धीरे-धीरे यह विश्लेषण अपने आखरी पड़ाव की ओर अग्रसर हैइस विश्लेषण के अंतिम प्रारूप में हम चर्चा करेंगे वर्ष-२००९ में हिन्दी ब्लोगिंग के दसावतार की यानि परिकल्पना के विश्लेषण के आधार पर मुद्दों पर आधारित १० शीर्ष चिट्ठाकार की , लेकिन उससे पहले आज हम कुछ ऐसे यशश्वी चिट्ठाकारों के चर्चा करना चाहते हैं जिनके अवदान को हिंदी ब्लॉग जगत कभी नकार ही नहीं सकताकभी-कभी ऐसा भी होता है जब हम राजनीति , खेल , मनोरंजन और मुद्दों में उलझकर साहित्य - संस्कृति और कला को महत्व देने वाले महत्वपूर्ण चिट्ठों को भूल जाते हैं जबकि ये तीनों तत्त्व किसी भी देश और समाज के आईना होते है


आईये आज के इस प्रारूप में हम कुछ ऐसे चिट्ठाकारों की चर्चा करते हैं जिनके साहित्यिक- सांस्कृतिक और कलात्मक योगदान से समृद्ध हो रहा है अपना यह हिंदी ब्लॉग जगतइस प्रकार के सारे चिट्ठों की चर्चा करना इस संक्षिप्त विश्लेषण के अंतर्गत संभव नहीं है फिर भी उन लेखकों -कलाकारों आदि की चर्चा के जा रही है जिनकी वर्ष-२००९ में सर्वाधिक सक्रियता रही है


इस विश्लेषण के अंतर्गत अन्य विधाओं यथा- राजनीति - बाज़ार -मुद्दे आदि को नहीं लिया गया है केवल साहित्यकारों , रचनाकारों , कलाकारों और विचारकों को पूरे सम्मान के साथ उल्लिखित किया गया है जो वर्ष -२००९ में अपनी गतिविधियों से लगातार चर्चा में रहे हैंये चिट्ठाकार निम्नलिखित हैं-


श्री अलवेला खत्री :
हिन्दी, हिन्दी साहित्य एवं विश्वस्तरीय काव्य-यात्राओं के लिए विभिन्न राजकीय तथा सार्वजनिक संस्थानों द्बारा लगभग 30 पुरुस्कारों के अलावा सुविख्यात वागेश्वरी सम्मान और टेपा पुरस्कार से सम्मानित हिन्दी हास्य श्री खत्री कवि के फ़िल्म गीतकार, कथाकार, अभिनेता व दी ग्रेट इण्डियन लाफ़्टर चैम्पियन फेम हास्य कलाकार हैंअब तक सात पुस्तकें प्रकाशित , 16 ऑडियो,वीडियो अल्बम रिलीज़ तथा पिछले 28 वर्षों में सम्पूर्ण भारत व अमेरिका , कनाडा तथा वेस्ट इंडीज़ समेत अनेक देशों में लगभग 5000 प्रस्तुतियां।ब्लोगिंग के माध्यम से हिन्दी साहित्य को और समृध्द व लोकप्रिय बनाने का प्रयास ।

Hasyakavi Albela Khatri……अलबेला खत्री की चिट्ठों पर चुटकी…….आलोक स्तम्भ……साहित्य-सहवास……Kavi Sammelan…..poems from heart…..Albelakhatri.com…..Laughter ke Phatke…..Mukesh Khordia….आदि इनके व्यक्तिगत ब्लोग्स हैं , इसके अलावा इन्होने नुक्कड़…..युगअनुभव…..TheNetPress.Comआदि सामुदायिक ब्लॉग में भी नियमित रूप से लिखते हैं


अजय कुमार झा :
दुनिया की भीड़ के बीच अपना वजूद तलाशता और तराशता एक आम आदमी जिसकी इंसान बनने की कोशिश जारी है..जिन्दगी के बहुत सारे उतार चढावों को देखते हुए कब बचपना छूटा और वयस्कता की देहलीज़ पर कदम रखा पता ही नहीं चला, अंगरेजी साहित्य में प्रतिष्ठा के बाद पत्रकारिता में डिप्लोमा..फिर विधि की शिक्षा...न्यायमंदिर ..तीस हजारी में फिलहाल कार्यरत...सफ़र जारी है...लिखना , पढ़ना शौक था..कब आदत बनी पता नहीं चला..अब हालात जूनून की हद तक पहुँचते जा रहे हैं....

