दुनिया में रहना है तो थोडा हंसना ज़रूरी है
थोड़ी शरारत न हो
खिलखिलाहट न हो
तो गुलमर्ग की खुशबू खत्म हो जाये
सारे टिमटिमाते तारे बुझ जाएँ
झरने का सौंदर्य पत्थर हो जाये .......... तौबा,तौबा - आप ऐसा चाहेंगे क्या ? नहीं न ?? तो मुझे देखिये और आईने के करीब जाकर मेरी तरह मुस्कुराइए …
नहीं तो जरा डॉ टी एस दराल के नुस्खों पर गौर फरमाइये =
1) दो कंजूस :
दो कंजूस मित्रों की हुई शादी
तो एक कंजूस ने चिंता ज़ताई
यार यह तो बिना बात का खर्चा आ गया !
दूसरा कंजूस बोला सच कहा भाई
इसीलिये आधा खर्चा बचाने को ,
मैं तो हनीमून पर अकेला ही चला गया !
पहला बोला यार सब फिज़ूलखर्ची है ,
मैने तो पूरा ही खर्चा सहेज लिया !
और हनीमून पर पत्नी के साथ
अपनी जगह पड़ोसी को भेज दिया !
2) काम :
मीटिंग खत्म हुई तो
बॉस पी ए से बोला,
आज तो बहुत देर हो गई !
अब घर जाकर भी काम संभालना पड़ेगा !
पी ए बोली , सर उसकी चिन्ता नहीं है ,
खाना बनाने का काम
आजकल हमारे पतिदेव कर रहे हैं!
बॉस बोला डियर तुम्हारी नहीं,
हम तो अपनी बात कर रहे हैं !!
एक अफसर की पी ए देर से आई ,
साहब ने उसे जमकर डांट लगाई !
हमने कहा ज़नाब ,
काहे बेचारी महिला को डांट लगाते हैं !
वो बोले भैया , ये दफ्तर की बात है,
घर मे तो डांट हम खुद ही खाते हैं !
4) कविता चोर कवि :
एक बार हमने कविता सुनाई ,
सुनकर श्रोताओं ने जमकर तालियाँ बजाईं !
तभी एक महिला आकर बोली ,
डॉक्टर साहब कमाल है,
हम क्या सोचते थे, आप क्या निकले !
आप बड़े शरीफ दिखते थे,
बात हमे तब समझ मे आई,
जब पता चला कि वो जिस कवि की फैन थी ,
उसी की काव्य गोष्ठी से होकर आई थी !
और हमने अपने नाम से
उसी कवि की कविता चुराकर सुनाई थी !
5)
क्रांति :
कभी मां बाप बेटे से कहते थे,
बेटा सुन्दर , सुशील
गृह कार्य मे दक्ष ,
लड़की से ही शादी करना !
आजकल कहते हैं, बेटा
शादी लड़की से ही करना !!
नोट : कृपया बताएं कौन सी हंसिका सबसे ज्यादा पसंद आई ! ( कोई भी पसंद न आई हो तो भी बताएं )
और तब भी न हंसी आये तो एक नज़र इन पर भी -
कुछ देर तक ऑपरेशन थिएटर में संता की पत्नी की जांच करने के बाद जब डॉक्टर बाहर आए, तो संता ने डॉक्टर से पूछा – क्या हुआ डॉक्टर साहब, सब ठीक तो है न?
डॉक्टर: एक बहुत ही बुरी खबर है.
संता: क्या हुआ डॉक्टर साहब?
डॉक्टर: तुम्हारी पत्नी बस पांच घंटों की ही मेहमान है.
संता: कोई बात नहीं डॉक्टर साहब, अब जहां पांच साल बर्दाश्त किया है तो पांच घंटे और सही.
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संता एक परदे की दुकान पर गया. दुकानदार ने पूछा किस आकार का परदा चाहिए?
संता: 16 इंच.
दुकानदार (आश्चर्य से): 16 इंच? इतना छोटा परदा? आपकी खिड़की किस आकार की है.
संता: खिड़की के लिए नहीं, मुझे कंप्यूटर के लिए परदे चाहिए.
दुकानदार: कंप्यूटर के लिए परदे की क्या जरूरत है?
संता: एक्सक्यूज मी! आई हैव विंडो कंप्यूटर.
आप हास्य का आनंद लीजिये, मैं मिलती हूँ कल फिर इसी समय इसी जगह ....शुभ विदा!
सभी हँसिकाएँ....गुदगुदाने वाली थीं ...लेकिन २ कंजूस सबसे ज़यादा पसंद आयी......वैसे आप भी चुनकर मोती लाती हैं ...चाहे वह कोई 'रस' हो
जवाब देंहटाएंbahut khoob :) :)
जवाब देंहटाएंवाह जी ....मज़ा आ गया
जवाब देंहटाएंकिस रचना को बेहतर बताऊँ मुझे तो सब ने गुदगुदाया https://lh3.googleusercontent.com/-Em3lvBgvYlI/T2WElbV0BaI/AAAAAAAACdI/ApynphQdka8/s36/7.gif
(h) :>) $-)
जवाब देंहटाएंमुझे देखिये और आईने के करीब जाकर मेरी तरह मुस्कुराइए … :)))))
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढिया