ज़िंदगी के श्वेत पन्नों को न काला कीजिये
ग़ज़ल
ज़िंदगी के श्वेत पन्नों को न काला कीजिये
आस्तिनों में संभलकर सांप पाला कीजिये।
चंद शोहरत के लिए ईमान अपना बेचकर -
हादसों के साथ खुद को मत उछाला कीजिये।
रोशनी परछाईयों में क़ैद हो जाये अगर -
आत्मा के द्वार से खुद ही उजाला कीजिये।
खोट दिल में हर किसी के यार है थोडी-बहुत
दूसरों के सर नही इल्ज़ाम डाला कीजिये ।
ताकती मासूम आँखें सर्द चूल्हों की तरफ ,
सो न जाये तब तलक पानी उबाला कीजिये।
जब तलक प्रभात जी है घर की कुछ मजबूरियाँ ,
शायरी की बात तब तक आप टाला कीजिये ।
() रवीन्द्र प्रभात
बेहतरीन ....एक एक शेर करीने से पिरोया है
जवाब देंहटाएंमाशाअल्लाह ...कमाल है
ब्रह्माण्ड
इसे तो धुन में होना चाहिए ताकि सबकी जुबां पे हो
जवाब देंहटाएंताकती मासूम आँखें सर्द चूल्हों की तरफ ,
जवाब देंहटाएंसो न जाये तब तलक पानी उबाला कीजिये।
वाह रवीन्द्र जी बहुत अच्छी गज़ल कही है। बधाई।
चंद शोहरत के लिए ईमान अपना बेचकर -
जवाब देंहटाएंहादसों के साथ खुद को मत उछाला कीजिये।
गज़ल का हर शेर बहुत कुछ सीख देता हुआ ...
आस्तिनों में संभलकर सांप पाला कीजिये।nice
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी ग़ज़ल है , इसके सभी शेर लाजबाब है !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी गज़ल कही है। बधाई।
जवाब देंहटाएंरोशनी परछाईयों में क़ैद हो जाये अगर -
जवाब देंहटाएंआत्मा के द्वार से खुद ही उजाला कीजिये।
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
रोशनी परछाईयों में क़ैद हो जाये अगर -
जवाब देंहटाएंआत्मा के द्वार से खुद ही उजाला कीजिये।
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लाजवाब ग़ज़ल है
एक-एक शेर बेहतरीन
ग़ज़ल में भरपूर ताजगी है
बहुत-बहुत बधाई
आभार
बहुत ही शानदार ग़ज़ल के लिए बधाई.
जवाब देंहटाएंawesome... beautiful... bahut pyaari....
जवाब देंहटाएंprabhat ji
जवाब देंहटाएंbahut sundar rachana aur bahut sundar bhavabhivyakti, BADHAI
PRABHAT JI
जवाब देंहटाएंBAHUT SUNDAR RACHANA AUR USASE BHEE SUNDAR BHAVABHIVYAKTI,BADHAI