.....पिछले क्रम से आगे बढ़ते हुए आज हम प्रस्तुत कर रहे हैं वर्ष -२००९ में हिन्दी ब्लोगिंग के सात आश्चर्य यानि वर्ष के सात अद्भुत चिट्ठे । इसमेंउन सक्रीय चिट्ठों को स्थान दिया गया है जो किसी एकलौते चिट्ठाकार द्वारा संचालित है । इस विश्लेषण से कम्युनिटी ब्लॉग को अलग रखा गया है , क्योंकि आगे हम वर्ष के पाँच सर्वाधिक कम्युनिटी ब्लॉग की अलग से चर्चा करेंगे ।
इसमें कोई संदेह नही कि संगणित भूमंडल की अद्भुत सृष्टि हैं चिट्ठे।यदि हिन्दी चिट्ठों की बात की जाय तो आज का हिन्दी चिटठा अति संवेदनात्मक दौर में है , जहां नित नए प्रयोग भी जारी हैं। मसलन समूह ब्लाग का चलन ज्यादा हो गया है। ब्लागिंग कमाई का जरिया भी बन गया है। लिखने की मर्यादा पर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं। ब्लाग लेखन को एक समानान्तर मीडिया का दर्जा भी हासिल हो गया है। हिंदी साहित्य के अलावा विविध विषयों पर विशेषज्ञ की हैसियत से भी ब्लाग रचे जा रहे हैं । विज्ञान, सूचना तकनीक, स्वास्थ्य और राजनीति वगैरह कुछ भी अछूता नहीं है।
परिकल्पना के विश्लेषण के आधार पर इस श्रेणी का दूसरा ब्लॉग है - हिन्दी ब्लॉग टिप्स । यह मूलत: तकनीकी चिटठा है और अपनी सम्मोहक शैली के साथ तकनीकी ज्ञान बांटने की दिशा में सर्वाधिक अग्रणी चिटठा होने का गौरव हासिल किया है । यह चिटठा वर्ष के सर्वाधिक चर्चित तकनीकी चिट्ठों में अग्रणी है । हिन्दी चिट्ठाकारी में इसे अद्भुत ब्लॉग इसलिए भी कहा जा सकता है कि इसके अनुसरनकर्ताओं की संख्या अन्य हिन्दी ब्लॉग की तुलना में सबसे ज्यादा यानी ६९४ है । ताऊ डौट इन के तरह इस ब्लॉग के भी सर्वाधिक पाठक हैं । सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह चिट्ठा वर्ष -२००९ में काफी महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ -साथ हिन्दी चिट्ठाकारों को मार्गदर्शन देने का काम किया है । यह चिटठा पूरे वर्ष तक चिट्ठाजगत की रैंकिंग में भी टॉप -४० चिट्ठों में से एक रहा है । इस ब्लॉग को मेरी कोटिश: शुभकामनाएं !
