जीवन का पन्ना पलटता है
- पुराने चेहरे नए हो जाते हैं
चिड़िया फिर डाल पर बैठ जाती है
सरगम के बोल होठों पर नई धुन में थिरकते हैं
……….
ज़िन्दगी रूकती नहीं
नए अध्याय खोलती है
तभी तो विरासत में मुझे एक कलम मिली और सहनशीलता के संस्कार - जिनसे विरोध हुआ,पर कुछ खोकर खोने का भय प्रबल हुआ . यह सोच प्रबल हुई कि क्या हम भी सबकुछ मिटा दें ! जबकि मिटानेवाला,बनानेवाला ऊपर बैठा है .
परिकल्पना की नींव पर,ब्लॉग बुलेटिन की नींव पर मैंने अनुभवों के सीमेंट डाले - जोड़ - जो कभी ना टूटे ! प्राप्य की चाह से परे मकसदों की सोच सपने देखती रही …। सपनों के कमरे मेरी आखिरी सांस तक बनते रहें - यही ख्वाहिश है !
लेखन मेरी साँसें हैं
जितनी अभिव्यक्ति - उतनी साँसें
ऑक्सीजन सी होती हैं अभिव्यक्तियाँ
…………।
धन - मेरे लिए कभी मायने नहीं बना सका
जबकि जीने के लिए इसकी अहम् भूमिका है - फिर भी - …… शायद इसीलिए - मैं कभी गरीब नहीं हुई . अभिव्यक्तियों की बारिश जब होती है शब्दों के घनीभूत बादलों से, तब एक मंच तैयार होता है परिकल्पना का - परिकल्पना का उज्जवल विस्तृत आकाश भावनाओं की जगमगाहट लिए देश,विदेश को एक मंच पर लाता है और एक सुसंस्कृत सम्मान से सबको नवाज़ता है .
संघर्ष मित्रता का शुभारम्भ है
संघर्ष संकल्प की नींव है
तूफानों के मध्य
अँधेरे में
रौशनी लाने का हौसला
कलम की तकदीर है
और कलम ही इतिहास की सूत्रधार है ……। तो इस सूत्रधार के आगे विनम्र भाव से हम सर झुकाते हैं और परिकल्पना के मंच से पर्दा उठाते हैं .
आरम्भ भजन से -
कलम ही इतिहास की सूत्रधार है ……। तो इस सूत्रधार के आगे विनम्र भाव से हम सर झुकाते हैं और परिकल्पना के मंच से पर्दा उठाते हैं .
जवाब देंहटाएंसूृृत्रधार के साथ ही आपका भी हार्दिक अभिनंदन है ...
सादर
काश
जवाब देंहटाएंजला पाती एक दीप ऐसा
जो सबका विवेक हो जाता रौशन
और
सार्थकता पा जाता दीपोत्सव
दीपपर्व सभी के लिये मंगलमय हो ……
कलम ही इतिहास की सूत्रधार है …… ,,,
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनाएँ।।
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RECENT POST -: तुलसी बिन सून लगे अंगना
कोई भी परिकल्पना तभी फलीभूत होती है जब उसे अंगीकृत करने वाला फल लगे हुए वृक्ष जैसा हो . शुभारम्भ .
जवाब देंहटाएंआपकी ख्वाहिशें पूर्ण हों
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनाऐं !
धन - मेरे लिए कभी मायने नहीं बना सका
जवाब देंहटाएंजबकि जीने के लिए इसकी अहम् भूमिका है
मुन्नाभाई के विचारों को अभिव्यकत करने के लिए आभार।
धन - मेरे लिए कभी मायने नहीं बना सका
जवाब देंहटाएंजबकि जीने के लिए इसकी अहम् भूमिका है - फिर भी - …… शायद इसीलिए - मैं कभी गरीब नहीं हुई . बहुत सुंदर अभिव्यक्ति दी ..
लेखन मेरी साँसें हैं
जवाब देंहटाएंजितनी अभिव्यक्ति - उतनी साँसें
ऑक्सीजन सी होती हैं अभिव्यक्तियाँ। …
सहमत हूँ
जीने का साधन है लेखनी ..
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं ..
nice
जवाब देंहटाएंआप सभी को सपरिवार दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और मंगलकामनायें !!
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन आई थोड़ी मीठी - थोड़ी खट्टी दिवाली - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
सुबह आँखें खुलते ही आपकी पोस्ट पढ़ी.......सुबह बहुत प्यारी हो गयी ....आभार रश्मिजी ....:)
जवाब देंहटाएंदिल को छूती, दीदी का स्नेहसिक्त पोस्ट !!
जवाब देंहटाएंदीपोत्सव की शुभकामनायें !!
कलम ही इतिहास की सूत्रधार है ....और आपकी कलम में तो सरस्वती का वास हैं हमारी शुभकामनाये
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