भारतीय संस्कृति में उत्सव हो या उत्सव में भारतीय संस्कृति, ऐसी घुली मिली हुई है कि पूरा विश्व इस संस्कृति को झुककर सलाम करता है। क्यों न करे, भारत उत्सवों का देश जो है। हम अपने कर्म-कर्तव्य को भी उत्सव से जोड़कर देखते हैं और अपनी प्रगति को भी। यानि हर क्षण हर पल उत्सव हमें अभिप्रेरित करता है कुछ नया करने के लिए।
हिन्दी चिट्ठाकारिता के इतिहास में अंतर्जाल पर उत्सव की परिकल्पना पहली बार वर्ष-2010 में परिकल्पना पर हुई, लगभग दो महीने तक चलने वाले इस उत्सव में शामिल हुये थे 500 से ज्यादा ब्लॉगर । एक नया इतिहास बना और इस इतिहास की पुनरावृति हुई वर्ष-2011 और वर्ष -2012 में भी। वर्ष-2013 के समापन में शेष है केवल दो महीने । तो आइये सबसे पहले हिन्दी व्यंग्य के सर्वाधिक चर्चित हस्ताक्षर पद्म श्री के. पी. सक्सेना जी की याद में दो मिनट का मौन रखते हैं और फिर करते हैं इस ब्लॉगोत्सव को एक नया आयाम देने की तैयारी।
पूर्व की तरह इसबार भी इस उत्सव का संचालन करने जा रही हैं अंतर्जाल की चर्चित कवयित्री रश्मि प्रभा जी। बस थोड़ी देर इंतज़ार करें ....पर्दा उठने ही वाला है ।
आप सभी को दीपावली की शुभकामनाएँ।
अहा ! बेचैनी से इन्तजार है जी !
जवाब देंहटाएंविजय
जवाब देंहटाएंकाश
जला पाती एक दीप ऐसा
जो सबका विवेक हो जाता रौशन
और
सार्थकता पा जाता दीपोत्सव
दीपपर्व सभी के लिये मंगलमय हो ……
अरे वाह, दीपावली के दिन शुभारम्भ। दीपावली पर्व पर आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएँ। आप सबके प्यार और आशीर्वाद का भी इंतज़ार रहेगा !!
जवाब देंहटाएंK.p.saxena ji ko naman, Pariklpna ka swagat hai.
जवाब देंहटाएंके पी सक्सेना जी को विनम्र श्रद्धांजली ।उत्सव के लिए शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंके पी सक्सेना जी को विनम्र श्रद्धांजली ।उत्सव के लिए शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंइंतज़ार है.....दीपावली की शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंसक्सेना सर को नमन !!
जवाब देंहटाएंश्री के. पी. सक्सेना जी को विनम्र श्रद्धांजलि ! परिकल्पना ब्लोगोत्सव के लिये बहुत-बहुत शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंsaxena ji ko shraddhanjali
जवाब देंहटाएंparikalpana2013 ke lie shubhkamnaye...
इंतजार है...दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंस्वागत है:-)
जवाब देंहटाएंउत्सव के प्रारंभ के लिये ....
जवाब देंहटाएंबधाई सहित अनंत शुभकामनाएं
nice
जवाब देंहटाएंएक दीप मेरा जला लो
जवाब देंहटाएंनुक्कड़ आलोकित हो रहा है
मेरी पहली पेशकश
के पी सक्सेना जी के लिए
सादर।
http://www.nukkadh.com/2013/11/blog-post_2.html
हटाएं'के.पी. सक्सेना व्यंग्य लेखन और पाठन महाविद्यालय' आरंभ किया जाए # अविनाश वाचस्पति
ये अनथक यात्रा जारी रहे , शुभकामनाए
जवाब देंहटाएंइन्तेजार रहेगा .....दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट हम-तुम अकेले
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबेसब्री से इन्तजार है ,,,
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनाएँ ।।
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.दीपावली की शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंके पी सक्सेना जी को विनत श्रद्धांजली
जवाब देंहटाएंशुभकामनाऐं !
जवाब देंहटाएंसक्सेना जी को मरी विनम्र श्रधांजलि ...
जवाब देंहटाएंउत्सव के प्रारम्भ की शुभकामनाएं ...
दीपावली के पावन पर्व की बधाई ओर शुभकामनायें ...
KPSaxena ji ko naman
जवाब देंहटाएंswagat hai ji bahut badhiya shubhkaamnaayen
जवाब देंहटाएंbahut- bahut badhai ho ji ...
जवाब देंहटाएंK P Saxena ji ko sraddhanjai.
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