
एक संदेश कविता के माध्यम से देश के भाग्य विधाताओं के लिए --हमें-स्वच्छ , प्रदूषण रहित शहर-कस्वा-गाँव चाहिए । जहाँ शेर-बकरी साथ बैठे वह पड़ाव चाहिए ।। हमें नहीं चाहिए कोई भी सेतु इस उफनती सी नदी कोपार करने हेतु हाकिम और ठेकेदारपैसे हज़म कर जाएँ और उद्घाटन के पहले टूटकर बिखर जाएँ हमें पार करने के लिए ब…