झा जी कहिन…..आज का मुद्दा…..कोर्ट कचहरी…..कुछ भी...कभी भी..... रद्दी की टोकरी…..खबरों की खबर…..आदि इनके महत्वपूर्ण व्यक्तिगत ब्लॉग है


बी एस पाबला :
भिलाई इस्पात संयंत्र में सेवारत



ज़िंदगी के मेले…..इंटरनेट से आमदनी….शब्दों का संसार…..कल की दुनिया…..हिंदी ब्लॉगरों के जनमदिन…..ब्लॉग बुखार इनके प्रमुख ब्लॉग है



जी के अवधिया :


ये एक संवेदनशील, सादे विचार वाला, सरल, सेवानिवृत व्यक्ति हैं , जिन्हें अपनी मातृभाषा हिंदी पर गर्व है। सभी का स्नेह प्राप्त करना तथा अपने अर्जित अनुभवों तथा ज्ञान को वितरित करके लोगों की सेवा करना इनकी उत्कृष्ट अभिलाषा है।

धान के देश में! : Hindi Blog……संक्षिप्त वाल्मीकि रामायण…..इनके प्रमुख व्यक्तिगत ब्लॉग है जबकि इनके द्वारा चर्चा पान की दुकान पर…..Science Bloggers' Association……KHAJANA NOW जबलपुर-ब्रिगेड आदि कम्युनिटी ब्लॉग में भी ये नियमित रूप से लिखते हैं

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक :
शाश्त्री “मयंक” से युं तो आप उनके ब्लाग उच्चारण के माध्यम से अच्छी तरह परिचित हैं, इनके ब्लाग ने बहुत ही कम समय मे नई ऊंचाईयों को छुआ है। महज चार माह में २२७ कविताओं का प्रकाशन, अपने आप मे एक रिकार्ड है. ये उत्तराखण्ड प्रदेश की नैनीताल कमिश्नरी में ऊधमसिंह नगर जनपद के खटीमा शहर में रहते हैं । एम।ए.(हिन्दी-संस्कृत)। सदस्य - अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग,उत्तराखंड सरकार, सन् 2005 से 2008 तक। सन् 1996 से 2004 तक लगातार उच्चारण पत्रिका का सम्पादन।


-मयंक…..शास्त्री "मयंक"……शब्दों का दंगल…..उच्चारणअदि इनके प्रमुख व्यक्तिगत चिट्ठे हैंइसके अलावा ये चर्चा हिन्दी चिट्ठो की !!!.... पिताजी….नन्हा मन….नुक्कड़आदि सामुदायिक चिट्ठों में भी नियमित लेखन करते हैं

रश्मि प्रभा...
ये कवि पन्त की मानस पुत्री श्रीमती सरस्वती प्रसाद की बेटी हैं और इनका नामकरण स्वर्गीय सुमित्रा नंदन पन्त ने किया और इनके नाम के साथ अपनी स्व रचित पंक्तियाँ इनके नाम की..."सुन्दर जीवन का क्रम रे, सुन्दर-सुन्दर जग-जीवन" , शब्दों की पांडुलिपि इन्हें विरासत में मिली है, इनका कहना है कि "...मेरा मन जहाँ तक जाता है, मेरे शब्द उसके अभिव्यक्ति बन जाते हैं, यकीनन, ये शब्द ही मेरा सुकून हैं..."

-खिलौने वाला घर…..मेरी भावनायें........ क्षणिकाएं……इनके प्रमुख व्यक्तिगत चिट्ठे हैं . इसके अलावा ये हिन्द-युग्म…..युवा~Yuva….Kavita….नन्हा मन….Ek sawaal tum karo….आदि सामूहिक चिट्ठों में भी नियमित लेखन करती हैं .



गौतम राजरिशी :


ये मूलत: गज़लकार हैं , अपने ही अंदाज़ में अपने बारे में ये कहते हैं कि -
वो कौन हैं जिन्हें तौबा की मिल गयी फ़ुरसत / हमें तो गुनाह करने को जिंदगी कम है...
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में पदास्थापित और बिहार निवासी श्री गौतम राज ऋषि का ग़ज़ल पर केन्द्रित एक मात्र ब्लॉग है -
- पाल ले इक रोग नादां...


संजीव तिवारी ..
जीवन की पाठशाला के महत्‍वपूर्ण वर्ष छत्‍तीसगढ के धुर गांव में गुजारने के बाद शहरों का खाक छाना. निजी व्‍यावसायिक व औद्यौगिक क्षेत्र में विभिन्‍न आयामों पर कार्य. विगत बीस वर्षों से दुर्ग-भिलाई के एक उद्योग समूह में बतौर लिपिक, पर्यवेक्षक, प्रबंधक के रूप में कार्य करते हुए वर्तमान में विधि सलाहकार के रूप में चाकरी एवं एक विधि फर्म में अल्‍पकालिक सेवारत. आगे की कहानी इनके ब्‍लागों के शव्‍दों में ... ....
आरंभ Aarambha….जूनियर कौंसिलउनके प्रमुख व्यक्तिगत चिट्ठे हैं .

