परसों की पोस्ट "अच्छे ब्लॉग लेखन के लिए जरूरी है .....!" से आगे बढ़ते हुए आज प्रस्तुत है - कैसे करें बेनामी टिप्पणियों की पहचान ? |
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यह प्रकृति का नियम है ,कि - " हर अगला कदम पिछले कदम से खौफ खाता है ...!"
यह खौफ सकारात्मक भी हो सकता है, नकारात्मक भी और विध्वंसात्मक भी । सकारात्मक कदम अपने प्रतिद्वंदी से सर्वथा आगे रहने का प्रयास अपनी योग्यता/प्रतिभा और पुरुषार्थ के बल पर करता है, नकारात्मक कदम सर्वथा अपने प्रतिद्वंदी की आलोचना करता है और विध्वंसात्मक कदम प्रतिद्वंदी को चोट/पीड़ा/दु:ख पहुंचाने की कोशिश करता है ।
बेनामी या छद्म प्रोफाईल से की गयी टिप्पणी विध्वंसात्मक कदम का एक हिस्सा है । यह काम कमोवेश वही ब्लोगर करते हैं, जिन्हें आपके होने से अस्तित्व संकट का खतरा महसूस होता है । इस प्रकार की टिप्पणी आपके मित्र ब्लोगर भी कर सकते हैं और प्रतिद्वंदी भी ।
सच तो ये है कि बेनामी या छद्म प्रोफाईल से की गयी टिप्पणी करना अवगुण ही नहीं एक प्रकार का मानसिक रोग भी है । इसलिए बेनामी टिप्पणियों की पहचान होने पर उसे सार्वजनिक न करें , बल्कि यदि वह मित्र है तो उससे दूरी बनाएं और यदि वह प्रतिद्वंदी है तो मित्र ब्लोगर्स से सलाह-मशविरा के बाद उसका सामाजिक वहिष्कार करें । साफ़-सुथरी ब्लोगिंग के लिए यह आवश्यक है ।
कभी भी बेनामी या छद्म प्रोफाईल से की गयी टिप्पणियों पर उत्तेजित न हो , क्योंकि यदि आप उत्तेजित होकर असंसदीय भाषा में टिप्पणी कर बैठते हैं तो वह (बेनामी ब्लोगर ) अपने उद्देश्य में सफल हो जाएगा । इसलिए विध्वंसक टिप्पणियों की पहचान कर उसकी कॉपी अपने पास सुरक्षित रखते हुए कॉमेंट को मॉडरेट कर दें ।
अब प्रश्न यह उठता है कि कैसे करेंगे बेनामी टिप्पणियों की पहचान ?
यह काम मुश्किल जरूर है , मगर असंभव नहीं है । थोड़े से बौद्धिक व्यायाम के बाद आप बेनामी टिप्पणियों की पहचान कर सकते है । सबसे पहले तो एडवांस ट्रैफिक विश्लेषण से संवंधित इस साईट पर जाएँ और रजिस्ट्रेसन की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए इसे अपने ब्लॉग से जोड़ दें । अब यह आपके ब्लॉग पर आने वाले हर आगंतुक/शहर/ब्लॉग/अग्रीगेटर आदि की जानकारी उपलब्ध कराएगा । यह भी बताएगा वह कितनी अवधी तक आपके ब्लॉग पर रहा । इसके अतिरिक्त भी ट्रैफिक से संवंधित कई अनछुई जानकारियाँ भी यह साईट आपको उपलब्ध कराएगा ।
बेनामी टिप्पणी करने वाला यदि मित्र है तो यथासमय वह संभव है अपने ब्लॉग से सीधे आपके ब्लॉग पर पहुंचेगा । यदि वह एग्रीगेटर के माध्यम से आया है तो आप यह मालूम कर सकते हैं कि वह किस शहर से आया है या फिर अग्रीगेटर पर आने से पहले वह किस साईट पर था आदि । फिर आप उस शहर के कुछ चुनिन्दा ब्लोग्स को छांटिए और ब्लोगर की लेखन शैली की पहचान करते हुए टिप्पणी से मिलाईये या फिर उसकी कुछ टिप्पणियों को खंगालिए उसके द्वारा प्रयुक्त शब्दों से आप उस बेनामी ब्लोगर तक पहुँच सकते हैं ।
क्योंकि गलत करने वाला कभी-कभी अनजाने में कुछ साक्ष्य छोड़ जाता है ।
