवेदी का । प्रवीण हिन्दी चिट्ठाकारी में एक ऐसा क्रन्तिकारी नाम है , जिन्होंने आदर्शों और वास्तविकताओं के मध्य एक प्राथमिक शिक्षक के श्यामपट पर अंकित समाज के कुछ अनछुए प्रश्नों को अपने ब्लॉग के मध्यम से प्रस्तुत किया है जो हिन्दी चिट्ठाकारी के लिए किसी आदर्ष से कम नही है । जैसा कि हम सभी को विदित है कि हमारी शिक्षा व्यवस्था की नींब और हमारे व्यापक सामाजिक सरोकारों को नया आयाम देने हेतु सुदृढ़ आधार रहा है प्राईमरी स्कूल । बस इसी बात को प्रमाणित करने की वेचैनी दिखती है उत्तर प्रदेश के इस छोटे से शहर के इस ब्लोगर में।
शिक्षा के विभिन्न आयामों से गुजरते हुए यह ब्लॉग कभी- कभी सार्थक वहस को भी जन्म देता दिखाई देता है। प्रवीण कहते हैं, कि प्राईमरी के मास्टर की सबसे बड़ी समस्या है वह ख़ुद को अपडेट नही रख पाता , वहीं जनमानस को चाहिए की प्राईमरी मास्टर के प्रति अपने पूर्वाग्रहों को अपने मन से हटा दें…। यह ब्लोगर वर्ष-२००९ में लगातार पोस्ट-दर-पोस्ट मुखर हुआ है और कई गंभीर मसलों को उजागर कराने का महत्वपूर्ण काम किया है ।
इस क्रम के अगले आदर्श ब्लोगर हैं श्री अरविन्द मिश्र, जिनके ब्लॉग का नाम है - साई ब्लॉग । चौंकिए मत, यह कोई साईं कृपा से चलने वाला ब्लॉग नहीं, साईंस से साई लेकर साईब्लॉग बना है। सांई ब्लॉग हिन्दी में विज्ञान पर लोकप्रिय और अरविन्द मिश्रा के निजी लेखों का संग्राहालय है , जो पूरी दृढ़ता के साथ आस्था और विज्ञान के सबालों के बीच लड़ता दिखाई देता है । इस सन्दर्भ में ब्लोगर का कहना है, कि उन्होंने जेनेटिक्स की दुनिया की नवीनतम खोज जीनोग्राफी के जांच का फायदा उठाया है।
श्री अरविन्द के इस ब्लॉग में जो कुछ भी अंकित है वह विचित्र किंतु सत्य है । यानी विज्ञानं की अजीबो-गरीब बातों और रहस्यों से भरा- पड़ा है यह ब्लॉग । सबसे महत्वपूर्ण और प्रमाणिक तथ्य तो यह है की चिट्ठाकार के द्वारा प्रस्तुत कई बात कई मसलों से गुजरती हुयी पाठक के मन में जिज्ञासा की अजीब प्यास छोड़ जाता है । पाठक काफ़ी देर तक बौद्धिक व्यायाम करते हुए सवालों के मकरजाले में उलझता दिखाई देता है । यह ब्लॉग पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष ज्यादा मुखर दिखा है । हिन्दी को एक अति महत्वपूर्ण ब्लॉग देने के लिए इस आदर्श ब्लोगर को मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं .....!
अब जिस आदर्श ब्लोगर की हम चर्चा करने जा रहे हैं वे हैं श्री संजय वेगाणी । श्री संजय वेगाणी का चिटठा है - जोगलिखी । यह हिन्दी चिट्ठा, आस-पास की घटनाओं पर सारगर्भित टिप्पणी के लिए जाना जाता है । कम शब्दों में ज्यादा और प्रासंगिक बातें करना इस ब्लोगर की सबसे बड़ी विशेषता है । मेरा मानना है कि इस तरह का चिटठा आज की व्यस्त जिंदगी में ज्यादा से ज्यादा जानने के उत्सुकता के दृष्टिगत काफी महत्वपूर्ण है । इस चिट्ठे और चिट्ठाकार को मेरी अनंत आत्मिक शुभकामनाएं ।
इस क्रम के सातवें किंतु अतिमहत्वपूर्ण चिट्ठाकार हैं - श्री महेंद्र मिश्र । श्री मिश्र के बारे में मैं यही कह सकता हूँ कि यह चिट्ठाकार हिन्दी ब्लोगिंग में सादगी और सदभावना के प्रतिमूर्ति हैं । इनका कद इनके चिठ्ठे से कहीं ऊपर है । वैसे दो चिट्ठे क्रमश: समयचक्र और निरन्तर इनके द्वारा प्रकाशित चिट्ठों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण चिटठा है, किंतु इनकी व्यापक सक्रियता अन्य आंचलिक और सामूहिक चिट्ठों में भी दृष्टिगोचर होती है ।
वर्ष- २००९ में इस चिट्ठाकार के द्वारा सामूहिक रूप से कतिपय चिट्ठों का जिक्र किया गया है और चिट्ठी चर्चा के माध्यम से रचनात्मक आन्दोलन की प्रस्तावना की गई है , जो प्रशंसनीय ही नही सराहनीय भी है ।
रवीन्द्रजी ...सादर...नमस्कार....