काजल कुमार :
ये पिछले कई सालों से कार्टून बना रहे हैंइन्होने लोटपोट हिन्दी बाल साप्ताहिक के लिए चिंम्पू और मिन्नी भी बनाये हैंहिंदी ब्लॉग जगत के लिए यह सौभाग्य के बात है कि ऐसे सुलझे हुए कार्टूनिस्ट हमारे साथ हैंवर्ष- २००९ में कई महत्वपूर्ण विषयों पर इनके वेहतरीन कार्टून देखने को मिली हैं


- Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून इनके व्यक्तिगत ब्लॉग हैं किन्तु इसके अलावा इनकी उपस्थिति नुक्कड़पिताजी….स्मृति-दीर्घा ... आदि कम्युनिटी ब्लॉग पर भी होती है .


विरेन्द्र जैन :
ये एक लेखक और पत्रकार हैं , इन्होनें पत्रकारिता के लिए बैंक की सेवाओं से स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति ली है .ये एक फीचर एजेन्सी के माध्यम से हिंदी के सभी समाचार पत्रों के लिए लिखते हैं और कतिपय साहित्यिक पत्रिकाओं के लिए व्यंग्य लिखते हैं


-chakorvaani चकोरवाणी……virendra jain datiawala……chikoti चिकौटी……virendra jain ke nashtar वीरेन्द्र जैन के नश्तर्…..नेपथ्यलीला NEPATHYALEELA…..आदि उनके गीतों, ग़ज़लों और कविताओं का व्यक्तिगत ब्लॉग है . इसके अलावा इनकी उपस्थिति जनवादी लेखक संघ, इन्दौर में भी है


गिरीश पंकज :
संपादक,सद्भावना दर्पण(भारतीय एवं विश्व साहित्य की अनुवाद-पत्रिका)जी-31, नया पंचशील नगर, रायपुर-492001 / सदस्य-साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली, प्रांतीय अध्यक्ष- छत्तीसगढ़ राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, संपादक-बालहित / ३ उपन्यास- मिठलबरा की आत्मकथा, माफिया, पालीवुड की अप्सरा / 8 व्यंग्य-संग्रह- ट्यूशन शरणम गच्छामि, ईमानदारों की तलाश, भ्रष्टाचार विकास प्राधिकरण, मंत्री को जुकाम, नेताजी बाथरूम में, मेरी इक्यावन व्यंग्य रचनाये, मूर्ति की एडवांस बुकिंग एवं हिट होने के फार्मूले/ २ ग़ज़ल संग्रह- आंखों का मधुमास, यादों में रहता है कोई सहित 31 पुस्तकें प्रकाशित //गिरीश पंकज की व्यंग्य रचनाओ पर कर्णाटक एवं पंजाब में शोधकार्य जारी

-गिरीश पंकज का नया चिंतन……गिरीश पंकज……सतीश उपाध्याय की चिकोटियांइनके व्यक्तिगत चिट्ठे हैं , इसके अलावा ये चर्चा पान की दुकान पर भी करते हैं .


महफूज़ अली :


पेशे से प्रवक्ता और अपना व्यापार. इन्होने गोरखपुर विश्वविद्यालय से एम्.कॉम व डॉ. रा.म.लोहिया विश्वविद्यालय,फैजाबाद से एम्.ए.(अर्थशास्त्र) तथा पूर्वांचल विश्वविद्यालय से पी.एच.डी. की उपाधि ली है. I.G.N.O.U. से सन २००५ में PGJMC किया और सन् २००७ में MBA किया. पूर्णकालिक रूप से अपना व्यापार भी देख रहे हैं व शौकिया तौर पर कई कालेजों में भी अतिथि प्रवक्ता के रूप में अपनी सेवाएं देते हैं . इनकी अंग्रेजी कविताओं का संकलन 'Eternal Portraits' के नाम से बाज़ार में उपलब्ध है,जो की Penguin Publishers द्वारा प्रकाशित है. अंग्रेजी में इन्होने अब तक के कोई 2600 कवितायेँ लिखी हैं.हंस, वागर्थ, कादम्बिनी से होते हुए ..अंतर्राष्ट्रीय हिंदी मासिक पत्रिका 'पुरवाई' जो की लन्दन से प्रकाशित होती है ..में प्रकाशित हुआ, तबसे हिंदी का सफ़र जारी है... इनका प्रमुख ब्लॉग मेरी रचनाएँ !!!!!!!!!है।


चर्चा अभी जारी है , मिलते हैं एक छोटे से विराम के बाद ..../

24 comments:

  1. लग रहा है कि हैपी न्यु ईयर के साथ ही समापन
    करेंगे इस विश्लेषण को ....एक और उपयोगी
    विश्लेषण के लिए बधाईयाँ आपको और इस पोस्ट में शामिल चिट्ठाकारों को .../

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी पारखी नजर से शायद ही कोई ब्‍लॉगर छूट जाए .. अच्‍छी विवेचना कर रहे हैं .. अगली कडी का इंतजार रहेगा!!

