एक ऐसा लेखक जिसे हिन्दी साहित्य में छिटपुट लेखन का २० वर्षों का अनुभव है । जो साहित्य के अलावा फीचर लेखन में भी सिद्धहस्त हैं। जो इलेक्ट्रॉनिक्स फ़ॉर यू समूह, दिल्ली की पत्रिकाओं आई.टी तथा लिनक्स फ़ॉर यू में पिछले आठ वर्षों से तकनीकी लेखन करते आ रहे हैं। आई।टी पत्रिका के तकनीकी लेखक पैनल तथा इंडलिनक्स हिन्दी टीम के सदस्य भी हैं।

इसके अतिरिक्त जिन्होंने हिन्दी दैनिक चेतना में २ वर्ष तक तकनीकी स्तम्भ में लेखन किया तथा संप्रति अभिव्यक्ति तथा प्रभासाक्षी में तकनीकी विषयों पर नियमित लिखते हैं। इंटरनेट पर रामचरित मानस को यूनीकोड में उपलब्ध कराने में भी जिनका सक्रिय सहयोग रहा।

चिट्ठाकारी की प्रवीणता और नियमितता जिनका परिचय हैं और लगभग हर प्रविष्टि के साथ एक गज़ल जिनका ट्रेडमार्क। जिनकी चुटीली उक्तियाँ पड़ कर लगता है कि उत्तर भारत के किसी शहर की हवा मन को छूकर निकल गयी, वह हवा जिसमें गज़ल की खुशबू, जमीनी हकीकत, सामजिक पीड़ाओं के बीच भी हँस सकने की हिम्मत और नींद से झझकोर देने वाली अपील शामिल है। सामयिक मुद्दो के साथ गजलों का मिश्रण जिनका अनूठा प्रयोग है।

जानते हैं कौन हैं वो ?

वो हैं हमारे रवि शंकर श्रीवास्तव यानी रवि रतलामी

ब्लोगोत्सव की टीम ने इन्हें वर्ष के श्रेष्ठ लेखक के रूप में इस वर्ष सम्मानित करने का निर्णय लिया है

विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ किलिक करें

21 comments:

  1. रवि रतलामी जी को बहुत बहुत बधाई !

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  2. रवि रतलामी जी को बहुत बहुत बधाई !!

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  3. Ravi bhaai to mere bahut aatmeey hain. ve jo kaam kar rahe hain, unkaa hak banata hai ki ham sabakee ore se sammaan payen. bahut saaree badhaaiyan Ravi ko aur unke sukhad bhavisshy ke liye shubhkamanayen.

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  4. रवि जी वास्तव में इस सम्मान के सर्वाधिक योग्य व्यक्ति हैं। उन्हें अनेकश: बधाइयाँ।

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  5. रत्लामी जी को बहुत बहुत बधाइयाँ

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