
छल रहा विश्वास अब मैं क्या करूं आशा ? हर तरफ़ संत्रास अब मैं क्या करूं आशा ? दर्द का है साज, कोई अब तरन्नुम दे- कह रहा मधुमास अब मैं क्या ...
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छल रहा विश्वास अब मैं क्या करूं आशा ? हर तरफ़ संत्रास अब मैं क्या करूं आशा ? दर्द का है साज, कोई अब तरन्नुम दे- कह रहा मधुमास अब मैं क्या ...
अनुप्रास हुआ मन-मन्दिर , जीवन मधुमास हुआ ! भ्रमरों के ओठों पे वासंती गीत , मनमीत हुए सरसों में - मादक एहसास हुआ .......अनुप्रास हुआ ...!! प्...
रामभरोसे की कल की बतकही से नाराज गजोधर ने आज चौपाल में घोषणा की कि कोई भी व्यक्ति विवाद वाला विषय नही उठाएगा , धरीछान ने अपनी सहमति जतायी औ...
"सारथी " ने हिन्दी के ब्लोग का मूल्यांकन करने की एक नई परम्परा की शुरुआत करने की घोषणा पिछले दिनों की और इसी कड़ी में उन्होने हिन्...
कल मैंने राज ठाकरे को पानी पूरी खाते देखा ,जी हाँ वही पानी-पूरी जिसे कहीं गुपचुप , कहीं गोलगप्पे तो कहीं पानी बताशे कहे जाते हैं , यानी कि ज...
जिस दिन सेंसेक्स औंधे मुंह गिरा था और शेयर बाज़ार में हरकंप मच गया था अनायास हीं , उसी दिन सुबह-सुबह मैंने अपनी श्री मती जी को उनके जन्म दिन ...
फोटो क्रिकेट नेक्स्ट से साभार भारत में क्रिकेट कभी राजा-महाराजाओं , नवाबों या बडे व्यवसाइयों तक सीमित था । आम आदमी के पास न तो इतने साधन थ...
आजकल श्री पंकज सुबीर जी सुबीर संवाद सेवा में पाठकों को ग़ज़ल सिखा रहे हैं , ग़ज़ल के विभिन्न पहलूओं पर उनका पक्ष नि:संदेह प्रशंसनीय है । इस...
प्यार के तीन रुप - (एक) मन में उम्मीदों की चाहत भरो , डरो न किसी से , खुद से डरो , यही ज़िंदगी का सही फलसफा है - प्यार जिससे करो डूबकर क...
पिछले दिनों सिडनी में जो हुआ , उसे बताने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उसे पूरा विश्व जानता है . मगर इस कुकृत्य के बारे में जानकर जो मैंने महसूस...