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दो- तिहाई विश्व की ललकार है हिंदी मेरी -
माँ की लोरी व पिता का प्यार है हिंदी मेरी ।
बाँधने को बाँध लेते लोग दरिया अन्य से -
पर भंवर का वेग वो विस्तार है हिंदी मेरी ।
सुर -तुलसी और मीरा के सगुन में रची हुई -
कविरा और बिहारी की फुंकार है हिंदी मेरी ।
फ्रेंच , इन्ग्लीश और जर्मन है भले परवान पर -
आमजन की नाव है, पतवार है हिंदी मेरी ।
चांद भी है , चांदनी भी , गोधुली- प्रभात भी -
हरतरफ बहती हुई जलधार है हिंदी मेरी ।
() रवीन्द्र प्रभात
बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंराजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
मैं दुनिया की सब भाषाओं की इज़्ज़त करता हूँ, परन्तु मेरे देश में हिन्दी की इज़्ज़त न हो, यह मैं नहीं सह सकता। - विनोबा भावे
हरीश प्रकाश गुप्त की लघुकथा प्रतिबिम्ब, “मनोज” पर, पढिए!
हरतरफ बहती हुई जलधार है हिंदी मेरी । ......hindi divas par saarthak our sundar rachna.
जवाब देंहटाएंबाँधने को बाँध लेते लोग दरिया अन्य से -
जवाब देंहटाएंपर भंवर का वेग वो विस्तार है हिंदी मेरी ।
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति।
सुन्दर अभिव्यक्ति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसचमुच हिंदी हमारी शान है , हिंदी से अच्छी भाषा पूरे व्रह्मांड में नहीं ....आभार
जवाब देंहटाएंशत शत नमन अपनी हिंदी को, आपकी स्तुति को भी.
जवाब देंहटाएंशत शत नमन अपनी हिंदी को, आपकी स्तुति को भी.
जवाब देंहटाएंशत शत नमन अपनी हिंदी को, आपकी स्तुति को भी.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ..
जवाब देंहटाएंbahut sundar rachna...aabhaar !
जवाब देंहटाएंघर में हिन्दी की हालत भले ही दाल सरीखी हो पर देश के बाहर यहां की बड़बोली अंग्रेज़ी कई बार छोड़कर हिन्दी अपनानी ही पड़ती है :) जब आप चाहते हैं कि आसपास कोई आपकी बात न समझे तो समझदारी इसी में होती है कि आपस में बात हिन्दी में की जाए.
जवाब देंहटाएंहिन्दी के प्रचार, प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है. हिन्दी दिवस पर आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं साधुवाद!!
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना ...
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