इस श्रेणी का तीसरा ब्लॉग है -युनुस खान का रेडियो वाणी । यह विविध भारती मुंबई के उद्घोषक युनुस ख़ान का का हिंदी चिट्ठा है । इस ब्लॉग की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसके माध्यम से संगीत को केंद्र में रखकर लोगों तक अपनी बात पहुँचाने का मंच प्रदान किया जाता है। इस ब्लॉग में संगीतकारों, यूनुस के पसंदीदा कलाकारों तथा संगीत से ही जुड़ी तमाम अद्भुत जानकारियाँ मौजूद हैं। वर्ष-२००९ में कई कलाकारों और संगीत से जुड़ी तमाम जानकारियों से हमें समय-समय पर रू-ब-रू कराता रहा है - ‘रेडियोवाणी’। प्रस्तुतीकरण और सज-सज्जा में यह ब्लॉग अद्भुत ही नहीं अद्वितीय भी है ।
इस श्रेणी का चौथा ब्लॉग है -शब्दों का सफर । अजित वडनेरकर का हिन्दी भाषा और शब्दों के ऊपर छवियुक्त चिट्ठा।शब्द की तलाश और व्युत्पत्ति को लेकर भाषा विज्ञानियों का क्या है ? ...उसे आसान भाषा में छोटे-छोटे आलेखों में सबसे साझा करने की कोशिश है श्री अजित वाडनेकर के इस ब्लॉग में ।यह कोशिश हिन्दी चिट्ठाकारी के लिए किसी वरदान से कम नही है । मेरा मानना है कि हिन्दी का सबसे समृद्ध और श्रमसाध्य ब्लॉग है यह । बहुत शोधपरक, उपयोगी और महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी गई है इस ब्लॉग के माध्यम से इस वर्ष ।हिंदी में इतनी संलग्नता के साथ ऐसा परिश्रम करने वाला शायद ही कोई और चिट्ठाकार होगा , ऐसा मेरा मानना है ।
इस श्रेणी का सातवाँ ब्लॉग है- कल्पतरु । कल्पतरू यानि कल्पनाओं का वृक्ष । ताऊ डोट इन के बाद वर्ष-२००९ में सर्वाधिक पोस्ट (२५३) डालने का सौभाग्य प्राप्त है इस ब्लॉग को । विवेक रस्तोगी का यह ब्लॉग बहुत कम समय में हिन्दी चिट्ठाकारी में अपनी सार्थक उपस्थिति के लिए जाना जाता है । सहज ढंग से मनोरंजक बातें करना इस ब्लॉग कि खास विशेषता है । साहित्य और संस्कृति कि बातें भी बड़े अनोखे ढंग से प्रस्तुत करने में महारत हासिल है इस ब्लोगर को ।
चर्चा अभी जारी है , मिलते हैं एक छोटे से विराम के बाद .../
Raveendra ji, Bahut sundar charcha chala rahe hain aap. Hamari or se badhaayi sweekaren.
जवाब देंहटाएंAap bhi lucknow se hain, ye jaankari girijesh ji ne di hai. Yadi sambhav ho to Meri id zakirlko@gmai.com pe apna contact no mail karne ka kasht karen. Aapse mil kar prashannta hogi.
अति सुन्दर , अति अद्भुत विश्लेषण ....साथ ही वर्ष के सात अद्भुत चिट्ठों को मेरी अनंत आत्मिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंये पॉचो ब्लाग, ब्लाग की सार्थकता को सिद्ध करते है, बाकी ज्यादातक ब्लाग पर सिर्फ कूड़ा ही है, जिसमें मेरा ब्लाग भी शामिल है। :)
जवाब देंहटाएंसभी चुने गए ब्लॉग अदभुत है..अपनी बात अपने ढंग से कहने में माहिर ...शुक्रिया
जवाब देंहटाएंसुंदर और सही विश्लेषण। वाकई अद्बुत ब्लाग। इस अद्भुत श्रेणी को कायम करने के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंशानदार चयन...तभी हम आपके विश्लेषण के कायल हैं. बेहतरीन.
जवाब देंहटाएंसातो अद्भुत ब्लोगर को मेरी ओर से हार्दिक बधाईयाँ और आपको भी अदभुत विश्लेषण के लिए .....आप सचमुच हिंदी ब्लॉग जगत के राम चन्द्र शुक्ल हैं ..आप प्रशंसनीय ही नहीं श्रद्धेय भी हैं !
जवाब देंहटाएंसात अद्भुत चिट्ठे...अद्भुत चयन और
जवाब देंहटाएंआपके सार्थक श्रम को मेरा नमन !
पिछले वर्षों से आपके इन वार्षिक समीक्षात्मक पोस्टों को पढनें की तीव्र ललक रहती है.
जवाब देंहटाएंशानदार चयन
जवाब देंहटाएंश्रमपूर्वक किये गये तथ्यात्मक विश्लेषण हेतु अभिनन्दन
जवाब देंहटाएंअरे यह चयन तो पहले से ही हमारे फीड रीडर में है ......... !!
