एक ऐसा कवि जिसकी कविताओं में भोजपुरी की माटी की सौंधी महक ऐसे घुली होती है कि बांचने वाला खो जाता है भावनाओं के सरोबर में ....कविता बांचते-बांचते वह अपने आप को मां के आँचल में लिपटने को बेताब हो जाता है !
गाँव का दृश्य और ग्रामीण पात्रों की जिबंतता जिनकी कविता की विशेषता है और गहरी संवेदना की छाप जिनके कथ्य और शिल्प की विशेषता ...!
जानते हैं कौन हैं वो?
वो हैं श्री एम्. वर्मा
जिन्हें ब्लोगोत्सव की टीम ने वर्ष के श्रेष्ठ क्षेत्रीय कवि के रूप में अलंकृत करते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है !
विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ किलिक करें
गाँव का दृश्य और ग्रामीण पात्रों की जिबंतता जिनकी कविता की विशेषता है और गहरी संवेदना की छाप जिनके कथ्य और शिल्प की विशेषता ...!
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वो हैं श्री एम्. वर्मा
जिन्हें ब्लोगोत्सव की टीम ने वर्ष के श्रेष्ठ क्षेत्रीय कवि के रूप में अलंकृत करते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है !
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बहुत बहुत बढ़िया ऍम वर्मा जी को
जवाब देंहटाएंवर्मा जी को बहुत बहुत बधायी !
जवाब देंहटाएंवर्मा जी को बधाई !!
जवाब देंहटाएंवर्मा जी को ढेरों बधाई....
जवाब देंहटाएंवर्मा जी को ढेर सारी बधाईयाँ और शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंबधाईयाँ और शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंवर्मा जी को बहुत बहुत बधाई। कई दिन से रेगुलर नही थी मगर अब लौट आयी हूँ। सहयोग के लिये धन्यवाद। शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंवर्मा जी को बहुत-बहुत बधाईयाँ !
जवाब देंहटाएंवर्मा जी को बधाई
जवाब देंहटाएंवर्मा जी को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई हो।
जवाब देंहटाएंवर्मा जी कवि, ब्लॉगर, लेखक से पहले बहुत अच्छे इनसान है...मैं जब भी वर्मा जी से मिला, बेहद प्रभावित हुआ...सम्मान के लिए बहुत-बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
मुझे आज ही पता चला, एक हफ्ते से बीमार होने के कारण ब्लॉग जगत पर नज़र नहीं डाल सका. वर्मा जी को तहे दिल से मुबारकबाद, बहुत-बहुत बधाई!
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