परिकल्पना पर आज :'' हो गयी हर घाट पर पूरी व्यवस्था , शौक़ से डूबें जिसे भी डूबना है ''
हो गयी हर घाट पर पूरी व्यवस्था , शौक़ से डूबें जिसे भी डूबना है '' दुष्यंत ने आपातकाल के दौरान ये पंक्तियाँ कही थी , तब शायद उन्हें भी यह एहसास नहीं रहा होगा कि आनेवाले समय में बिना किसी दबाब के लोग स्वर्ग या फिर नरक लोक की यात्रा करेंगे । वैसे जब काफी संख्या में लोग मरेंगे , तो नरक हाउस फुल होना लाजमी है , ऐसे में यमराज की ये मजबूरी होगी कि सभी के लिए नरक में जगह की व्यवस्था होने तक स्वर्ग में ही रखा जाये ।....आगे पढ़ें
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आगरा से प्रकाशित हिंदी दैनिक डी एल ए में दिनांक ०४.०९.२०१० को ब्लॉग चिंतन के अंतर्गत लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान-२०१० से सम्मानित वर्ष के श्रेष्ठ ब्लोगर श्री समीर लाल 'समीर' और वर्ष की श्रेष्ठ महिला ब्लोगर श्रीमती स्वप्न मंजूषा 'अदा' की व्यापक और विस्तृत चर्चा हुई है .....आगे पढ़ें
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गुरु (संस्कृत शब्द, अर्थात भारी या महत्वपूर्ण, इसलिए आदरणीय या श्रद्धेय ), हिन्दू धर्म में एक व्यक्तिगत अध्यात्मिक शिक्षक या निर्देशक, जिसने अध्यात्मिक अंतर्दृष्टि प्राप्त कर ली हो । कम से कम उपनिषदों के समय से भारत में धार्मिक शिक्षा में गुरुकुल पद्धति के महत्व पर जोर दिया जाता रहा है । आगे पढ़ें ....
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बिहार प्रगतिशील लेखक संध के तत्चावधान में माध्यमिक शिक्षक संध, पटना के सभागार में फ़ैज अहमद फ़ैज की जन्मशती समारोह का आयोजन किया गया । समारोह की अध्यक्षता डा. इम्तियाज अहमद , निदेशक खुदाबख्श आरियंटल उर्दू लाइब्रेरी ,पटना ने की । मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार शकील सिद्दिकी, लखनऊ के साथ-साथ प्रलेस के राष्ट्रीय उपमहासचिव डा. अली जावेद थे कार्यक्रम का संचालन युवा कवि शहंशाह आलम ने किया।...आगे पढ़ें
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प्यार ....... कहते ही एक सिहरन सी होती है, पलकें भारी हो उठती हैं , पैरों से रुनझुन के गीत बजते हैं ...क्या है यह प्यार ? कि सब कहते हैं - 'मैं तख्तो ताज को ठुकरा के तुझको ले लूँगा कि तख्तो ताज से तेरी गली की ख़ाक भली 'ओह ! प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम ना दो.......आगे पढ़ें

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