पिछले दिनों मेरे साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ, ज्योत्सना के नाम से एक बेनामी टिप्पणी आई । जब मैंने शहर का लोकेशन देखा तो कुछ और ही था, किन्तु उसके फर्जी प्रोफाईल में लोकेशन दिल्ली दिखाया गया था । अब भला एक महिला ९०० कि.मी.की यात्रा करके किसी दूसरे शहर से बेनामी टिप्पणी करने क्यों आयेगी फिर मैंने उस टीप्पणी में चार बार प्रयुक्त एक शब्द को चिन्हित किया और उस ब्लोगर तक पहुँचाने में सफल हो गया जिसका तकिया-कलाम वही शब्द है । आपको जानकर यह सुखद आश्चर्य होगा कि यह वह ब्लोगर निकला जिन्हें मैं सर्वदा श्रद्धा और सम्मान की नज़रों से देखता था .....फिर मैंने सोचा उसका नाम सार्वजनिक कर विवाद को क्यों जन्म दिया जाए ...सो मैंने चुप्प रहना ही वेहतर समझा । इसलिए आपको भी सलाह है कि बेनामी टिप्पणी जाहिर हो जाने पर सार्वजनिक न करें, अपितु उचित समय पर उचित निर्णय लें ......! यदि वह आपको बार-बार परेशान कर रहा हो तो कुछ दिन शांत रहकर धैर्य के साथ उसकी गतिविधियों का अवलोकन करें और पुख्ता साक्ष्य जुटाएं ... जरूरत पड़ने पर साईबर सेल की मदद से उचित कानूनी कार्यवाही हेतु न्यायिक विशेषज्ञों से सलाह लें । सच्ची ब्लोगिंग के लिए यह आवश्यक है ।
आज बस इतना हीं , आगे भी ब्लोगिंग से संवंधित कुछ उपयोगी बातों के साथ हम समय-समय पर उपस्थित होते रहेंगे........ ।
बड़ी अच्छी जानकारी दी आपने...अब तो छद्म-नामों की खैर नहीं..
जवाब देंहटाएंइस रास्ते पर हमने भी कुछ पहचान की है।
जवाब देंहटाएंसार्थक जानकारी के लिए आपका आभार
अरे ये तो कमाल की जानकारी दी आपने.
जवाब देंहटाएंबहुत ही कारगर और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंमन करता है की एक ठो बोर्ड बनवा के लगा दे बेनामी और छद्म नामों की... स्टेशन पर लगे गुमशुदा की तलाश सरीखी... :)
जवाब देंहटाएंbut i agree to ignore is the best way.... लेकिन दिल कमबख्त कमेन्ट की संख्या गिनने में लगा है.. तो कैसे इग्नोर हो..
बहुत ही उपयोगी और सार्थक जानकारी दी है आपने, आभार
जवाब देंहटाएंसार्थक जानकारी के लिए आपका आभार
जवाब देंहटाएंकारगर और महत्वपूर्ण जानकारी
जवाब देंहटाएंहूँ ,मुझे पहले से पता है !
जवाब देंहटाएंnaye blogars ke liye laabhdaayak
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया दी यह जानकरी आपने शुक्रिया
जवाब देंहटाएंछद्म प्रोफाईल से की गयी टिप्पणी करना अवगुण ही नहीं एक प्रकार का मानसिक रोग ही है...
जवाब देंहटाएं.....बहुत कारगर और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आभार
आपने बड़ी अच्छी जानकारी दी है...
जवाब देंहटाएंसार्थक और उपयोगी जानकारी ..अभी इसकी जाँच भी करते हैं ...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंकाव्य प्रयोजन (भाग-८) कला जीवन के लिए, राजभाषा हिन्दी पर मनोज कुमार की प्रस्तुति, पधारें
उपयोगी जानकारी के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंNothing to moderate..
जवाब देंहटाएंI am using it for last 3 months.
Thanks !
महत्वपूर्ण जानकारी, आभार!
जवाब देंहटाएंलाभदायक जानकारी ..
जवाब देंहटाएंआभार !
बहुत ही उपयोगी और सार्थक जानकारी दी है आपने, आभार
जवाब देंहटाएंबढ़िया काम की जानकारी ...चलो पड़ते है पीछे इन छद्म लोगों के अब !!
जवाब देंहटाएंये तो बहुत उपयोगी जानकारी है। धन्यवाद।
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