जवाब देंहटाएं...........सो सहमत !!! बधाई सभी को!!!
प्रभु !
जवाब देंहटाएंऐसी भी क्या बेरूखी कि कार्टून ब्लाग शीशे के हो गए !
पूरे साल में एक भी न दिखा !
मैं तो समझा था कि हम भी ज़िन्दा हैं अभी...
:)
सच है, हिंदी ब्लौगिंग ने वाकई एक समानांतर मिडिया का स्थान बना लिया है।
जवाब देंहटाएंएक और सटीक विश्लेषण!
बढ़िया विश्लेषण ! अगली कड़ी का इन्तजार रहेगा |
जवाब देंहटाएंचिट्ठाकारी का यह विश्लेषण आगामी विश्लेषणों के लिये एक उदाहरण बन रहा है । गम्भीरता के साथ सम्पादित किये जाने वाला कर्म !
जवाब देंहटाएंआभार ।
बहुत बढ़िया चयन किया है, चाहे यह काम सबसे कठिन है।
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
वर्ष के सात अद्भुत चिट्ठों को मेरी शुभकामनाएं, शानदार चयन और
जवाब देंहटाएंबढ़िया विश्लेषण
regards
सच कहा पर आपने अलबेला खत्री ओर बबली का नाम नहीं लिया हिंदी ब्लॉग जगत में इनका योगदान बहुत ऊँचा है .वर्तमान समय में इतनी ऊंचाई पे ये ब्लूग जगत को ले जा रहे है जिसकी कल्पना भी एक साल पहले नहीं की जा सकती थी .आदरणीय ताऊ ने हिंदी ब्लॉग जगत को जो दिया है वो किसी ने नहीं दिया है .ताऊ ओर गुरु समीर लाल हिंदी ब्लॉग जगत के अमर दीपक है -राजेश स्वार्थी
जवाब देंहटाएं!!!!!!!!!!!!????????????
जवाब देंहटाएंहिन्दी ब्लाग टिप्स के सम्बन्ध में कल से देख रहा हूँ आप लिखते हैं ''हिन्दी चिट्ठाकरों का मार्गदर्शन देने का कम किया है'' इसमें 'कम' शब्द से पहले काम पढें अर्थात काम कम किया है, यह कम को काम पढें? वैसे आपकी रिपोर्ट और ब््लाग पर तसलीमा नसरीन का चित्र देखकर हम कतई यह नहीं समझे कि अच्छा हुआ हम कभी अवध न गये, गये होते तो हमें भी अपने ब्लागर्स चाचा-ताया,मामा,भांजे याद आते,
जवाब देंहटाएंअच्छा होता अगर ऐसा मूल्यांकन गिरोह वालों की भी पड़ताल करता जो किसी दूषित उद्देश्य से अपने ब्लाग को सर्वाधिक पसन्द का ब्लाग सिद्ध करवा लेते हैं जिससे उनकी दर्शक संख्या भी बढ जाती है पर पसन्द करके टाप पर पहुंचाने वाले लोग क्भी नहीं बदलते। मूल्यांकन का एक आधार विचार और कथ्य की मौलिकता का भी होना चाहिये
जवाब देंहटाएंश्री विरेन्द्र जैन जी,
जवाब देंहटाएंआपके इस महत्वपूर्ण सुझाव का स्वागत है
आपकी इन सारगर्भित बातों के लिए आभार
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस साल के हिन्दी के सात बेहतरीन ब्लोगों को मेरी बधाईयाँ और शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सही चुनाव किया गया है.
उपरोक्त टिप्पणी जो मेरे नाम से किसी बेनामी ने की है, वह मेरी नहीं है. आप चाहें तो उसे मिटा सकते हैं.
जवाब देंहटाएंआपका प्रयास मेरी नजरों में प्रशंसनीय है.
बहुत सही , सटीक , गंभीर और निष्पक्ष विश्लेषण ...!!
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