वटवृक्ष पर आज : प्यार ज़िन्दगी कहाँ से शुरू होती है , उस रुदन से, जब माँ के गर्भनाल से अलग होता है बच्चा , या वहाँ से जब माँ के अन्दर एक धड़कन कैद रहती है या वहाँ से जब पहली बार चोट का एहसास होता है या वहाँ से जब स्लेट पर अक्षर अक्षर शब्द उभरते हैं या वहाँ से जब बुद्ध के महाभिनिष्क्रमण का ज्ञान मिलता है, या वहाँ से ......... कहाँ से ? जहाँ से शुरू हो ज़िन्दगी , प्यार सत्य है - हर रिश्तों का ! दरअसल रिश्तों का कोई नाम नहीं होता सिवाए 'प्यार' के ....आगे पढ़ें =========================================================== शब्द सभागार में आज : गाँधी जी पर आधारित हिन्दी फ़िल्म का शुभारम्भ पोर्टब्लेयर में पोर्ट ब्लेयर । आइलैंड फ़िल्म प्रोडक्शन के द्वारा गाँधी जी पर आधारित एक हिन्दी फ़िल्म का शुभारम्भ पोर्टब्लेयर में हुआ। फ़िल्म की कथा, निर्माण एवं निर्देशन नरेश चन्द्र लाल द्वारा किया जा रहा है। कई राष्ट्रीय पुरस्कारों के विजेता श्री लाल की अंडमान आधारित ‘अमृत जल‘ फ़िल्म चर्चा में रही है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के डाक निदेशक एवं चर्चित साहित्यकार कृष्ण कुमार यादव ने मुहुर्त क्लैप शॉट देकर फ़िल्म का शुभारंभ किया। आगे पढ़ें .... ============================================================ ब्लोगोत्सव-२०१० पर आज : श्री राम त्यागी का आलेख : प्रकृति से खिलवाड़ २०१० अमेरिका में याद रहेगा गल्फ ऑफ़ मेक्सिको में हो रहे तेल रिसाव के लिए ! भारत में भोपाल के गैस रिसाव काण्ड के अन्याय की चिंगारी पीडितो में तो पहले से ही सुलग रही थी, अब वो राजनीतिक और बौद्धिक बहस के गलियारों में भी रोशन हो रही है। आगे पढ़ें .... ============================================================ शब्द शब्द अनमोल पर आज : अज़ान का मतलब है उद्घोषणा हमारा भारतीय समाज कई संस्कृति और कई भाषाओं का अनोखा गुलदस्ता है , गाहे- बगाहे हमें विभिन्न भाषाओँ के उन शब्दों को अंगीकार करने की आवश्यकता महसूस होती है जो हिन्दी में घुली-मिली है । इन्हीं भाषाओं में से एक है अरबी भाषा , जिसके बहुतेरे शब्द हिन्दी और उर्दू भाषा में काफी प्रमुखता के साथ प्रयुक्त होते रहे हैं । वर्णानुक्रम में यद्यपि हम अ श्रेणी के शब्दों की व्याख्या प्रस्तुत कर रहे हैं .....इसीक्रम में एक शब्द आया है "अजान" जिसका प्रयोग उर्दू और हिन्दी में सामान रूप से आम-बोलचाल में होता है ......, आईये इस शब्द के बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करते हैं आगे पढ़ें..... =========================================================== भूख-वहशी , भ्रम -इबादत वजह क्या है |
---|
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
शानदार....
जवाब देंहटाएं………….
जिनके आने से बढ़ गई रौनक..
...एक बार फिरसे आभार व्यक्त करता हूँ।
अति सुन्दर, अति सार्थक और अति आकर्षक
जवाब देंहटाएंक्या बात है !
जवाब देंहटाएंवाह वाह वाह
बहुत ख़ूब !
इस पर मैं यही कहूंगी क्या बात है?
जवाब देंहटाएंबहुत खूब प्रभात जी,
जवाब देंहटाएंअच्छी लगी आपकी प्रस्तुति !