    जवाब देंहटाएं
  3. इस चर्चा में शामिल सभी ब्लोगर अपने-अपने फेन में माहिर हैं .....सभी को शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर प्रस्तुति! इस आलेख से आप ने अत्यंत महत्वपूर्ण ब्लागरों को प्रस्तुत किया है। आभार! गौतम राजऋषि कश्मीर में पदस्थापित हैं लेकिन निवासी बिहार के हैं। इस सूचना को दुरुस्त कर लें।

    जवाब देंहटाएं
  5. बढ़िया विश्लेषण..सही कवरेज!!

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत शानदार प्रस्तुति है बहुत श्रमसाध्य कार्य कर रहे हैं आप । शुभकामनायें और धन्यवाद्

    जवाब देंहटाएं
  7. ऐसे ही कुछ और ब्लोगर से परिचय करते हुए समापन करें ....अच्छा रहेगा ....आपके विश्लेषण के
    बारे में कुछ भी कहना सूरज को दीपक दिखने के समान है ...आभार .

    जवाब देंहटाएं
  8. maananaa padega aapko. mere jaise naye blog par bhi aapne kalam chla dee. ise kahate hai-sher arz kiya hai-
    dil se agar kisi ko diu de raha koi
    insan hai ye iska pataa de raha koi.
    aapki mehanat, emaandaree, lagan sabke liye prerak hai. mera bas chale to aapke kaam ko sabase pahale sammanit karoon. badhai. isee tarah sneh lutate rahe.

    जवाब देंहटाएं
  9. आपके जरिये इतने लोगों से मिलकर कितना अच्छा लगा -वैसे परिहित तो हम सबसे ही हैं -और सच कहें तो ये किसी परिचाय के मुहताज नहीं रहे अब१

    जवाब देंहटाएं
  10. सारे धुरन्दरों को बधाई।

    प्रमोद ताम्बट
    भोपाल
    www.vyangya.blog.co.in
    www.vyangyalok.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  11. मन प्रसन्न भी है
    प्रफुल्लित भी है
    और भारी भी

    ___आदरणीय रवीन्द्र प्रभात जी !

    आपने वर्ष के कुछ चुनिन्दा ब्लोगरों में मुझे सम्मिलित करके जो मान दिया है " मैं उसके योग्य नहीं हूँ " ऐसा कह के मैं आपके विवेक और आपके निर्णय पर कोई सवालिया निशाँ नहीं लगाऊंगा । अलबत्ता कोशिश करूँगा कि आप द्वारा दिये गये इस सम्मान कि लाज रख सकूं और निरन्तर अपना बेहतर सृजन इस समाज को दे सकूं...........

    आपका धन्यवाद !
    हार्दिक धन्यवाद !

    -अलबेला खत्री

    जवाब देंहटाएं
  12. हार्दिक बधाई सभी को विशेषकर छत्तीसगढ़ के चिट्ठाकारों को जिन्होने अपनी उपस्तीथी दर्शाई सक्षम रूप से

    जवाब देंहटाएं
  13. अच्‍छा है यह काम
    गोल गोल घूमते हुए भी
    गोल नहीं करता
    मन में रमा देता है
    और गोल हो जाता है।

    जवाब देंहटाएं
  14. निश्चय ही इनके अवदान को ब्लॉगजगत नकार नहीं सकता । प्रविष्टि का आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  15. सभी ब्लॉग बहुत बेहतर है .शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  16. कोशिश बेहतर आपकी विश्लेषण है खास।
    चर्चा चर्चित हो रही मेहनत भरा प्रयास।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  17. श्रमसाध्य और सुन्दर प्रस्तुति! इस श्रंखला से ही कुछ चिट्ठों से पहली बार परिचय हुआ.

    जवाब देंहटाएं
  18. मेरे छोटे से प्रयास को आपने मान दिया। आभार। निश्चित तौर पर इससे मेरी कार्यऊर्जा बनी रहेगी।
    आने वाले समय में साथियों की अपेक्षाओं का ध्यान रख पाऊँ यह प्रयास रहेगा।

    बी एस पाबला

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत गहन पठन विश्लेषण का काम् कर रहे हैं आप। साधुवाद।

    जवाब देंहटाएं

आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.

 
Top