जवाब देंहटाएंआपका मोबाइल नंबर नहीं लग रहा है ..... कृपया जल्दी से संपर्क करिए....
सादर
महफूज़...
sabhi saat chitthaakaaon ko bahut bahut haardik badhaai aur abhinandan !
जवाब देंहटाएंbehtareen kaarya ka swaagat hona hi chaahiye
man prasann ho gaya
chyankartaon ko saadar vandan aur saadhuvaad !
वर्ष - २००९ के सप्तर्षि यानि वर्ष के सात आदर्श चिट्ठाकारों को मेरी ओर से हार्दिक बधाईयाँ ....!
जवाब देंहटाएंसचमुच अपने-अपने क्षेत्र में आदर्श हैं ये ब्लोगर , वर्ष के सप्तर्षि
जवाब देंहटाएंको मेरी मंगल कामनाएं !
बहुत सजग चयन. सप्तऋषियों को बहुत बधाई. :)
जवाब देंहटाएंसभी आदर्श चिट्ठाकारों को बधाईयाँ !
जवाब देंहटाएं★☆★☆★☆★☆★☆★☆★☆★
जवाब देंहटाएंब्लोगचर्चा मुन्ना भाई की
★☆★☆★☆★☆★☆★☆★☆★
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
हम अपने चिठ्ठो को ढूढ ते रहगऎ.
सभी आदर्श चिट्ठाकारों को बधाईयाँ
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
निचे चटका लगाऎ
ब्लोगचर्चा मुन्ना भाई की
हे प्रभु यह तेरापन्थ
मुम्बई-टाईगर
अजीब पेड
इस महिला ब्लोगर को पहचाने
सुंदर चयन!
जवाब देंहटाएंसुंदर चयन! बधाई!
जवाब देंहटाएंsabhi pandit hain..... pandit matlab brahman nahin vidwaan !!!
जवाब देंहटाएंरवीन्द्र जी किन शब्दों में कृतज्ञता व्यक्त करून -आपने तो मुझे रुला भी दिया !मेरे अन्यान्य ब्लागों में साईब्लाग ही मुझे प्रिय है और इसीलिये ही तो मैं यहाँ आया था !आपकी पारखी नजर को सलाम !
जवाब देंहटाएंबघाई...
जवाब देंहटाएंसभी को बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं. और आपका परिश्रम देखकर तो बस आपको प्रणाम करता हूं. काबिले तारीफ़ कार्य है यह. बहुत बहुत शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
निश्चय ही यह सात ब्लॉगर उल्लेखनीय़ अवदान के लिये जाने जानेवाले महत्वपूर्ण नाम हैं । इनके कार्य के सही मूल्यांकन और इनके चयन के लिये कोटिशः आभार ।
जवाब देंहटाएंसभी अपने आपने क्षेत्रो के महारथी ब्लागर है, कोई दो राय नही।
जवाब देंहटाएंनिसंदेह उत्कृष्ठ चयन....
जवाब देंहटाएंउक्त सभी सात ब्लॉग निर्विवाद रूप से उत्कृष्ट हैं। आपके चयन को साधुवाद!
जवाब देंहटाएंBada badhiya chayan raha! Dhanywaad!
जवाब देंहटाएंहिन्दी ब्लॉग विश्ल्ेषण की इस श्रृंखला में की गयी मेहनत आपके पोस्टों में साफ दिखाई देती है .. ब्लॉग जगत के एक एक चिट्ठे को चुनकर निकालकर हमारे सामने रख रहे हैं आप .. आपको बधाई और शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंइन सभी को पढता रहा हूँ. इतने विस्तृत और सुचारू ब्लॉग-विश्लेषण के लिए आपको बधाई और चुने गए ब्लोगर्स को शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएं