एक ऐसी चिट्ठाकारा जिनकी सक्रियता अचंभित करती है हिंदी ब्लॉग जगत को और आवाज़ का जादू सिर चढ़कर बोलता है हमारे-आपके -सबके ऊपर !
जिन्होंने ब्लोगोत्सव -२०१० की भव्य शुरुआत आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' की लिखी वाणी वन्दना को स्वर देकर की और सुर-सरस्वती तथा संस्कृति की त्रिवेणी प्रवाहित करते हुए दिया ब्लोगोत्सव को एक नया आयाम !
ब्लोगोत्सव-२०१० के पूरे परिदृश्य को आयामित करने में जिन चिट्ठाकारों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है उनमें से एक हैं -
श्रीमती स्वप्न मंजूषा "अदा" ।
जिन्हें ब्लोगोत्सव-२०१० की टीम ने उत्सव को एक नया आयाम देने के दृष्टिगत और पूरे वर्ष भर अपनी सारगर्भित टिप्पणियों तथा पोस्ट के माध्यम से लोकप्रियता का नया अध्याय बनाने हेतु वर्ष की श्रेष्ठ महिला चिट्ठाकारा के रूप में अलंकृत करते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
nice
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएं………….
सपनों का भी मतलब होता है?
साहित्यिक चोरी का निर्लज्ज कारनामा.....
ada ji ko badhaai....
जवाब देंहटाएंअदा जी को बहुत बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंअदा जी को बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई व शुभकामनायें ....!
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंये तो होना ही था...
जवाब देंहटाएंहां नहीं तो...
अदा जी को उनकी मेहनत के फल के लिए बहुत-बहुत बधाई...
जय हिंद...
अदा जी को बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंउम्दा चयन!!
अदा जी, सदा आप यह श्रेष्ठता बनाये रखें. बधाइयां.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई अदा जी,
जवाब देंहटाएंक्षमा करें, मुझे आज बधाई देने में देर हो गई।
आपका यह सम्मान हमारे लिये प्रसन्नताकारक है।
अदा जी को बधाई
जवाब देंहटाएंादा जी को बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंअदा जी को इस सम्मान के लिये हार्दिक बधाई!
जवाब देंहटाएंकमाल हो गया कि भारत के स्वतंत्रता दिवस की पूर्व सन्ध्या पर हिन्दी के दोनों टॉप सम्मान कनाडा ले गया।
जय हिंद!
बहुत बहुत बधाई जी आप को
जवाब देंहटाएं