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दिल की दरार । (गीत)
दिल की दरार से, दर्द का लावा बह रहा है ।
दोस्त,राख बन कर अब वो,पछतावा कर रहा है ।
(लावा=ज्वालामुखी पदार्थ; छलावा= धोखेबाज़ी)
अंतरा-१.
इश्क से परहेज़ करने के पल आ गए, शायद..!
किनारा करते हैं हम से वो, भुलावा कह रहा है ।
दिल की दरार से, दर्द का लावा बह रहा है ।
(परहेज़= एहतियात; भुलावा= चकमा देना)
अंतरा- २.
अरमाँ भरा चमन खिला तो था, गुलों के लिए, पर..!
महफ़िल सजाएगें अब कांटें, बुलावा कह रहा है ।
दिल की दरार से, दर्द का लावा बह रहा है ।
(गुल= फूल; बुलावा= निमंत्रण)
अंतरा-३.
मुस्कुराहटों में तेरी, ये दिल भी तहत था, मगर..!
दिल की दरार से देख अंदर, छलावा हँस रहा है ।
दिल की दरार से, दर्द का लावा बह रहा है ।
(तहत= शामिल होना)
अंतरा-४.
जाए तो जाए कहाँ, बेकस, टूटा - फूटा सा दिल..!
शायद, मयक़दे की ओर, ये कारवाँ चल रहा है?
दिल की दरार से, दर्द का लावा बह रहा है ।
(बेकस= लावारिस)
मार्कण्ड दवे । दिनांकः२३-०८-२०१२.
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